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डायबिटीज के प्रकार

डायबिटीज के प्रकार

मधुमेह या डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसके बारे में जागरूकता बढ़ाना बहुत जरूरी है। मेदांता गुरुग्राम के डॉ. राजेश राजपूत, जो एंडोक्राइनोलॉजी विभाग के निदेशक हैं, जिन्होंने डायबिटीज के प्रकार और उसके लक्षणों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। आइए जानते हैं डायबिटीज के प्रकार और उनके लक्षण।

डायबिटीज के लक्षण: DIABETES शब्द से समझें

डॉ. राजेश राजपूत के अनुसार, डायबिटीज के लक्षण को DIABETES शब्द से आसानी से समझा जा सकता है। यह एक संक्षिप्त शब्द है जिसका हर अक्षर डायबिटीज के एक लक्षण को दर्शाता है:

  • D - डाययूरेसिस (Diuresis): बार-बार पेशाब आना

  • I - इंक्रीज्ड इंफेक्शन (increased infection): बार-बार फोड़े-फुंसी या संक्रमण होना जो जल्दी ठीक नहीं होते

  • A - एब्नार्मल वेट लॉस (Abnormal weight Loss): तेजी से वजन कम होना

  • B - ब्लरिंग ऑफ विजन (Blurring of Vision): दृष्टि में धुंधलापन, चश्मे का नंबर बार-बार बदलना

  • T - टिंगलिंग या नंबनेस (Tingling or Numbness): पैरों में झुनझुनी या सुन्नपन

  • E - एक्सट्रीम हंगर (Extreme Hunger): अत्यधिक भूख लगना और ज़्यादा खाने के बाद भी फिर भी वजन कम होना

  • S - स्लो टू हील वुंड्स (Slow to Heal Wounds): छोटी चोटों का भी जल्दी ठीक न होना

डायबिटीज के लक्षण में बार-बार पेशाब आना, वजन कम होना और थकान शामिल हैं। अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे, तो डॉ. राजपूत की सलाह है कि आप तुरंत अपना ब्लड शुगर चेक कराएं, क्योंकि आपको डायबिटीज हो सकती है।

डायबिटीज कितने प्रकार के होते हैं: जानिए विशेषज्ञ से

डॉ. राजपूत बताते हैं कि डायबिटीज कितने प्रकार के होते हैं इसका सरल उत्तर है - मुख्य रूप से तीन प्रकार। ये हैं:

टाइप 1 डायबिटीज: युवाओं और बच्चों में पाई जाने वाली

टाइप 1 डायबिटीज आमतौर पर युवाओं और बच्चों में पाई जाती है। हालांकि, डॉ. राजपूत बताते हैं कि आजकल टाइप 1 डायबिटीज बड़ी उम्र के लोगों में भी देखी जा रही है। इस प्रकार की डायबिटीज का इलाज इंसुलिन थेरेपी से किया जाता है, क्योंकि इसमें शरीर इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है।

टाइप 2 डायबिटीज: वयस्कों में सबसे आम प्रकार

टाइप 2 डायबिटीज सबसे आम प्रकार की डायबिटीज है जो लगभग 90% वयस्कों में पाई जाती है। डॉ. राजपूत के अनुसार, यह अधिकतर लक्षणरहित होती है, यानी इसके लक्षण शुरुआत में दिखाई नहीं देते। अधिक वजन वाले लोगों में टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा अधिक होता है।

आप निम्न स्थितियों में टाइप 2 डायबिटीज के लिए अपनी जांच करवा सकते हैं:

  • यदि आपके परिवार में माता-पिता या प्रथम श्रेणी के रिश्तेदारों में डायबिटीज है

  • यदि आप अधिक वजन वाले हैं (आपका वजन आपकी ऊंचाई के अनुपात में अधिक है)

  • यदि आप शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं हैं

गेस्टेशनल डायबिटीज: गर्भावस्था के दौरान होने वाली

तीसरा प्रकार है गेस्टेशनल डायबिटीज, जो गर्भावस्था के दौरान पहली बार पता चलती है। यह गर्भवती महिलाओं में होने वाली डायबिटीज है जो प्रसव के बाद आमतौर पर ठीक हो जाती है, लेकिन भविष्य में टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम बढ़ा सकती है।

डायबिटीज के कारण और जोखिम कारक

डायबिटीज के कारण विभिन्न हो सकते हैं, लेकिन कुछ जोखिम कारक हैं जिन्हें डॉ. राजपूत ने विशेष रूप से उजागर किया है:

  • आनुवंशिकता: यदि आपके परिवार में डायबिटीज का इतिहास है, विशेषकर माता-पिता या प्रथम श्रेणी के रिश्तेदारों में, तो आपको डायबिटीज होने का खतरा अधिक है।

  • मोटापा: अधिक वजन वाले लोगों में, विशेष रूप से जिनका वजन उनकी ऊंचाई के अनुपात में अधिक है, उनमें टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।

  • शारीरिक निष्क्रियता: नियमित व्यायाम न करने वाले लोगों में डायबिटीज का खतरा अधिक होता है।

  • गर्भावस्था: गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल परिवर्तन जेस्टेशनल डायबिटीज का कारण बन सकते हैं।

निष्कर्ष

डायबिटीज के प्रकार को समझना स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। डॉ. राजेश राजपूत ने डायबिटीज के तीन मुख्य प्रकारों - टाइप 1, टाइप 2 और गेस्टेशनल डायबिटीज के बारे में विस्तार से बताया है। अगर आपको डायबिटीज के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत अपना ब्लड शुगर चेक कराएं।

याद रखें, डायबिटीज एक ऐसी स्थिति है जिसका प्रबंधन सही जानकारी, नियमित जांच और उचित उपचार से किया जा सकता है। डॉ. राजपूत जैसे विशेषज्ञों की सलाह का पालन करके, आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

  1. क्या डायबिटीज का पूरा इलाज संभव है?

    डायबिटीज का पूरा इलाज अभी तक संभव नहीं है, लेकिन इसे नियंत्रित किया जा सकता है। टाइप 1 डायबिटीज में इंसुलिन थेरेपी आवश्यक है, जबकि टाइप 2 डायबिटीज को जीवनशैली में बदलाव और दवाओं से प्रबंधित किया जा सकता है।

  2. क्या डायबिटीज वंशानुगत होती है?

    हाँ, डायबिटीज में आनुवंशिक कारक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यदि आपके परिवार में डायबिटीज का इतिहास है, तो आपको नियमित जांच करवानी चाहिए।

  3. क्या बच्चों को भी डायबिटीज हो सकती है?

    हाँ, बच्चों को भी डायबिटीज हो सकती है, विशेष रूप से टाइप 1 डायबिटीज जो आमतौर पर युवाओं और बच्चों में पाई जाती है।

  4. क्या गर्भावस्था के बाद गेस्टेशनल डायबिटीज ठीक हो जाती है?

    अधिकांश महिलाओं में गेस्टेशनल डायबिटीज प्रसव के बाद ठीक हो जाती है, लेकिन इससे भविष्य में टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम बढ़ जाता है।

  5. डायबिटीज के लक्षणों को कैसे पहचानें?

    डायबिटीज के लक्षणों को DIABETES शब्द से याद रखा जा सकता है, जिसमें बार-बार पेशाब आना, इंफेक्शन, वजन कम होना, दृष्टि में धुंधलापन, अत्यधिक भूख, पैरों में झुनझुनी और घावों का देर से भरना शामिल है।

Dr. Rajesh Rajput
Endocrinology & Diabetes
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