Facebook Twitter instagram Youtube

डायबिटीज से संबंधित भ्रांतियाँ

डायबिटीज से संबंधित भ्रांतियाँ

मधुमेह या डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसके बारे में समाज में कई भ्रांतियां प्रचलित हैं। मेदांता, गुरुग्राम के एंडोक्राइनोलॉजी विभाग के निदेशक डॉ. राजेश राजपूत ने इन आम भ्रांतियों पर प्रकाश डाला है। आइए जानते हैं कि डायबिटीज से जुड़ी कौन-कौन सी गलतफहमियां हैं और उनका सच क्या है।

डायबिटीज के कारण: क्या मीठा खाना वाकई जिम्मेदार है?

सबसे पहली और सबसे आम भ्रांति यह है कि मीठा खाने से डायबिटीज या मधुमेह की बीमारी हो जाती है। डॉ. राजपूत के अनुसार, यह धारणा बिल्कुल गलत है। डायबिटीज के कारण में मीठे का सेवन अकेला जिम्मेदार नहीं है।

डायबिटीज होने के वास्तविक जोखिम कारक हैं:

  • परिवार में माता-पिता या भाई-बहनों को डायबिटीज होना (आनुवंशिकता)

  • शरीर का वजन लंबाई के अनुपात में अधिक होना

  • शारीरिक रूप से सक्रिय न होना 

डॉ. राजपूत स्पष्ट करते हैं कि सिर्फ मीठा खाने से किसी को डायबिटीज नहीं होती है। यह महत्वपूर्ण है कि लोग डायबिटीज के कारण को सही तरीके से समझें ताकि इसकी रोकथाम और प्रबंधन बेहतर तरीके से किया जा सके।

डायबिटीज की जानकारी: गुड़ और शहद के बारे में भ्रांतियाँ

डायबिटीज की जानकारी के अभाव में, कई लोग गलत धारणाओं का शिकार हो जाते हैं। एक बहुत प्रचलित भ्रांति यह है कि डायबिटीज के मरीजों को चीनी के बदले गुड़ या शहद का सेवन करना चाहिए।

डॉ. राजपूत इस मिथक का खंडन करते हुए बताते हैं कि चीनी, गुड़ और शहद - ये तीनों कार्बोहाइड्रेट्स हैं और तीनों से ग्लूकोज लेवल तेजी से बढ़ता है। इसलिए, डायबिटीज के मरीजों को जहां तक संभव हो, इन तीनों से परहेज करना चाहिए।

यह समझना महत्वपूर्ण है कि गुड़ या शहद को “स्वस्थ विकल्प” मानकर अधिक मात्रा में सेवन करना डायबिटीज के मरीजों के लिए हानिकारक हो सकता है। डायबिटीज की जानकारी के लिए हमेशा विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।

फल और फलों के रस से संबंधित भ्रांतियाँ

तीसरी महत्वपूर्ण भ्रांति फलों के रस से संबंधित है। कई लोग पूछते हैं कि डायबिटीज के मरीजों के लिए फ्रूट जूस का सेवन कितना उपयुक्त है।

डॉ. राजपूत का स्पष्ट मत है कि डायबिटीज के मरीजों को फलों के रस के बजाय पूरा फल खाना चाहिए। इसके पीछे वैज्ञानिक कारण यह है कि पूरे फल में फाइबर होता है, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद होता है।

उनकी सलाह है:

  • फलों के रस के सेवन से बचें

  • अगर फलों के रस लेना ही है, तो पैकेज पर दी गई जानकारी जरूर पढ़ें

  • बाजार में उपलब्ध अधिकांश फलों के रस में अतिरिक्त शुगर होती है, जो आपके रक्त शर्करा के स्तर को तेजी से बढ़ा सकती है

शुगर फ्री मिठाइयों के बारे में भ्रांति

त्योहारों के मौसम में, डायबिटीज के मरीज अक्सर पूछते हैं कि क्या वे शुगर फ्री मिठाइयां खा सकते हैं। डॉ. राजपूत इस विषय पर महत्वपूर्ण जानकारी देते हैं।

उनके अनुसार, शुगर फ्री मिठाइयों में भी कैलोरीज होती हैं। डायबिटीज के प्रबंधन में कुल कैलोरी का नियंत्रण भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना शुगर का नियंत्रण।

डॉ. राजपूत की सलाह:

  • शुगर फ्री मिठाइयों का सेवन सीमित मात्रा में किया जा सकता है

  • अधिक मात्रा में सेवन से कैलोरी का सेवन बढ़ेगा

  • अधिक कैलोरी का सेवन रक्त शर्करा के स्तर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है

डायबिटीज के लक्षण और इंसुलिन से जुड़ी गलतफहमियां

एक अन्य प्रचलित भ्रांति यह है कि अगर किसी मरीज को इंसुलिन की आवश्यकता नहीं है, तो उसकी डायबिटीज हल्के प्रकार की है और उसे गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है।

डॉ. राजपूत इस धारणा को बहुत बड़ी भ्रांति बताते हैं। वे स्पष्ट करते हैं कि डायबिटीज वर्तमान समय में निम्न परिस्थितियों का सबसे बड़ा कारण है:

  • आंखों की रोशनी खोना 

  • बिना चोट के पैरों के कटना (नॉन-ट्रॉमेटिक फुट एम्प्युटेशन) 

  • हृदय रोग 

  • स्ट्रोक (मस्तिष्क रोग)

  • किडनी फेलियर

इसलिए, जिस दिन से आपको डायबिटीज का पता चलता है, चाहे आप इंसुलिन ले रहे हों या नहीं, आपको डायबिटीज को अच्छी तरह से नियंत्रित करना चाहिए और अपने चिकित्सक की सलाह का पालन करना चाहिए।

डायबिटीज का इलाज: क्या इंसुलिन पर हमेशा निर्भर रहना पड़ता है?

