• Home
  • Wellness Blog
  • Hospitals Near Me
  • eCLINIC-Telemedicine
  • Careers
  • Call us
    • DLF Cyber City (+91 124 4141 472)
    • Gurugram (+91 124 4141 414)
    • Indore (+91 731 4747 000)
    • Lucknow (+91 522 4505 050)
    • Patna (+91 612 3505 050)
    • Ranchi (1800 8913 100)
    • South Delhi (+91 11 4411 4411)
  • Emergency : 1068
  • Recent
  • All Categories
    A B C D E F G H I J K L M N O P Q R S T U V W X Y Z
    View All

    TRENDING CATEGORIES:

    • Coronavirus
    • Breast Cancer
    • Lung Cancer
    • Cancer Awareness
    • General Wellness
    • Air Pollution
    • Diabetes
    • World Obesity Day
    • Healthy Heart
    • Ageing
    • Brain Attack
    • Angioplasty
    • Chemotherapy
    • Common Allergens
    • Panic Disorder
    • Dengue
  • Live Healthy
  • Heal Faster
  • Get Inspired
  • The Exchange
  • Case Studies
  • Events
  • Investor Relations
    • My Reports
    • About Us
    • Hospitals Near Me
    • Careers
    • Login
    • Request Callback
    • Emergency : 1068
    • +91-124-4141414
  • Home
  • Wellness Blog
Book a Service at Medanta
  • Book an Appointment
  • Book Video Consult
  • Get Cancer Second Opinion
  • Get Medical Second Opinion
  • Book Health Check up
  • Book Homecare Services
  • Recent
  • All Categories
  • Live Healthy
  • Heal Faster
  • Get Inspired
  • The Exchange
  • Case Studies

सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए प्राथमिक उपचार (First Aid) की कुछ टिप्स

  • 29 Apr 2023
  • #आपातकालीन देखभाल

देश में सड़क दुर्घटनाओं के घातक होने से रोकने के लिए, नागरिकों को यह जानकारी होना अति महत्वपूर्ण है कि सड़क दुर्घटना के शिकार व्यक्ति की कैसे देखभाल करनी है। प्राथमिक उपचार की मूल बातों की जानकारी होने से दुर्घटना-पीड़ित की जान बचाने के लिए अतिरिक्त समय मिल जाता है। 

 

आपातकालीन हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी होने पर भी किसी के एम्बुलेंस से संपर्क करने की प्रतीक्षा करते समय अतिरिक्त समय की बर्बादी को बचा सकते हैं।

 

सड़क दुर्घटना के शिकार व्यक्ति की देखभाल करने से पहले आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

 

जब आप किसी व्यक्ति को दुर्घटनाग्रस्त देखते हो तो सबसे पहले यह सुनिश्चित करो कि क्या पीड़ित के शरीर पर कोई शारीरिक चोट लगी है या नहीं। हो सकता है कि आप व्यक्ति के आंतरिक चोटों को देखने में सक्षम न हों, लेकिन दुर्घटना की गंभीरता के आधार पर आप कुछ बाहरी चोटों का सही ढंग से विश्लेषण कर पाओगे। 

 

सड़क दुर्घटना में सिर या रीढ़ की हड्डी में चोट लगने की आशंका ज़्यादा रहती है। इसलिए, सर्वप्रथम उस व्यक्ति को सड़क के किनारे सुरक्षित स्थान पर ले जाने में मदद करें, और इस दौरान यह ध्यान रखें कि पीड़ित को सही तरह से ना उठाने से और गंभीर चोटें लग सकती हैं। इसीलिए, आस-पास मौजूद लोगों से दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को सावधानी पूर्वक सुरक्षित स्थान पर ले जाने के लिए कहें।

 

आप कई तरह से सड़क दुर्घटना के शिकार व्यक्ति की मदद कर सकते हैं। यह नीचे 10 मुख्य प्राथमिक उपचार युक्तियाँ दी गई हैं जो आपको इस परिस्थिति के लिए तैयार कर सकती है। 

 

सड़क दुर्घटना के शिकार व्यक्ति के लिए प्राथमिक उपचार (first aid) की कुछ टिप्स : - 

1.  सबसे पहले आने वाले ट्रैफ़िक को हुई दुर्घटना के लिए सतर्क करें। ऐसा करने से आप पीड़ित की मदद करने के साथ आप खुद की सुरक्षा भी सुनिश्चित करते हैं। यह और होने वाली हताहतों की संख्या को भी रोकता है।

2.  इसके बाद सबसे पहले दुर्घटनाग्रस्त गाड़ी का इंजिन बंद करें क्योंकि इससे ईंधन गिर सकता है या आग लगने का अन्य खतरा भी हो सकता है। अगर ऐसा नहीं कर पा रहे है तो हैजार्ड लाइट चालू करना सुनिश्चित करें।

3.  दुर्घटना के शिकार व्यक्ति को सड़क के किनारे किसी सुरक्षित जगह पर ले जाएं, जिससे वे आने वाले ट्रैफिक, शीशे के टुकड़ों और वाहन से लीक होने वाले तरल पदार्थ या किसी अन्य हानिकारक सामग्री से दूर हो सकें।

4.  आप या पास में उपस्थित व्यक्ति को नजदीकी अस्पताल या पुलिस स्टेशन में फ़ोन करने के लिये कहें। यदि व्यक्ति बेहोश हो गया है या उसे साँस लेने में तकलीफ़ हो रही है तो तुरंत पीड़ित को नजदीकी अस्पताल में भेजने का प्रबंध करें। नीचे कुछ संपर्क नंबर दिए गए हैं जिनका उपयोग आप ऐसी आपात स्थितियों के दौरान कर सकते हैं:

  • केंद्रीकृत दुर्घटना आघात सेवा (CATC) दिल्ली: 102, 1099
  • एम्बुलेंस सेवा: 108
  • मेदांता आपातकालीन सेवाएं: 1068 या 91-124-4141414

5.  इस बात का ध्यान रखें कि पीड़ित के सिर, गर्दन और पीठ को बहुत सावधानी से हिलायें ताकि इनको इधर-उधर झटका नहीं लगें।

6.  दुर्घटना के शिकार व्यक्ति के गर्दन के दोनों तरफ लकड़ी के ब्लॉक लगाएं। यदि यह संभव नहीं है, तो सुनिश्चित करें कि पीड़ित को जागते रहने के लिए बार-बार कोई हिलाए नहीं।

7.  चोटिल बाइकर के हेलमेट को तब तक हटाने की कोशिश न करें जब तक कि वह अस्पताल न पहुंच जाये। हेलमेट को तभी हटाये जब पीड़ित बेहोश हो और सांस न ले रहा हो। इन परिस्थितियों में, मुख से मुख रिस्सिटेशन तकनीक द्वारा पीड़ित को साँस लेने में मदद मिलती है। 

Medanta Medical Team
  • Prev यकृत (Liver) कैंसर क्य...

  • Next साइनस क्या होता ह...

Leave a Reply

avatar
500
wpdiscuz_captcharefresh
avatar
500
wpdiscuz_captcharefresh
  Follow this discussion  
Notify of

Related articles

  • COVID-19 and Dengue: Similarities and Di...
  • Definitive Guide to Safe and Hygiene End...
  • What Is the Nasal Covid -19 Vaccine iNCO...

Go to Top

  • Events
  • Careers
  • Policies & Forms
  • Investor Relations
  • Sitemap

Copyright © 2023 Medanta The Medicity(Global Health Limited). All Rights Reserved.

Designed by screenroot
Request Callback
+
=

Please wait..