मानसिक विकार: आपको क्या पता होना चाहिए

अधिकांश लोग पेट दर्द, उच्च रक्तचाप या उच्च कोलेस्ट्रॉल के लिए तुरंत चिकित्सा सेवा की तलाश करना शुरू कर देते हैं, लेकिन इसी तरह हम मानसिक समस्याओं के मामलों में विशेषज्ञ सलाह लेने में क्यों हिचकिचाते हैं?
ख़राब मानसिक स्वास्थ्य किसी भी अन्य रोग की तरह एक गंभीर समस्या होती है। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण ने हाल ही में यह बताया है कि भारत में लगभग 150 मिलियन लोगों को तत्काल मानसिक स्वास्थ्य देखभाल की आवश्यकता है, परंतु दुर्भाग्यवश इसे अधिकतर नज़रअंदाज़ ही किया जाता है।
मानसिक बीमारियाँ या मनोवैज्ञानिक विकार किसी भी व्यक्ति के जीवन को विचलित और अस्थिर बना सकते हैं। आप और आपके प्रियजनों में मानसिक बीमारियों के लक्षणों को कैसे पहचान सकते हैं, आइए इसके बारे में और जानें।
मानसिक बीमारी आपके सामान्य कार्यक्षमता को कैसे प्रभावित करती है?
भारत में हर 5 में से 1 वयस्क मानसिक स्वास्थ्य स्थिति जैसे डिप्रेशन से ग्रसित होते हैं और 17 में से 1 व्यक्ति को कोई गंभीर मानसिक चिकित्सा स्थिति जैसे पार्किंसन रोग की समस्या होती है। इसके कारण आपके दैनिक कार्यक्षमता के विभिन्न पहलुओं जैसे कि ड्राइविंग या सामाजिक संबंधों को बनाना, पर असर पड़ता है। यह मित्रों और परिवार के साथ आपके संबंधों को भी बिगाड़ सकता है।
कई कारक आपकी ख़राब मानसिक स्वास्थ्य के लिए ज़िम्मेदार हो सकते हैं, जिनमें से मुख्य निम्नलिखित हैं:
- व्यक्तिगत आपत्तिजनक घटनाएँ
- पारिवारिक या प्रेम-संबंध या नौकरी में तनाव
- किसी कारणवश आपके दिमाग में जैव-रसायनिक परिवर्तन
- विटामिन और हार्मोन स्तर में बदलाव
मानसिक बीमारी के कारण आपके शारीरिक स्वास्थ्य, दैनिक कार्य क्षमता और परिवार और मित्रों के संबंध पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। हालांकि, कुछ मूलभूत स्थितियाँ जैसे असामान्य चिंताएँ आमतौर पर आपके दैनिक जीवन में हल्की बाधाएँ ही पैदा कर सकती हैं, वही दूसरी और, गंभीर मानसिक बीमारियाँ जैसे मनोवैज्ञानिक विकार (Psychotic Disorders) आपके जीवन में स्थायी क्षति पैदा करने की अधिक ख़तरा रखती हैं जो आपके व्यक्तित्व, धारणाएँ और व्यवहार पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती हैं।
मानसिक विकार (Psychotic Disorders) क्या होते हैं?
सायकोटिक डिसऑर्डर गंभीर मानसिक बीमारी होती है। इस स्थिति में व्यक्ति में असामान्य विचार और अनुभूतियाँ पैदा हो सकती हैं, जिसके परिणामस्वरूप व्यक्ति में वास्तविक दुनिया से अलग होने का अनुभव हो सकता है।
सायकोटिक डिसऑर्डर वाले व्यक्तियों को सायकोटिक घटनाओं का अनुभव होता है। इस मानसिक घटना के दौरान, व्यक्ति वास्तविकता से अनभिज्ञ हो जाता है। इसके साथ-साथ उसे दृष्टिभ्रम, ग़लतफ़हमी, भाषा में अव्यवस्था, और असंगत व्यवहार का अनुभव हो सकता है। कुछ अध्ययनों के अनुसार जीनेटिक्स, मेटाबॉलिक स्थितियाँ, और एलर्जी, मानसिक विकारों के मुख्य कारण हो सकते हैं।
मानसिक विकारों के कितने प्रकार होते हैं?
