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सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए प्राथमिक उपचार (First Aid) की कुछ टिप्स

सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए प्राथमिक उपचार (First Aid) की कुछ टिप्स

देश में सड़क दुर्घटनाओं के घातक होने से रोकने के लिए, नागरिकों को यह जानकारी होना अति महत्वपूर्ण है कि सड़क दुर्घटना के शिकार व्यक्ति की कैसे देखभाल करनी है। प्राथमिक उपचार की मूल बातों की जानकारी होने से दुर्घटना-पीड़ित की जान बचाने के लिए अतिरिक्त समय मिल जाता है। 

 

आपातकालीन हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी होने पर भी किसी के एम्बुलेंस से संपर्क करने की प्रतीक्षा करते समय अतिरिक्त समय की बर्बादी को बचा सकते हैं।

 

सड़क दुर्घटना के शिकार व्यक्ति की देखभाल करने से पहले आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

 

जब आप किसी व्यक्ति को दुर्घटनाग्रस्त देखते हो तो सबसे पहले यह सुनिश्चित करो कि क्या पीड़ित के शरीर पर कोई शारीरिक चोट लगी है या नहीं। हो सकता है कि आप व्यक्ति के आंतरिक चोटों को देखने में सक्षम हों, लेकिन दुर्घटना की गंभीरता के आधार पर आप कुछ बाहरी चोटों का सही ढंग से विश्लेषण कर पाओगे। 

 

सड़क दुर्घटना में सिर या रीढ़ की हड्डी में चोट लगने की आशंका ज़्यादा रहती है। इसलिए, सर्वप्रथम उस व्यक्ति को सड़क के किनारे सुरक्षित स्थान पर ले जाने में मदद करें, और इस दौरान यह ध्यान रखें कि पीड़ित को सही तरह से ना उठाने से और गंभीर चोटें लग सकती हैं। इसीलिए, आस-पास मौजूद लोगों से दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को सावधानी पूर्वक सुरक्षित स्थान पर ले जाने के लिए कहें।

 

आप कई तरह से सड़क दुर्घटना के शिकार व्यक्ति की मदद कर सकते हैं। यह नीचे 10 मुख्य प्राथमिक उपचार युक्तियाँ दी गई हैं जो आपको इस परिस्थिति के लिए तैयार कर सकती है। 

 

सड़क दुर्घटना के शिकार व्यक्ति के लिए प्राथमिक उपचार (first aid) की कुछ टिप्स : - 

1.  सबसे पहले आने वाले ट्रैफ़िक को हुई दुर्घटना के लिए सतर्क करें। ऐसा करने से आप पीड़ित की मदद करने के साथ आप खुद की सुरक्षा भी सुनिश्चित करते हैं। यह और होने वाली हताहतों की संख्या को भी रोकता है।

2.  इसके बाद सबसे पहले दुर्घटनाग्रस्त गाड़ी का इंजिन बंद करें क्योंकि इससे ईंधन गिर सकता है या आग लगने का अन्य खतरा भी हो सकता है। अगर ऐसा नहीं कर पा रहे है तो हैजार्ड लाइट चालू करना सुनिश्चित करें।

3.  दुर्घटना के शिकार व्यक्ति को सड़क के किनारे किसी सुरक्षित जगह पर ले जाएं, जिससे वे आने वाले ट्रैफिक, शीशे के टुकड़ों और वाहन से लीक होने वाले तरल पदार्थ या किसी अन्य हानिकारक सामग्री से दूर हो सकें।

4.  आप या पास में उपस्थित व्यक्ति को नजदीकी अस्पताल या पुलिस स्टेशन में फ़ोन करने के लिये कहें। यदि व्यक्ति बेहोश हो गया है या उसे साँस लेने में तकलीफ़ हो रही है तो तुरंत पीड़ित को नजदीकी अस्पताल में भेजने का प्रबंध करें। नीचे कुछ संपर्क नंबर दिए गए हैं जिनका उपयोग आप ऐसी आपात स्थितियों के दौरान कर सकते हैं:

  • केंद्रीकृत दुर्घटना आघात सेवा (CATC) दिल्ली: 102, 1099
  • एम्बुलेंस सेवा: 108
  • मेदांता आपातकालीन सेवाएं: 1068 या 91-124-4141414

5.  इस बात का ध्यान रखें कि पीड़ित के सिर, गर्दन और पीठ को बहुत सावधानी से हिलायें ताकि इनको इधर-उधर झटका नहीं लगें।

6.  दुर्घटना के शिकार व्यक्ति के गर्दन के दोनों तरफ लकड़ी के ब्लॉक लगाएं। यदि यह संभव नहीं है, तो सुनिश्चित करें कि पीड़ित को जागते रहने के लिए बार-बार कोई हिलाए नहीं।

7.  चोटिल बाइकर के हेलमेट को तब तक हटाने की कोशिश करें जब तक कि वह अस्पताल पहुंच जाये। हेलमेट को तभी हटाये जब पीड़ित बेहोश हो और सांस ले रहा हो। इन परिस्थितियों में, मुख से मुख रिस्सिटेशन तकनीक द्वारा पीड़ित को साँस लेने में मदद मिलती है। 

Medanta Medical Team
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