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डिप्थीरिया- कारण, लक्षण एवं इलाज़ की संपूर्ण जानकारी

डिप्थीरिया- कारण, लक्षण एवं इलाज़ की संपूर्ण जानकारी

डिप्थीरिया क्या होता है?

डिप्थीरिया एक गंभीर संक्रामक रोग है जो कोरिनेबैक्टीरियम डिप्थीरिया नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। यह रोग मुख्य रूप से गले और नाक को प्रभावित करता है। भारत में डिप्थीरिया के मामलों में पिछले कुछ वर्षों में वृद्धि देखी गई है, जिससे यह एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता का विषय बन गया है।

मेदांता, गुरुग्राम के डॉ. राजीव उत्तम के अनुसार, “डिप्थीरिया एक किस्म का बैक्टीरियल संक्रमण है जिसकी रोकथाम टीकाकरण से संभव है, लेकिन अगर यह हो जाए तो इसका समय पर निदान और उपचार अत्यंत महत्वपूर्ण है।”

डिप्थीरिया रोग किससे होता है?

डिप्थीरिया रोग किससे होता है, यह जानना रोकथाम के लिए महत्वपूर्ण है। यह रोग मुख्य रूप से कोरिनेबैक्टीरियम डिप्थीरिया नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। यह बैक्टीरिया एक विशेष प्रकार का टॉक्सिन (विष) पैदा करता है जो शरीर के विभिन्न अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है।

डिप्थीरिया के जोखिम कारकों में मुख्य वो बच्चे हैं जिनमें टीकाकरण नहीं हुआ है या भीड़-भाड़ वाले या अस्वच्छ जगहों में रह रहें हैं जहाँ पर खाँसी या छींकें साधारण समस्या है।

डिप्थीरिया का संक्रमण निम्न तरीकों से फैल सकता है:

  1. संक्रमित व्यक्ति की खाँसी या छींक से निकली बूंदों के माध्यम से

  2. संक्रमित व्यक्ति के साथ निकट संपर्क से

  3. संक्रमित व्यक्ति द्वारा उपयोग की गई वस्तुओं के माध्यम से

डॉ. राजीव उत्तम बताते हैं, “डिप्थीरिया अत्यधिक संक्रामक रोग है और यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल सकता है, विशेष रूप से भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर।”

डिप्थीरिया के लक्षण

डिप्थीरिया के प्रकारों में रेस्पिरेटरी डिप्थीरिया मुख्य है जो खाँसी या छींक से निकली बूंदों के माध्यम से होता है। डिप्थीरिया का दूसरा ख़ास प्रकार त्वचा का डिप्थीरिया (क्यूटेनियस डिप्थीरिया) है, जिसके अंदर त्वचा में एक घाव बनता है जो सामान्यतः स्लेटी झिल्ली से ढका रहता है। डिप्थीरिया के लक्षण आमतौर पर संक्रमण के 2-4 दिनों के बाद दिखाई देते हैं। इस रोग के प्रमुख लक्षणों में शामिल हैं:

  • गले में दर्द और सूजन: डिप्थीरिया के लक्षण में सबसे पहले गले में दर्द और सूजन होती है।

  • बुखार: हल्का से मध्यम बुखार हो सकता है।

  • गले में स्लेटी या सफेद झिल्ली का निर्माण: यह डिप्थीरिया का एक विशिष्ट लक्षण है। गले में एक मोटी, स्लेटी या सफेद झिल्ली बन जाती है जो निगलने में कठिनाई पैदा करती है।

  • सांस लेने में कठिनाई: गले में झिल्ली के कारण श्वास मार्ग संकुचित हो जाता है, जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है।

  • गर्दन की ग्रंथियों में सूजन: गर्दन की लिम्फ ग्रंथियां सूज जाती हैं और दर्द होता है।

