यदि आप वजन कम करने के लिए उपवास या फ़ास्टिंग पर निर्भर हैं, तो इससे होने वाले हानिकारक दुष्प्रभावों से सावधान रहें

एक फिट और स्वस्थ शरीर प्राप्त करने की इच्छा हर किसी व्यक्ति को होती है। लेकिन अधिकांश लोगों एक स्वस्थ शरीर का संबंध एक दुबले-पतले शरीर से करते हैं। वर्तमान दुनिया में, जब सभी 6 पैक एब्स और साइज जीरो शरीर से विस्मित हैं, हम अतिरिक्त चर्बी को जल्द से जल्द कम करना चाहते हैं, और हम इसे प्राप्त करने का सबसे आसान तरीका उपवास समझते हैं। एक ऐसा उपवास पैटर्न जो अब एक ट्रेंड बन गया है, वह है आंतरायिक उपवास (इंटरमिटेंट फास्टिंग)। इंटरमिटेंट फास्टिंग का समर्थन अद्भुत है, और कई लोग इसके प्रबल अनुयायी बन गए हैं। इंटरमिटेंट फास्टिंग एक खाने का पैटर्न होता है जिसमें नियमित अवधि का उपवास होता है और इस समय के दौरान व्यक्ति शून्य या कोई कैलोरी नहीं लेता है।
कई अध्ययनों ने इंटरमिटेंट फास्टिंग के कई लाभों का दावा किया है, जिसमें कुछ निम्नलिखित हैं, लेकिन इनकी सीमा नहीं है:
- वजन कम होना
- हृदय रोग का कम होना
- रक्तचाप कम होना
- इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार
- ऑक्सीडेटिव तनाव पैदा करने वाले कारकों में कमी होना
- रक्त शर्करा स्तर का बेहतर नियंत्रण रहना
आजकल कई प्रकार के इंटरमिटेंट फास्टिंग प्रसिद्ध हैं, जिनमें शामिल हैं:
- टीआरएफ या समय सीमित आहार (Time-restricted feeding)
- एडीएफ या वैकल्पिक दिनों का उपवास (Alternate-day fasting)
- पीएफ या आवधिक उपवास (Periodic fasting)
इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से पहले हमें इसके दुष्प्रभावों के बारे में भी स्पष्ट समझ होनी चाहिए। हालाँकि आंतरायिक उपवास करना अधिकांश लोगों के लिए सुरक्षित होता है, लेकिन डॉक्टर कुछ लोगों के लिए यह सख्त मना करते हैं।
आंतरायिक उपवास के दुष्प्रभाव
इंटरमिटेंट फास्टिंग के संभावित दुष्प्रभाव निम्नलिखित हैं:
1. भूख और खाने की इच्छा का बढ़ना - हाँ, यह सच है। आंतरायिक उपवास के परिणामस्वरूप ज़्यादा भूख लगना एक दुष्प्रभाव हो सकता है। जब आप लंबे समय तक बिना कैलोरी खाये उपवास करते हैं, तो आपको अपनी भूख में एक अचानक वृद्धि महसूस हो सकती है। नेशनल मेडिसिन ऑफ लाइब्रेरी में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, आंतरायिक ऊर्जा पर प्रतिबंध करने से भूख स्कोर (hunger score) बढ़ सकते हैं। लेकिन एक ओर अध्ययन के अनुसार, लोग आंतरायिक उपवास के शुरुआती कुछ दिनों तक ही इन भूख के लक्षणों का अनुभव करते हैं। इसलिए शुरुआती कुछ दिनों के बाद आपका शरीर इंटरमिटेंट फास्टिंग के अनुकूल हो जाता है।
2. सिरदर्द - हमारे शरीर को इंटरमिटेंट फास्टिंग के अनुकूल होने में कुछ दिन लग सकते हैं। शुरुआती कुछ दिनों के दौरान सिरदर्द महसूस होना एक सामान्य दुष्प्रभाव हो सकता है। इन सिरदर्द की वजह से रक्त में ग्लूकोज स्तर कम होना और उपवास के दौरान कैफीन छोड़ने के कारण प्रतिक्रिया हो सकती है।
3. पाचन-संबंधी समस्या - अगर आप इंटरमिटेंट फास्टिंग कर रहे हैं, तो आपको कुछ पाचन-संबंधी समस्याओं का सामना कर सकता है, जिनमें शामिल हैं:
- कब्ज
- दस्त
- निर्जलीकरण (Dehydration)
- मतली
- आफ़रा आना (Bloating)
