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पैंक्रियाटाइटिस की जानकारी

पैंक्रियाटाइटिस की जानकारी

इस लेख में हम मेदांता, पटना के प्रसिद्ध गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट डॉ. आशीष कुमार झा द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर “पैंक्रियाटाइटिस” विषय पर चर्चा करेंगे।

पैंक्रियाटाइटिस क्या है और अग्नाशय के कार्य

पैंक्रियाटाइटिस क्या है यह जानना हर किसी के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एक गंभीर स्थिति हो सकती है। पैंक्रियाज, जिसे अग्नाशय कहते हैं, शरीर की एक महत्वपूर्ण ग्रंथि होती है। यह ग्रंथि खाना पचाने के लिए कई प्रकार के एंजाइम्स स्रावित करती है। अग्नाशय न केवल खाना पचाने के लिए अत्यंत आवश्यक है, बल्कि शरीर में रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

जब किसी भी कारण से अग्नाशय में सूजन आ जाती है, तो इस स्थिति को पैंक्रियाटाइटिस कहते हैं। यह एक गंभीर स्थिति हो सकती है जिसके लिए तत्काल चिकित्सकीय ध्यान की आवश्यकता होती है।

अग्नाशय की सूजन के प्रमुख कारण और लक्षण

अग्नाशय की सूजन कई कारणों से हो सकती है, जिनमें शराब का अत्यधिक सेवन प्रमुख है। डॉ. आशीष कुमार झा के अनुसार, पैंक्रियाटाइटिस के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:

  • शराब का अत्यधिक सेवन

  • पित्त की नली (बायल डक्ट) में पथरी

  • एस्केरिस या राउंड वर्म (एक प्रकार के परजीवी)

  • अन्य कई कारण

इन कारणों से अग्नाशय में सूजन आ जाती है, जिसे पैंक्रियाटाइटिस कहते हैं। यह दो प्रकार का होता है - एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस और क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस।

एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस के लक्षण और जटिलताएं

एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस के लक्षण में अचानक पेट में तेज दर्द, उल्टी और पेट का फूलना शामिल है। यह अचानक होता है और इसके लक्षण तुरंत दिखाई देते हैं। डॉ. झा के अनुसार, एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस के प्रमुख लक्षण हैं:

  • अचानक पेट में तेज दर्द

  • उल्टी होना

  • पेट का फूलना

  • सांस लेने में कठिनाई

  • पेशाब की मात्रा में कमी

डॉ. झा बताते हैं कि एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस के 80% मामले (10 में से 8 लोग) उचित चिकित्सकीय देखभाल के साथ 5-7 दिनों में ठीक हो जाते हैं। हालांकि, 20% मामलों (10 में से 2 लोग) में यह जानलेवा साबित हो सकता है। इसका कारण है कि गंभीर मामलों में यह कई अंगों को प्रभावित कर सकता है, जिससे:

  • मल्टी-ऑर्गन डिस्फंक्शन

  • किडनी पर प्रभाव

  • फेफड़ों पर प्रभाव

  • रोगी को वेंटिलेटर पर रखने की आवश्यकता

  • जान का खतरा

कई बार एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस के बाद पेट में द्रव जमा हो जाता है, जिसे डॉक्टर “सूडो सिस्ट” या “वर्ल्ड ऑफ पैंक्रियाटिक नेक्रोलॉजी” कहते हैं। यदि 4 से 6 सप्ताह में यह पानी नहीं सूखता है तो इसे एंडोस्कोपिक ऑपरेशन के द्वारा निकाला जाता है, वरना यह गंभीर पेट दर्द का कारण बन सकता है।

क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस के कारण और दीर्घकालिक प्रभाव

क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस के कारण में लंबे समय तक शराब का सेवन और पित्त की पथरी प्रमुख हैं। यह एक दीर्घकालिक स्थिति है जिसमें रोगी को लंबे समय तक पेट में दर्द रहता है। डॉ. झा के अनुसार, क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस के प्रमुख लक्षण और प्रभाव हैं:

