बच्चों की पाँच सामान्य बीमारियाँ और उनका उपचार
बच्चों की परवरिश करना माँ-पिता के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, जिसमें उनको विभिन्न परिस्थितियों और समझौतों के साथ समन्वय करना पड़ता है। बच्चों में उत्पन्न हुई अचानक बीमारी आपके सहनशक्ति की परीक्षा ले सकती है और आपको अपने बच्चे के इलाज के सर्वोत्तम तरीके के बारे में चिंतित और निराश कर सकती है।
नीचे बचपन की कुछ सामान्य बीमारियों के स्पष्ट संकेत और लक्षण दिए गए हैं जिन्हें आप एक माता-पिता के रूप में न चाहते हुए भी बार-बार सामना करते हैं।
रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट का संक्रमण
कुछ रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट के आम संक्रमण जैसे जुकाम (नासोफेरींजिटिस), टॉन्सिल में सूजन (एक्यूट टॉन्सिलोफेरींजाइटिस) और गले में खराश (स्ट्रेप थ्रोट) आपके बच्चे को हो सकते हैं। ये बीमारियाँ वायरस और बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण होती हैं जो आपके बच्चे के ऊपरी श्वसन पथ को प्रभावित करती हैं। इनके मुख्य लक्षणों में छाती में जमाव, ग्रंथियों में सूजन, नाक बहना और खांसी शामिल हैं।
आमतौर पर ये बीमारियाँ सात से दस दिनों में ठीक हो जाती हैं। इस दौरान गर्म तरल पेय पदार्थ बच्चों के गले की खराश को ठीक करने में सहायता करते हैं। इसके साथ-साथ आप बच्चों को समय-समय पर गरारे करने के लिए थोड़ा गुनगुना नमक का पानी भी दे सकते हैं।
हम आपको यही सलाह देंगे की अपने बच्चों को तब तक कोई भी एंटीबायोटिक्स न दें, जब तक आपके डॉक्टर यह सुनिश्चित ना कर लें कि ये बैक्टीरियल संक्रमण जैसे स्ट्रेप थ्रोट नहीं है, क्योंकि अधिकांश बीमारियाँ 5-10 दिनों में कम हो जाती हैं।
कान में दर्द
क्या आपके बच्चे में बार-बार कान में दर्द की समस्या होती है? कान में दर्द सूजन या संक्रमण का चेतावनी संकेत हो सकता है। मुख्यतः कान का संक्रमण इनर ईयर कैनाल (स्विमर्स ईयर) या मिडल कैनाल (ओटिटिस मीडिया) में होता है। कई बार आपके बच्चे में सर्दी जुकाम के दुष्प्रभाव के रूप में या साइनस में दबाव बनने के कारण दर्द (उनके कान से निचले जबड़े तक फैलना) शुरू हो सकता है।
आमतौर पर कान का संक्रमण जैसे ओटिटिस मीडिया पहले और दूसरे वर्ष में बच्चों को प्रभावित कर सकते हैं (6 से 18 महीने के बीच)। इसके मुख्य कारणों में कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली, सेकंड-हैंड स्मोक, और अन्य एलर्जी शामिल हैं। यदि आपको आपके बच्चे में लंबे समय तक कान में दर्द और सुनने में कमी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें।
बेहोशी (सिंकोप)
कभी-कभी स्कूल में या घर पर बच्चों के मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह में कमी (जिसे सिंकोप भी कहते हैं) के कारण बेहोशी आ सकती है। आमतौर पर ये बेहोशी के पीरियड संक्षिप्त होते हैं और आपका बच्चा कुछ ही मिनटों में होश में आ जाता है। आपके बच्चे में बेहोशी के मुख्य कारणों में अत्यधिक शारीरिक (थकान और गर्मी में व्यायाम करना) और भावनात्मक तनाव शामिल होते हैं। कई बार बेहोशी कम रक्त शर्करा के स्तर (हाइपोग्लाइसीमिया), अनियमित दिल की धड़कन (आर्रीथमिया) या खून में कम लाल रक्त कोशिका की उपस्थिति (एनीमिया) का संकेत हो सकती है। यदि आपका बच्चा लंबे समय तक बेहोशी या दौरे से पीड़ित है, तो डॉक्टर से एपिलेप्सी की जांच करवाएं।
त्वचा संक्रमण (एक्जिमा)
बच्चे के जन्म के पहले दो वर्षों के दौरान उनके घुटनों के आसपास की त्वचा में खुजली, शुष्क त्वचा, और लाल धब्बे जैसी त्वचा-संबंधी समस्याओं पर नज़र रखें, क्योंकि वे एक्जिमा (या एटोपिक डर्मेटाइटिस) के लक्षण हो सकते हैं। अतः यदि आपका बच्चा खुजली से परेशान होकर अपने पैरों को अत्यधिक खरोंचने लगे तो उसे रोकना अति आवश्यक है। त्वचा में जलन पैदा करने वाले पदार्थ जैसे ऊनी कपड़े या कठोर साबुन से बचें क्योंकि ये बच्चों कि त्वचा पर उपस्थित प्राकृतिक तेल को नुक़सान पहुँचा सकते हैं।
गीले डायपर का लंबे समय तक त्वचा के संपर्क में रहने के कारण आपके बच्चे को फंगल त्वचा संक्रमण जैसे डायपर रैश (डायपर डर्मेटाइटिस), या पायोडर्मा, एक फंगल त्वचा संक्रमण जो पपड़ी और लाल फफोले के रूप में प्रकट होता है, का सामना करना पड़ सकता है। इन संक्रमणों को चिकित्सक द्वारा निर्देशित टोपिकल एंटिफंगल क्रीम के साथ नियंत्रण किया जा सकता है।
पेट में दर्द, दस्त, और उल्टी
छोटे बच्चों में पेट दर्द आम बच्चों की बीमारी में से एक है। अगर आपके बच्चे बार-बार बाथरूम जाते हैं (दिन में तीन बार से अधिक) और उनको पानी जैसे मल होते हैं, तो उनको दस्त हो सकते हैं। इसी तरह इस बात का भी ध्यान दें कि डायरिया के विपरीत लक्षण (सप्ताह में तीन बार से कम बार मल त्यागना) होना कब्ज का संकेत हो सकता है। इन लक्षणों को बार-बार आने से रोकने के लिए यह सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा शारीरिक स्वच्छता का ध्यान रखें और फाइबर से भरपूर घर का बना खाना ही खाए (कब्ज को कम करने के लिए)। इसके साथ-साथ यह सुनिश्चित करना भी महत्वपूर्ण है कि आप किसी भी पैरासाइट संक्रमण को रोकने के लिए नियमित रूप से अपने बच्चे को चिकित्सक के मार्गदर्शन के अनुसार दवा दें।
अतः अपने बच्चों को कुछ आसान कार्य जैसे नियमित रूप से (भोजन से पहले या किसी पालतू जानवर को छूने के बाद) हाथ धोना सिखाने और घर को कीटाणु-मुक्त रखने से आप आपके बच्चे के संक्रमण के जोखिम को कम कर सकते हैं।