साइकोटिक विकारों के विभिन्न प्रकार होते हैं, जिनमें मुख्य निम्नलिखित हैं:
1. स्किजोफ्रीनिया
स्किजोफ्रीनिया एक गंभीर मानसिक स्वास्थ्य बीमारी होती है जो किसी व्यक्ति की सोचने, तर्क करने और कार्य करने की क्षमता को प्रभावित करती है। इस स्थिति में भ्रम या वैकल्पिक वास्तविकताओं में व्यक्ति विश्वास करने लग जाता है, जिससे व्यक्ति के वास्तविक, दैनिक जीवन पर प्रभाव पड़ता है।
जॉन नैश, नोबेल पुरस्कार विजेता गणितज्ञ, स्किजोफ्रीनिया से ग्रसित थे।
इस स्थिति के लक्षण आमतौर पर किशोरावस्था की अंतिम अवधि या प्रारंभिक प्रौढ़ वयस्कता के दौरान दिखायी देने शुरू होते हैं। आनुवांशिक कारक, मादक पदार्थों का सेवन, या मस्तिष्क में रासायनिक असंतुलन इस स्थिति के मुख्य योगदान कारक हो सकते हैं। एक व्यक्ति के जीवन में एक घटित कोई दर्दनाक घटना भी स्किजोफ्रीनिया का एक संभावित कारण हो सकती है।
2. स्किजोअफेक्टिव विकार
स्किजोअफेक्टिव विकार स्किजोफ्रेनिया और मूड विकार का संयोजन होता है। स्किजोअफेक्टिव विकार वाले व्यक्ति को मतिभ्रम या डिल्यूज़न के साथ डिप्रेशन और उन्माद (mania) के लक्षण अनुभव हो सकते हैं।
3. स्किजोफ्रेनिफॉर्म विकार
स्किजोफ्रेनिफॉर्म विकार स्किजोफ्रेनिया की तरह एक अस्थायी मानसिक बीमारी होती है। यह स्थिति आमतौर पर किशोरों और युवा वयस्कों को प्रभावित करती है, और इसके लक्षण 1 से 6 महीने तक रहते हैं।
स्किजोफ्रेनिफॉर्म विकार उपचार के बावजूद स्किजोफ्रेनिया में बदल सकता है। स्किजोफ्रेनिफॉर्म विकार के सटीक कारण की जांच अभी तक चल रही है।
4. भ्रम-संबंधी (Delusional) विकार
डिल्यूशनल विकार एक दुर्लभ मानसिक स्वास्थ्य स्थिति होती है जिसमें पीड़ित व्यक्ति एक वैकल्पिक वास्तविकता में ही विश्वास रखता है। पहले इसे पैरानॉयड विकार के रूप में जाना जाता था, जिसके सबसे सामान्य प्रकार साइकोसिस है।
डिल्यूशनल विकार वाले व्यक्ति को गैर-अद्भुत भ्रम जैसे, उनका पीछा किया जाता है, जहर दिया गया है, या धोखा दिया गया है, महसूस होते हैं। ये आमतौर पर गलतफहमी वाली अनुभूतियाँ होती हैं जो असत्य और अतिशयोक्तिपूर्ण होते हैं।
विभिन्न प्रकार के डिल्यूशनल विकार जो एक व्यक्ति अनुभव कर सकता है, निम्नलिखित हैं:
- ऐरोटोमैनिक भ्रम (यह मान्यता कि किसी को उनसे प्यार है)
- महान भ्रम (शक्ति और उच्च मूल्य का अनुभव करना)
- पर्सिक्यूटरी भ्रम (निरंतर दुर्व्यवहार महसूस होना)
- जलन (जीवनसाथी पर अविश्वास की भावना)
- शारीरिक भ्रम (मानना कि उसे गंभीर चिकित्सीय स्थिति है)
5. पदार्थ-प्रेरित (सब्सटांस-इंडस्यूड) मानसिक विकार
कुछ दवाओं और पदार्थों जैसे मारिजुआना, शराब, कोकेन, एलएसडी, ओपिओइड और स्टेरॉयड्स पदार्थ-प्रेरित मानसिक विकार के आरंभ का कारण बन सकते हैं। किसी विशेष दवा को बंद करने पर आपको दवा के विनिवर्तन (withdrawal) लक्षण महसूस हो सकते हैं। डिल्यूज़न या हॉलुसिनेशन कुछ समय बाद सही हो जाते हैं। लेकिन अगर आप फिर से उन दवाओं का सेवन शुरू करते हैं या समय पर मनोचिकित्सकीय सहायता प्राप्त नहीं करते हैं तो यह ये स्थिति बाद के चरण में फिर से महसूस हो सकती है।
6. मौजूद चिकित्सा स्थितियों के कारण होने वाले मानसिक विकार
एक मानसिक विकार मौजूदा चिकित्सा स्थितियों के कारण भी उत्पन्न हो सकता है जैसे:
- आल्जाइमर रोग
- मस्तिष्क का ट्यूमर
- एचआईवी या एड्स
- हाइपोग्लाइसीमिया (कम रक्त शर्करा)
- मल्टीपल स्क्लेरोसिस
- ल्यूपस
- स्ट्रोक
- पार्किंसन रोग
- सिफिलिस
क्या स्किजोफ्रेनिया और मनोविकृति (सायकोसिस) एक ही बीमारी हैं?
