मल में खून आना: कारण एवं उपचार
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आज मैं आपके लिए एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य विषय पर ब्लॉग लिख रहा हूँ। इस ब्लॉग में हम मेदांता, पटना के प्रसिद्ध गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट डॉ. आशीष कुमार झा द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर “मल में खून आना” विषय पर चर्चा करेंगे।
मल में खून आना: एक परिचय
मल में खून आना एक ऐसा लक्षण है जिसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यह सामान्य बीमारियों से लेकर गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है। डॉ. आशीष कुमार झा के अनुसार, मल में खून आने के कई कारण हो सकते हैं, और इसकी गंभीरता का आकलन करने के लिए सही निदान आवश्यक है।
पैखाना में खून आने के प्रकार
पैखाना में खून कई तरह से दिखाई दे सकता है:
पैखाना के ऊपर लगा हुआ खून - जब मल त्याग के बाद उसके ऊपर खून लगा हुआ दिखाई देता है।
टप-टप करके आने वाला खून - कई बार मल त्याग के बाद भी खून का स्राव जारी रहता है।
मल में मिला हुआ खून - जैसे आटे में रंग घोल दिया गया हो, ऐसा दिखने वाला खून। इस स्थिति में अक्सर पेट में दर्द भी होता है, जो कोलाइटिस (आंत की सूजन) का संकेत हो सकता है।
मल में खून आने के कारण
बवासीर
सबसे आम कारण जिसके चलते मल में खून आता है, वह है बवासीर (हेमरॉइड्स)। बवासीर के लक्षण में मल त्याग के बाद खून का आना शामिल है। यह आमतौर पर चमकीला लाल रंग का होता है और मल के ऊपर दिखाई देता है।
हालांकि, अगर आपको बार-बार पैखाना जाना पड़ता है और उसके साथ खून भी आ रहा है, तो यह अन्य गंभीर स्थितियों का संकेत हो सकता है, जैसे:
अल्सरेटिव कोलाइटिस (आंत में अल्सर)
विभिन्न प्रकार के कोलाइटिस (आंत की सूजन)
कैंसर
डॉ. झा के अनुसार, अगर मल में निरंतर खून आ रहा है और वह ठीक नहीं हो रहा है, तो इसे नजरअंदाज करना उचित नहीं है। ऐसी स्थिति में तुरंत चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए।
निदान प्रक्रिया: कोलोनोस्कोपी और सिग्माटोस्कोपी
मल में खून आने के कारणों का पता लगाने के लिए डॉक्टर एंडोस्कोपी की सलाह दे सकते हैं। इसके दो प्रमुख प्रकार हैं:
कोलोनोस्कोपी - यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक लचीली ट्यूब में लगे कैमरे की मदद से पूरी बड़ी आंत की जांच की जाती है।
सिग्माडोस्कोपी - इस प्रक्रिया में आंत के निचले हिस्से (सिग्मॉइड कोलन) की जांच की जाती है।
इन प्रक्रियाओं में, डॉक्टर एक ट्यूब में लगे कैमरे की मदद से देखते हैं कि खून कहाँ से आ रहा है और किस कारण से आ रहा है। यह सटीक निदान और उचित उपचार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
डॉ. आशीष कुमार झा बताते हैं कि उम्र के अनुसार मल में खून आने के कारण अलग-अलग हो सकते हैं:
बच्चों में
पॉलिप - मांस का एक छोटा सा टुकड़ा जो आंत में विकसित हो जाता है
बवासीर
वयस्कों में
कैंसर
बवासीर
कोलाइटिस (आंत की सूजन)
डॉ. झा इस बात पर जोर देते हैं कि मल में खून आने के कारण के आधार पर ही उचित उपचार संभव है। इसलिए, सही निदान के लिए जांच अत्यंत आवश्यक है। जांच के बाद ही डॉक्टर समुचित उपचार की योजना बना सकते हैं।
निष्कर्ष
मल में खून आना एक ऐसा लक्षण है जिसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। यह छोटी-मोटी समस्याओं से लेकर गंभीर बीमारियों तक का संकेत हो सकता है। अगर आपको या आपके परिवार के किसी सदस्य को यह समस्या है, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें। याद रखें, समय पर निदान और उपचार से कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बचा जा सकता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
क्या मल में खून आना हमेशा गंभीर होता है?
नहीं, हर बार गंभीर नहीं होता। अक्सर यह बवासीर जैसी छोटी समस्याओं के कारण होता है। हालांकि, निरंतर या अधिक मात्रा में खून आना चिंता का विषय हो सकता है।
क्या बच्चों में मल में खून आना आम है?
बच्चों में मल में खून आने का मुख्य कारण पॉलिप या बवासीर हो सकता है। हालांकि, किसी भी उम्र में इस लक्षण को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
कोलोनोस्कोपी में क्या होता है?
कोलोनोस्कोपी एक प्रक्रिया है जिसमें एक लचीली ट्यूब में लगे कैमरे की मदद से बड़ी आंत की जांच की जाती है। इससे डॉक्टर को यह पता चलता है कि खून कहाँ से और क्यों आ रहा है।
क्या आहार में परिवर्तन से मल में खून आने की समस्या ठीक हो सकती है?
केवल आहार से इस समस्या का इलाज संभव नहीं है। सही निदान और उपचार के लिए डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक है।
मल में खून आने पर तुरंत क्या करना चाहिए?
अगरआपकोमलमेंखूनदिखाईदे, तोघबराएंनहीं।लेकिनइसेनजरअंदाजभीनकरें।जल्दसेजल्दअपनेडॉक्टरसेसंपर्ककरें, विशेषकरअगरयहनिरंतरहोयाअन्यलक्षणोंजैसेपेटदर्द, बुखारयाकमजोरीकेसाथहो।