  • थकान और कमजोरी: रोगी को अत्यधिक थकान और कमजोरी महसूस होती है।

डॉ. राजीव उत्तम कहते हैं कि अगर यही संक्रमण रक्त प्रवाह से शरीर के बाकी अंगों में जाता है तो वह सबसे पहले जाकर हृदय को प्रभावित कर सकता है और हृदय-संबंधी बीमारियां उत्पन्न कर सकता है। इसके अलावा यह मस्तिष्क और किडनी को भी प्रभावित कर सकता है, इससे जटिल (कॉम्प्लिकेटेड) डिप्थीरिया कहते हैं और ये काफ़ी गंभीर होता है। 

हृदय में सूजन के कारण बच्चे को हार्ट फेलियर हो सकता है या बच्चे को दीर्धकालीन हृदय-संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। वही अगर बच्चे के मस्तिष्क में यह संक्रमण पहुँच जाता है तो बच्चे के गले और दिम्मग को जोड़ने वाली नस कमजोर हो जाती है, जिससे बच्चे को खाना निगलने में परेशानी होती है, बच्चों की मांसपेशियाँ कमजोर हो जाती है जिससे साँस की समस्या हो जाती है। इसके साथ-साथ कई बार किडनी भी काम करना बंद कर सकती है।

डॉ. राजीव उत्तम बताते हैं कि डिप्थीरिया हल्का (माइल्ड) हो सकता है जिसमें सिर्फ़ खाँसी या ज़ुकाम हो सकता हैं या गंभीर डिप्थीरिया जो जानलेवा हो सकता है।

डिप्थीरिया का निदान कैसे किया जाता है?

डिप्थीरिया का निदान करने के लिए माइक्रोबायोलॉजिकल टेस्ट का सुझाव देते हैं। इस टेस्ट के द्वारा गले से लिए नमूने में या स्त्राव में उपस्थित बैक्टीरिया की जांच की जाती है। इसके अलावा डॉक्टर निम्न टेस्ट बताते हैं:

  • रक्त परीक्षण 

  • छाती का एक्स-रे 

  • हृदय और मस्तिष्क में डिप्थीरिया की जांच एक्को या सीटी स्कैन द्वारा की जाती है 

डिप्थीरिया का उपचार

डॉक्टर डिप्थीरिया के लक्षण की पहचान करके तुरंत उपचार शुरू करते हैं। डॉ. राजीव उत्तम कहते हैं, “डिप्थीरिया के लक्षणों को पहचानना और तुरंत चिकित्सकीय सहायता लेना जीवन रक्षक हो सकता है।”

डिप्थीरिया का उपचार एंटीबायोटिक्स और एंटीटॉक्सिन के माध्यम से किया जाता है। समय पर डिप्थीरिया का उपचार जीवन बचा सकता है। उपचार के मुख्य घटकों में शामिल हैं:

1. एंटीटॉक्सिन थेरेपी

डिप्थीरिया एंटीटॉक्सिन (DAT) दिया जाता है, जो बैक्टीरिया द्वारा उत्पादित विष को निष्क्रिय करता है। यह उपचार जितनी जल्दी शुरू किया जाए, उतना ही अधिक प्रभावी होता है।

2. एंटीबायोटिक्स

एंटीबायोटिक्स जैसे पेनिसिलिन या एरिथ्रोमाइसिन दिए जाते हैं, जो बैक्टीरिया को मारते हैं और संक्रमण को फैलने से रोकते हैं।

3. सहायक उपचार

  • ऑक्सीजन थेरेपी (यदि सांस लेने में कठिनाई हो)

  • बुखार के लिए दावा 

  • तरल पदार्थों का अंतःशिरा द्रव (IV fluids)

  • आराम और पोषण

  • श्वास नली में ट्यूब डालना (यदि सांस लेने में गंभीर कठिनाई हो)

डॉ. राजीव उत्तम बताते हैं, “डिप्थीरिया के उपचार में देरी जानलेवा हो सकती है। संदिग्ध मामलों में, हम परीक्षण परिणामों की प्रतीक्षा किए बिना उपचार शुरू कर देते हैं।”

डिप्थीरिया की रोकथाम

नियमित टीकाकरण डिप्थीरिया की रोकथाम का सबसे प्रभावी तरीका है। स्वच्छता और सावधानी डिप्थीरिया की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। रोकथाम के प्रमुख उपायों में शामिल हैं:

1. टीकाकरण

डिप्थीरिया के टीके का नाम डीटीपी (DTP) है, जो डिप्थीरिया, टेटनस और परटुसिस (काली खांसी) के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है। यह टीका राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम का हिस्सा है और सभी बच्चों को दिया जाता है।

टीकाकरण का अनुसूची:

  • नवजात शिशु में 2, 4, और 6 महीने की उम्र में प्राथमिक खुराक

  • 18 महीने की उम्र में पहला बूस्टर

  • 4-5 साल की उम्र में दूसरा बूस्टर

  • 10-11 साल के बाद हर 10 साल में बूस्टर खुराक

अधिकांश माता-पिता डिप्थीरिया के टीके का नाम जानते हैं, लेकिन इसके महत्व से अनजान हैं। डॉ. राजीव उत्तम कहते हैं, “टीकाकरण न केवल आपके बच्चे को बचाता है, बल्कि समुदाय में रोग के प्रसार को भी रोकता है।”

भारत में नेशनल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम के ज़रिए हर नवजात बच्चों को डीटीपी वैक्सीन दिया जाता है। 

2. स्वच्छता और सावधानियां

  • नियमित रूप से हाथ धोएँ

  • खांसते या छींकते समय मुँह और नाक को ढकें

  • संक्रमित व्यक्तियों से दूरी बनाए रखें

  • अपने आसपास के वातावरण को साफ और स्वच्छ रखें

डिप्थीरिया के लक्षण और उपचार की जागरूकता का महत्व

डिप्थीरिया के लक्षण और उपचार की जानकारी हर माता-पिता को होनी चाहिए। इस रोग के बारे में जागरूकता फैलाना अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि समय पर पहचान और उपचार जीवन बचा सकता है।

डॉ. राजीव उत्तम ने डिप्थीरिया के लक्षण और उपचार पर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। वे कहते हैं, “हमें स्कूलों, समुदायों और सोशल मीडिया के माध्यम से डिप्थीरिया के बारे में जागरूकता फैलानी चाहिए, ताकि लोग इसके लक्षणों को पहचान सकें और समय पर चिकित्सा सहायता प्राप्त कर सकें।”

निष्कर्ष

डिप्थीरिया एक गंभीर संक्रामक रोग है, लेकिन टीकाकरण और समय पर उपचार से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। बच्चों को डिप्थीरिया से बचाने के लिए नियमित टीकाकरण आवश्यक है। रोग के लक्षणों की पहचान और समय पर चिकित्सकीय सहायता लेना महत्वपूर्ण है।

डॉ. राजीव उत्तम, मेदांता, गुरुग्राम के अनुसार, "डिप्थीरिया एक ऐसा रोग है जिसे हम टीकाकरण के माध्यम से पूरी तरह से निज़ात पा सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न 

  1. डिप्थीरिया क्या है?

    डिप्थीरिया एक गंभीर और संक्रामक बैक्टीरियल रोग है जो मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति के गले और नाक को प्रभावित करता है। यह कोरिनेबैक्टीरियम डिप्थीरिया नामक बैक्टीरिया के कारण होता है।

  2. डिप्थीरिया के प्रमुख लक्षण क्या हैं?

    • गले में दर्द और सूजन

    • बुखार

    • गले में सफेद या स्लेटी झिल्ली

    • सांस लेने में कठिनाई

    • गर्दन की ग्रंथियों में सूजन

    • थकान और कमजोरी

  3. डिप्थीरिया का इलाज कैसे किया जाता है?

    डिप्थीरिया के उपचार में एंटीटॉक्सिन थेरेपी और एंटीबायोटिक्स (जैसे पेनिसिलिन या एरिथ्रोमाइसिन) शामिल होते हैं। जरूरत पड़ने पर ऑक्सीजन थेरेपी और अन्य सहायक इलाज दिए जाते हैं।

Dr. Rajiv Uttam
Paediatric Care
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