  • लंबे समय तक पेट में दर्द

  • डायबिटीज (मधुमेह) का विकास

  • अग्नाशय में पथरी का निर्माण

यह रोग तुरंत जानलेवा नहीं होता है, लेकिन यह लंबे समय तक रोगी का पीछा करता रहता है और जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करता है।

पैंक्रियाटाइटिस का इलाज और चिकित्सा विकल्प

पैंक्रियाटाइटिस का इलाज इसके प्रकार और गंभीरता पर निर्भर करता है। डॉ. झा बताते हैं कि कई बार दवाइयों से इलाज संभव होता है, लेकिन कुछ मामलों में अधिक उन्नत उपचार की आवश्यकता होती है:

  • दवाइयां: प्रारंभिक उपचार के लिए

  • एंडोस्कोपिक ऑपरेशन: यदि दवाइयों से लाभ न हो

  • ओपन सर्जरी: गंभीर मामलों में

मेदांता पटना में पैंक्रियाटाइटिस का इलाज विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा किया जाता है, जहां सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं।

पैंक्रियाटाइटिस के जोखिम और बचाव के उपाय

पैंक्रियाटाइटिस के जोखिम को कम करने के लिए शराब से परहेज करना और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना महत्वपूर्ण है। डॉ. आशीष कुमार झा पैंक्रियाटाइटिस से बचाव के लिए निम्नलिखित सुझाव देते हैं:

  • शराब का सेवन न करें या कम करें: शराब पैंक्रियाटाइटिस का प्रमुख कारण है

  • समय-समय पर कृमि नाशक दवाइयां लें: एस्केरिस जैसे परजीवियों से बचाव के लिए

  • पित्त की पथरी का उचित प्रबंधन: यदि आपको पित्त की पथरी है, तो डॉक्टर से परामर्श करें कि क्या इसे निकालना आवश्यक है

निष्कर्ष

डॉ. झा इस बात पर जोर देते हैं कि यदि किसी को पैंक्रियाटाइटिस हो जाए, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह रोग कई बार जानलेवा हो सकता है। उनका सुझाव है कि रोगी को तुरंत गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए और ऐसे अस्पताल में इलाज करवाना चाहिए जहां सभी आवश्यक सुविधाएं, जैसे अच्छी आईसीयू, उपलब्ध हों।

पैंक्रियाटाइटिस एक गंभीर स्थिति है, लेकिन समय पर उचित चिकित्सा और जीवनशैली में परिवर्तन से इसका प्रभावी प्रबंधन किया जा सकता है। अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें और किसी भी असामान्य लक्षण के मामले में तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

  1. क्या पैंक्रियाटाइटिस एक आम बीमारी है?

    पैंक्रियाटाइटिस आम नहीं है, लेकिन शराब का अधिक सेवन करने वालों और पित्त की पथरी से पीड़ित लोगों में यह अधिक देखा जाता है।

  2. क्या पैंक्रियाटाइटिस से पूरी तरह ठीक हुआ जा सकता है?

    एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस के अधिकांश मामलों में रोगी पूरी तरह ठीक हो जाते हैं, जबकि क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस एक दीर्घकालिक स्थिति है जिसका प्रबंधन किया जा सकता है।

  3. क्या पैंक्रियाटाइटिस के लिए आहार में बदलाव आवश्यक है?

    हाँ, पैंक्रियाटाइटिस के रोगियों को आमतौर पर कम वसा वाला आहार लेने और शराब से परहेज करने की सलाह दी जाती है।

  4. क्या पैंक्रियाटाइटिस से डायबिटीज हो सकता है?

    हाँ, विशेष रूप से क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस से पीड़ित लोगों में डायबिटीज विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है।

  5. पैंक्रियाटाइटिस के लिए किस डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए?

    पैंक्रियाटाइटिस के लिए गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट (पेट के रोग विशेषज्ञ) से संपर्क करना सबसे उचित होता है।

Dr. Ashish K Jha
Neurosciences
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