डिहाइड्रेशन इंटरमिटेंट फास्टिंग की एक सामान्य प्रतिक्रिया होती है। डिहाइड्रेशन के कारण व्यक्ति को कब्ज हो सकता है। इसलिए, इंटरमिटेंट फास्टिंग का पालन करते समय बहुत सारे तरल पदार्थों का सेवन करना महत्वपूर्ण माना है। इसके अलावा, कब्ज को दूर करने के लिए एक फाइबर से भरपूर आहार का सेवन करें।
4. मूड में बदलाव - आंतरायिक उपवास का पालन करते समय चिड़चिड़ापन और मूड में बदलाव आपके दैनिक कार्यकलाप को प्रभावित कर सकते हैं। रक्त में शर्करा का कम स्तर आपके चिड़चिड़ापन और चिंतित महसूस करने का कारण बन सकता है। आपको लंबे समय तक ध्यान केंद्रित करने में भी मुश्किल अनुभव हो सकती है। हालांकि इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान आप चिड़चिड़ा महसूस कर सकते हैं, परंतु शुरुआती संघर्ष के इन दिनों में जब आप अपने लक्ष्य प्राप्त कर लेते हैं तो ये एक उपलब्धि और गर्व की भावना ले कर आते हैं।
5. थकान - नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में छपे एक समीक्षा लेख के अनुसार, इंटरमिटेंट फास्टिंग व्यक्ति में कम ऊर्जा स्तर और थकान का कारण बन सकता है। दीर्घ उपवास काल के कारण कम रक्त शर्करा स्तर भी आपको कमजोर और बेचैन महसूस करा सकता है, इसके साथ-साथ आपको एक लगातार नींद लेने में भी परेशानी आ सकती है। लेकिन जब आपका शरीर इंटरमिटेंट फास्टिंग के अनुकूल हो जाता है, तो थकान की भावना कम हो जाती है।
6. सांस में दुर्गंध आना - इंटरमिटेंट फास्टिंग का पालन करने वाले लोगों में सांसों की दुर्गंध (हैलिटोसिस) एक सामान्य दुष्परिणाम होती है। उपवास करने से मुँह में लार का प्रवाह कम हो सकता है और सांस में एसीटोन का स्तर बढ़ सकता है, जिसके कारण सांसों में दुर्गंध आ सकती है। जब आप उपवास करते हैं, तो आपका शरीर ऊर्जा के रूप में जमी हुई अतिरिक्त वसा का उपयोग करता है और इसके उपउत्पाद के रूप में एसीटोन बनाता है। आपको डीहाइड्रेशन (जो कि आंतरायिक उपवास का एक दुष्प्रभाव है) के कारण भी सांस में दुर्गंध का अनुभव हो सकता है।
7. असामान्य नींद - इंटरमिटेंट फास्टिंग नींद में समस्या का कारण हो सकता है। आपको या तो सोते रहने में कठिनाई हो सकती है या आप सो नहीं पाते हैं। एक अध्ययन के अनुसार, नींद की बाधाएँ उपवास के अन्य दुष्प्रभावों से अधिक आमतौर पर होते हैं। अन्य दुष्प्रभावों की तरह, नींद में बाधा इंटरमिटेंट फास्टिंग के प्रारंभिक दिनों में अधिक सामान्य होती है और समय के साथ धीरे-धीरे कम हो जाती है।
8. कुपोषण - इंटरमिटेंट फास्टिंग, यदि बिना उपयुक्त आहार योजना के किया जाए, तो पोषण की कमी का कारण बन सकता है। एक दीर्घ उपवास की अवधि का हमेशा एक उपयुक्त पोषण के साथ तालमेल रहना चाहिए। जब हम उपवास करते हैं, तो हम आमतौर पर हमारी दैनिक कैलोरी आपूर्ति पर ध्यान केंद्रित करते हैं और हमारे शरीर की पोषण आवश्यकताओं को अनदेखा कर देते हैं, जिससे कुपोषण होने की संभावना बाढ़ सकती है। इसलिए एक सफल उपवास योजना के लिए, एक संपूर्ण पौष्टिक आहार योजना बनाएं। हमेशा यह बेहतर होता है कि एक पोषण विशेषज्ञ से परामर्श लें और उनके साथ सलाह कर अपने उपवास के दौरान उपयोग कर सकने वाली एक आहार योजना बनाएं। इसके अलावा, अत्यधिक कैलोरी प्रतिबंध न करें क्योंकि यह आपके शरीर के कार्य को बाधित कर सकता है।
तो क्या इंटरमिटेंट फास्टिंग सभी के लिए उपयुक्त है?
