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वायरल बुख़ार के लिए क्या करें

  • 29 Mar 2023
  • #आंतरिक चिकित्सा
  • #मेदांता अस्पताल
  • #मेदांता ब्लॉग
  • #वायरल फीवर

वायरल फीवर या बुख़ार वायरल संक्रमणों के एक समूह को इंगित करता है जो आपके शरीर के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। इसमें व्यक्ति को उच्च तापमान, आंखों में जलन, सिरदर्द, शरीर में दर्द, मतली और उल्टी जैसे लक्षण महसूस होते हैं।

 

बच्चों और बुजुर्गों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, इसीलिए वायरल फीवर उनमे होने की संभावना ज़्यादा रहती है। बुखार अपने आप में कोई बीमारी नहीं है, बल्कि यह किसी ना किसी बीमारी, मुख्यत वायरल संक्रमण, का एक प्रमुख लक्षण है। वायरल संक्रमण आंतों, फेफड़ों और वायुमार्गों सहित शरीर के किसी भी अंग को प्रभावित कर सकता है। वायरल संक्रमण के कारण व्यक्ति में बुखार आ सकता है। आमतौर पर तेज़ बुखार एक संकेत है कि आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली घुसपैठ करने वाले रोगजनकों से लड़ रही है। बहुत से लोग ठंड लगने के साथ बीच-बीच में तेज बुखार होने पर स्वयं दवा या कभी-कभी एंटीबायोटिक्स भी ले लेते हैं, जो की एक बुरा विचार है। वायरस एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति कोई प्रतिक्रिया नहीं देते और लक्षणों में कोई सुधार नहीं होता। एंटीबायोटिक खतरनाक बैक्टीरिया को खत्म करते हैं। बिना ज़रूरत के एंटीबायोटिक्स आपके पेट की सुरक्षात्मक परत को नुकसान पहुंचा सकते हैं, आंतों के अच्छे फ्लोरा को मार सकते हैं, पेट में अम्लता पैदा कर सकते हैं, और अगर बार-बार लिया जाए तो एंटीबायोटिक आपके लीवर और किडनी को हानि पहुंचा सकते हैं। यदि आपको 103°F और 40°C से अधिक बुखार है जो काफ़ी दिन से ठीक नहीं हो रहा है तो आपको अपने डॉक्टर तुरंत से मिलना चाहिए।

 

वायरल फीवर के क्या लक्षण होते हैं?

 

वायरस के प्रकार के आधार पर, वायरल बुखार का तापमान 99°F से 103°F (39°C) से अधिक भी हो सकता है।

 

वायरल फीवर में व्यक्ति की निम्न लक्षणों का अनुभव हो सकता है:

  • कभी-कभी ठंड लगना
  • शरीर का तापमान 103°F तक या उससे अधिक
  • डीहाइड्रेशन
  • सिर में दर्द
  • मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
  • कमज़ोरी महसूस होना
  • भूख न लगना

अधिकतर यह लक्षण कुछ दिनों में अपने आप सही हो जाते हैं।

 

वायरल फीवर होने के क्या कारण है?


विषाणु (virus) के कारण होने वाले संक्रमण की वजह से वायरल फीवर होता है। विषाणु बहुत ही छोटे आकार के संक्रामक कारक होते हैं। ये वायरस आपके शरीर की सामान्य कोशिकाओं में प्रवेश कर विभाजित होते रहते हैं। बुखार एक वायरस के खिलाफ आपके शरीर की सुरक्षा प्रतिक्रिया होती है। क्योंकि कई वायरस तापमान में बदलाव के प्रति बहुत संवेदनशील होते हैं, और बुखार में आपके शरीर के तापमान में तेजी से वृद्धि आपके शरीर की वायरस संक्रमण की अनुकूलता को कम करती है ।

 

किसी वायरस से आप निम्न तरीक़ों से संक्रमित हो सकते हैं:

  • वायरस से संक्रमित व्यक्ति या होस्ट और वाहक (वायरस को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में ट्रांसफ़र कर सकता है बिना ख़ुद संक्रमित होकर) के निकट संपर्क में आने से वायरस संक्रमण फैल सकता है।
  • संक्रमित व्यक्ति से वायरस युक्त बूंदों को साँस के द्वारा अंदर लेने से भी आपमें वायरल बुखार फैल सकता है। वायरल बुखार का सबसे मुख्य कारण सीजनल फ्लू है।
  • वायरस संक्रमित व्यक्ति के साथ खाद्य और पेय पदार्थ साझा करने से वायरल बुखार फैल सकता है।
  • वायरल फीवर दूषित पानी पीने से भी फैल सकता है, ख़ासकर से बच्चों में।
  • यौन क्रिया के दौरान संक्रमित व्यक्ति के शारीरिक तरल पदार्थ के संपर्क में आने से भी सहयोगी में वायरल बुखार फैल सकता है।
  • कीट जैसे मच्छर या टिक के काटने से वायरस एक आदमी से दूसरे में फैल सकता है जो इन कीटों से वायरल बुखार का कारण बनता है। इन कीटों के काटने से होने वाले वायरल फीवर में डेंगू बुखार, येलो फीवर, जीका और चिकनगुनिया मुख्य हैं। नशीली दवाओं और सुइयों के साझा उपयोग के दौरान, संक्रमित व्यक्ति के साथ रक्त के आदान-प्रदान से वायरल बुखार फैल सकता है।

 

वायरल फीवर की जाँच कैसे की जाती है?


वायरल बुखार और बैक्टीरियल संक्रमण के लक्षण आम तौर पर समान होते हैं। वायरल बुखार को सुनिश्चित करने के लिए डॉक्टर सबसे पहले बैक्टीरियल संक्रमण की संभावना को अलग करेगा। वे आपके लक्षणों और चिकित्सा के इतिहास से और बैक्टीरिया परीक्षण के लिए नमूने की जाँच कर ऐसा कर सकते हैं।

 

यदि गले में खराश है तो विशेष बैक्टीरिया की जांच करने के लिए वे आपके गले से स्वाब ले कर स्ट्रैप (strep) थ्रोट के लिए ज़िम्मेदार बैक्टीरिया की जाँच कर सकते हैं। यदि परीक्षण के परिणाम नकारात्मक आते हैं, तो आपके वायरस से संक्रमित होने की संभावना सबसे अधिक हो जाती हैं। डॉक्टर वायरल संक्रमण का संकेत देने वाले कारक (WBCs count) की जाँच करने के लिए आपका रक्त का नमूना या अन्य शारीरिक तरल पदार्थ भी एकत्र कर सकते हैं।

 

वायरल फीवर का उपचार क्या है?


वायरस के प्रकार और लक्षणों की गंभीरता के आधार पर डॉक्टर वायरल फीवर का इलाज करते हैं। हल्के वायरल बुखार के लिए, डॉक्टर आमतौर पर पेरासिटामोल या इबुप्रोफेन जैसी दवाएं देते हैं। गर्म स्नान और इलेक्ट्रोलाइट पेय भी मांसपेशियों में दर्द, थकावट और दस्त में आराम दें सकते हैं।

 

तेज़ बुखार में, आपका डॉक्टर पेरासिटामोल की उच्च खुराक को हर 4-6 घंटे लेने की सलाह देते है। आपको डॉक्टर से सलाह लिये बिना कोई दवाई नहीं लेनी चाहिए। डॉक्टर पेरासिटामोल को तेज़ बुखार को कम करने और गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों में इंट्रवेनस (IV injection) के रूप में भी देते हैं।

 

आपके डॉक्टर वायरल फीवर के दौरान सेकेंडरी बैक्टीरियल संक्रमण को रोकने के लिए एंटीबायोटिक्स लिख सकता है, और उन्हें उनकी खुराक, आवृत्ति और अवधि के अनुसार निर्धारित समय पर ही लेना चाहिए। अक्सर लोग वायरल संक्रमण में बुखार को कम करने के लिए ओवर-द-काउंटर (OTC) दवाओं का उपयोग करके स्व-चिकित्सा करते हैं। हालाँकि, स्व-चिकित्सा हानिकारक हो सकती है क्योंकि ख़ुद ही इलाज करने से गंभीर समस्याएँ हो सकती हैं या गलत दवाईओं का उपयोग हो सकता है। सही जाँच और उपचार के के लिए, आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए और उनके द्वारा दी गई चिकित्सकीय सलाह पर ध्यान देना चाहिए।

 

This blog is a Hindi version of an English-written Blog - A Guide to Viral Fevers

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