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हृदय रोग होने पर व्यायाम कैसे करें

हृदय रोग होने पर व्यायाम कैसे करें

अधिकतर व्यक्ति दिल की बीमारी होने पर व्यायाम करने के बारे में असुरक्षित और झिझक महसूस कर सकते हैं। बल्कि चाहे आपकी दिल की सर्जरी हुई हो या आप दिल की किसी बीमारी के लिए दवा ले रहे हों, व्यायाम करने से झिझके, क्योंकि यह आपकी ह्रदय की समस्याओं को नियंत्रण में रखने में महत्वपूर्ण कुंजी सिद्ध हो सकता है।

 

अपने डॉक्टर से परामर्श करें 

 

सर्वप्रथम, हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करके यह सुनिश्चित करें कि कौन सी एक्सरसाइज आपके और आपकी चिकित्सीय स्थिति के लिए फायदेमंद रहेगी। अपने व्यायाम की दिनचर्या के बारे में विस्तृत चर्चा करें यह उस समय और अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है जब :

  • आपको हाल ही में हार्ट अटैक आया हो 
  • आपको सीने में दर्द या सांस लेने में तकलीफ हो रही हो 
  • आपकी हाल ही में दिल की सर्जरी हुई हो

 

इसके अलावा, यदि आप हृदय रोग से ग्रसित हैं, और यह महसूस करते हैं कि आप बिना थकान महसूस किए सामान्य घरेलू कार्य जैसे बर्तन धोना, पोछा लगाना या झाडू लगाना नहीं कर पा रहे हो तो आप इनसे तब तक दूर रहें जब तक कि आप शारीरिक रूप से अधिक तन्दुरुस्त महसूस करें।

 

हृदय रोगों के लिए लिखी गई कुछ दवाएँ आपके शरीर के व्यायाम झेलने की शक्ति को प्रभावित कर सकती हैं। इसीलिए अपने चिकित्सक से परामर्श करें कि क्या आपका व्यायाम आपके द्वारा ली जा रही दवाओं के अनुकूल है या नहीं।

 

व्यायाम के दिशानिर्देश

 

  • डॉक्टर की राय: अपने डॉक्टर की मदद से एक व्यायाम चार्ट बनाएँ जो आपके लिए सुरक्षित हो और जो आपके दिल के स्वास्थ्य में भी सुधार करे। अगर आपको व्यायाम करने में कोई दिक़्क़त नहीं हो रही हो, और आप कठोर व्यायाम करना चाह रहे हों तो पहले अपने डॉक्टर से इसके बारे में सलाह लें।
  • धीमी शुरुआत करें: आमतौर पर स्वास्थ्य विशेषज्ञ एरोबिक व्यायाम की सलाह देते हैं क्योंकि वे हृदय को ऑक्सीजन का बेहतर उपयोग करने और रक्त परिसंचरण में सुधार करने में आपकी सहायता करते हैं। कुछ आम एरोबिक गतिविधियों में तेज चलना, तैरना, हल्की जॉगिंग या साइकिल चलाना शामिल हैं। एक सप्ताह में कम से कम 3-4 दिन 15-20 मिनट के लिए यह व्यायाम करें। धीमी शुरुआत करना और स्थिर गति बनाए रखना व्यायाम के दो महत्वपूर्ण चरण होते हैं। आप चाहते हैं कि आपका दिल थोड़ा कठिन काम करे, लेकिन बहुत कठिन नहीं तो अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञ से उपयुक्त व्यायाम के बारे में जाने।
  • वार्म-अप और कूल डाउन: हमेशा अपने एक्सरसाइज रूटीन में मुख्य व्यायाम शुरू करने से पहले 5 मिनट का वार्म-अप सत्र शामिल करें। यह व्यायाम करने से पहले आपकी मांसपेशियों और हृदय को व्यायाम के अनुरूप ढालने में मदद करता है। व्यायाम के बाद, रक्त परिसंचरण को सामान्य बनाए रखने के लिए कूल-डाउन सत्र करना ना भूलें। 
  • बीच-बीच में ब्रेक लें: अगर आप एक्सरसाइज करने में बहुत ज्यादा थकान महसूस करते हैं तो सेशन के बीच में 1-2 मिनट का ब्रेक लें। यदि बीच में आराम करने के बाद भी आपके लक्षणों में सुधार नहीं हो रहा है, तो तुरंत व्यायाम बंद कर दें।
  • सही कपड़े पहने: व्यायाम करते वक़्त हमेशा खुले और स्ट्रेचेबल कपड़े पहनें जो आपको चलने और व्यायाम में सुविधा देते हैं।
  • वेट उठाना: रेजिस्टेंस भार मांसपेशियों की शक्ति और समन्वय में सुधार करने में आपकी सहायता करता है। पहले अपने डॉक्टर द्वारा अपना वज़न-प्रशिक्षण रूटीन को निर्धारित करें। अत्यधिक भारी वेट ना उठाएँ और शुरुआत में व्यायाम के हल्के सेट से शुरुआत करें। आप एक पेशेवर प्रशिक्षक की मदद भी ले सकते हैं वे आपके वर्कआउट में आपकी मदद करेगा और आपको बताएगा कि कौन से विशिष्ट वर्कआउट को अपने एक्सरसाइज चार्ट में शामिल करना है।

 

किन व्यवहार पर नज़र रखें 

 

अगर आप अस्वस्थ महसूस कर रहें हैं या आपको बुखार है तो ज्यादा मेहनत करें। यदि आप व्यायाम करते वक़्त पल्पिटेशन या तेज़ और अनियमित दिल की धड़कन का अनुभव करते हैं तो अपनी गतिविधि को रोक दें। 15 मिनट आराम करने के बाद अपनी पल्स को चेक करें। यदि यह अभी भी 100 बीट प्रति मिनट से अधिक है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। खूब पानी पियें और व्यायाम के दौरान बीच-बीच में ब्रेक लें।

 

व्यायाम के शुरुआती दिनों में आपको यदि आपको परिणाम दिखना शुरू नहीं होते हैं तो निराश हों। नियमित शारीरिक गतिविधि आपके स्वास्थ्य में धीरे-धीरे सुधार करेगी, भले ही आप हृदय रोग से पीड़ित हों। 

Medanta Medical Team
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