एक और प्रचलित मिथक यह है कि अगर एक बार इंसुलिन शुरू हो गया, तो मरीज को हमेशा इंसुलिन पर निर्भर रहना पड़ेगा।

डॉ. राजपूत स्पष्ट करते हैं कि यह धारणा भी पूरी तरह से गलत है। डायबिटीज की अवस्था के अनुसार चिकित्सक यह निर्णय लेते हैं कि मरीज को इंसुलिन की आवश्यकता है या नहीं।

उनके अनुसार:

  • कई मरीजों को केवल कुछ समय के लिए इंसुलिन की आवश्यकता होती है

  • स्थिति सुधरने पर इंसुलिन को रोका भी जा सकता है

  • इंसुलिन की आवश्यकता डायबिटीज की गंभीरता और मरीज की स्थिति पर निर्भर करती है

डायबिटीज से बचने के उपाय और स्वस्थ जीवनशैली के महत्व

अंतिम और सबसे निराशाजनक भ्रांति यह है कि डायबिटीज होने के बाद व्यक्ति सामान्य जीवन नहीं जी सकता। कई लोग अपने परिवार या पड़ोस में डायबिटीज के मरीजों को कठिन जीवन जीते देखकर यह धारणा बना लेते हैं।

डॉ. राजपूत इस भ्रांति का दृढ़ता से खंडन करते हैं। वे बताते हैं कि आज हम ऐसे समय में हैं जहां डायबिटीज के उपचार के लिए कई प्रकार की दवाइयां और इंसुलिन उपलब्ध हैं।

उनका आश्वासन है कि अगर आप:

  • चिकित्सक की सलाह का पालन करें

  • डायबिटीज को अच्छी तरह से नियंत्रित रखें

  • स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं

तो आप उतनी ही स्वस्थ और उत्पादक जीवन जी सकते हैं, जितना कि एक ऐसा व्यक्ति जिसे डायबिटीज नहीं है।

निष्कर्ष

डायबिटीज के भ्रांतियाँ समाज में व्यापक रूप से फैली हुई हैं और इनका खंडन करना अत्यंत आवश्यक है। डॉ. राजेश राजपूत द्वारा बताई गई ये जानकारियां डायबिटीज के मरीजों और उनके परिवारों के लिए बहुत मूल्यवान हैं।

याद रखें:

  • मीठा खाने से अकेले डायबिटीज नहीं होती

  • गुड़ और शहद भी शुगर की तरह ही ग्लूकोज लेवल बढ़ाते हैं

  • फलों के रस के बजाय पूरे फल खाएं

  • शुगर फ्री मिठाइयां भी सीमित मात्रा में ही लें

  • इंसुलिन की आवश्यकता न होने का मतलब यह नहीं कि डायबिटीज हल्की है

  • इंसुलिन शुरू होने का मतलब यह नहीं कि आप हमेशा इस पर निर्भर रहेंगे

  • डायबिटीज के साथ भी स्वस्थ और सामान्य जीवन जीया जा सकता है

डायबिटीज के प्रबंधन में सबसे महत्वपूर्ण है विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह का पालन करना और नियमित जांच करवाना। सही जानकारी और उचित देखभाल से डायबिटीज के साथ भी गुणवत्तापूर्ण जीवन संभव है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

  1. क्या डायबिटीज वंशानुगत होती है?

    हाँ, डायबिटीज के कारणों में आनुवंशिकता एक महत्वपूर्ण कारक है। अगर आपके परिवार में माता-पिता या भाई-बहनों को डायबिटीज है, तो आपको भी इसका खतरा अधिक होता है।

  2. क्या डायबिटीज का पूर्ण उपचार संभव है?

    डायबिटीज का पूरा उपचार अभी तक संभव नहीं है, लेकिन इसे अच्छी तरह से नियंत्रित किया जा सकता है। नियमित दवा, उचित आहार और नियमित व्यायाम से डायबिटीज को प्रबंधित करके सामान्य जीवन जीया जा सकता है।

  3. क्या डायबिटीज के मरीज कभी-कभी मिठाई खा सकते हैं?

    डायबिटीज के मरीज अपने चिकित्सक की सलाह पर सीमित मात्रा में मिठाई का सेवन कर सकते हैं। हालांकि, नियमित रूप से या अधिक मात्रा में मिठाई का सेवन ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा सकता है।

  4. क्या डायबिटीज के मरीजों को फल खाने चाहिए?

    हां, डायबिटीज के मरीज फल खा सकते हैं, लेकिन उन्हें फलों के रस के बजाय पूरे फल खाने चाहिए। पूरे फल में मौजूद फाइबर ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में मदद करता है।

  5. क्या डायबिटीज के मरीज व्यायाम कर सकते हैं?

    हाँ, नियमित व्यायाम डायबिटीज के प्रबंधन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। व्यायाम इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाता है और ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में मदद करता है। हालांकि, व्यायाम शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य करें।

Dr. Rajesh Rajput
Endocrinology & Diabetes
Meet The Doctor View Profile
Back to top