इसका उत्तर यह है कि यह व्यक्ति से व्यक्ति पर निर्भर करता है। कुछ लोगों के लिए यह अच्छा काम कर सकती है। वहीं दूसरों के लिए, यह उपवास एक अच्छा विचार नहीं होता है। कुछ लोग इंटरमिटेंट फास्टिंग का पालन करते समय विभिन्न दुष्प्रभाव अनुभव कर सकते हैं। दुनिया भर के कई डॉक्टरों के अनुसार, निम्नलिखित लोगों को इंटरमिटेंट फास्टिंग से बचना चाहिए:
- गर्भवती और स्तनपान कराने वाली मां
- कमजोरी अनुभव करने वाले वृद्ध लोग
- रोग प्रतिरोधक क्षमता रहित लोग
- खाने के विकारों जैसे एनोरेक्सिया नर्वोसा या बुलिमिया नर्वोसा का इतिहास रखने वाले व्यक्ति
- डिमेंशिया से ग्रस्त व्यक्ति
- आघात के कारण मस्तिष्क की चोट (traumatic brain injury) का इतिहास
- बच्चे और किशोर जो विकास चरण में हैं
वे व्यक्ति जिन्हें दीर्धकालिक चिकित्सा स्थितियाँ जैसे मधुमेह है या जिनके पास दिन-प्रतिदिन की दवाइयां हैं, उन्हें उपवास की योजना शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर के साथ एक विस्तृत चर्चा करना हमेशा बेहतर होता है।
कुछ व्यक्ति आंतरायिक उपवास के दौरान लंबे समय तक दुष्प्रभावों का सामना कर सकते हैं। ये दुष्प्रभाव इस संघर्ष का संकेत देते हैं कि आपका शरीर इन दुष्प्रभावों के प्रति ठीक से प्रतिक्रिया नहीं कर रहा है।
इन दुष्प्रभावों में से कुछ निम्नलिखित हैं:
- अत्यधिक भूख का जोरदार एहसास
- मतली का निरंतर अहसास
- थकान और कमजोरी
- सिरदर्द और चक्कर आने की भावना
निष्कर्ष
इंटरमिटेंट फास्टिंग के फ़ायदों की एक लंबी सूची हैं। लेकिन इसके साथ-साथ इसके अपने कुछ दुष्प्रभाव भी हैं। तो अगर आप अपने उपवास के बाद तकलीफ़ महसूस करते हैं, तो उसे तुरंत बंद कर दें।
उपवास के अलावा भी ऐसे कई उपाय हैं जो आपको स्थायी स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकती हैं। इसके अलावा, आपको इस उपवास के दौरान अपने शरीर का ध्यान रखना होगा। पर्याप्त नींद लें, दैनिक शारीरिक गतिविधि में शामिल हों, तनाव को नियंत्रित करें, और एक संतुलित और पौष्टिक आहार योजना का पालन करें। इस इंटरमिटेंट फास्टिंग की योजना को शुरू करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लेना बेहतर होता है।