स्किजोफ्रेनिया के अद्वितीय लक्षण होते हैं (जिसे इसकी विशेषताओं के रूप में भी जाना जाता है), जो हॉलुसिनेशन और वहमों को बढ़ाते हैं। स्किजोफ्रेनिया से ग्रसित व्यक्ति को मनोविकृति और मनोविकृति घटनाएँ महसूस होती हैं।
हालांकि, सायकोसिस एक चिकित्सा रोग नहीं है, बल्कि यह एक लक्षण होता है।
विभिन्न अनुसंधानकर्ता के अनुसार मनोविकृति विकार नींद की कमी का एक संभावित लक्षण हो सकता है।
कैसे पता लगा सकते हैं कि किसी को सायकोटिक घटना हो रही है?
एक सायकोटिक घटना के दौरान, कोई व्यक्ति असामान्य, और अनुचित व्यवहार प्रदर्शित कर सकता है जैसे:
- किसी के अंतिम संस्कार में हँसना
- असंगत भाषा
- कटेनिया (हिलने-डुलने में असमर्थता, असामान्य अनैच्छिक गतिविधि या असंवेदनशीलता)
कौन सा प्रतीत होता सामान्य व्यवहार वास्तव में मानसिक बीमारी की ओर इशारा करता है?
ब्रिटिश साइकोएनालिस्ट क्रिस्टोफर बोलास ने कुछ विशिष्ट सामान्य व्यवहारों के बारे में बताया है जो 'नॉरमोटिक बीमारी' को उत्पन्न करते हैं।
एक नॉर्मोपैथ अधिकतर एक सामान्य व्यक्ति की तरह दिखता है जो समाज में आसानी से घुल-मिल जाता है और अच्छी प्रगति भी करता है। लेकिन वह किसी भी रचनात्मक अभिव्यक्ति के प्रति अतिरिक्त, नियंत्रित उत्साह प्रदर्शित कर सकता है।
नॉर्मोपैथिक व्यवहार का एक सामान्य उदाहरण है जब माता-पिता अपने बच्चों के साथ विभिन्न खेल खेलते समय बच्चों से उच्च स्तर की प्रतिस्पर्धा प्रदर्शित करते हैं। चूँकि एक सामान्य माता-पिता केवल गतिविधि का आनंद लेने के लिए ही बच्चों के साथ खेलते हैं।
क्या सायकोटिक विकार का इलाज किया जा सकता है?
सामान्यतः सायकोटिक विकार के लिए डॉक्टर एंटीसाइकोटिक दवाओं और साइकोथेरेपी का सुझाव देते हैं। प्रत्येक व्यक्ति का रिकवरी समय अलग-अलग हो सकता है, जो कुछ हफ्तों से लेकर कई साल तक हो सकता है।
दूसरी किसी चिकित्सा स्थिति की तरह ही सायकोटिक विकार भी गंभीर होते हैं। भारत में, आमतौर पर मानसिक बीमारी वाले लोगों को समाज से अलग कर दिया जाता है। मानसिक रोगों के प्रति इस समाजिक तब्दीली के कारण, उनका उपचार करना और अधिक कठिन हो जाता है।
एक विकासशीलराष्ट्र के रूप में, अब हमें मानसिक स्वास्थ्य और मानसिक रोगों के प्रति अधिक जागरूकता बढ़ानी चाहिए। सायकोटिक विकार के कोई भी लक्षण महसूस होने पर किसी मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर की सलाह लें।