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फेफड़े की गांठ (Nodule): कारण और उपचार

 

 

फेफड़ों में नोड्यूल क्या होता है?

 

फेफड़े की गांठ या पल्मोनरी नोड्यूल को स्पॉट या कॉइन लिजन (coin lesion) भी कहते हैं। यह फेफड़ों में एक छोटी गांठ होती है, और आमतौर पर 3 सेंटीमीटर से छोटी होती है। ये काफी सामान्य स्थिति है जो छाती के एक्स-रे या सीटी स्कैन पर सफेद छाया के रूप में दिखाई देते हैं।

 

पल्मोनरी नोड्यूल होने के क्या कारण होते हैं?

 

नोन-कैंसर वाले फेफड़े के नोड्यूल कई कारण हो सकते हैं, जिसमें संक्रमण जैसे कि ट्यूबरक्लोसिस, रुमेटीइड आर्थराइटिस, और नोन-कैंसर वाले ट्यूमर जैसे फाइब्रोमा शामिल हैं।

 

फेफड़ों के नोड्यूल के होने के जोखिम कारक क्या हैं?

 

कई जोखिम कारक जैसे धूम्रपान का इतिहास, 60 से ऊपर की उम्र और कैंसर का पारिवारिक इतिहास फेफड़ों के नोड्यूल की संभावना को बढ़ाते हैं।

 

कैंसर और नोन-कैंसर वाले पल्मोनरी नोड्यूल में अंतर - अधिकांश पल्मोनरी नोड्यूल नोन-कैंसर होते हैं। अगर नोड्यूल 3 सेमी से ज़्यादा बड़ा है या ठोस है या स्पाइक्युलेटेड हैं (अनियमित या लोब्युलर बॉर्डर), या कई नोड्यूल जो बढ़ते रहते हैं, उन नोड्यूल में कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है।

 

पल्मोनरी नोड्यूल के लक्षण क्या होते हैं?


एक कैंसरयुक्त पल्मोनरी नोड्यूल कई लक्षण दिख सकता है जैसे सांस की तकलीफ, सीने में दर्द, खांसी में खून आना, पीठ में दर्द और वजन कम होना।

 

पल्मोनरी नोड्यूल का इलाज


यदि संक्रमण की वजह से फेफड़ों में नोड्यूल होता है तो डॉक्टर इसे ठीक करने के लिए दवाओं की सलाह देते हैं। डॉक्टर आपको इमेजिंग या सीटी स्कैन द्वारा नोड्यूल का ट्रैक रखने की सलाह देते हैं। यदि आपके ये फेफड़ों के नोड्यूल 2 साल बाद भी सही नहीं होते है, तो यह संभावना ज़्यादा है कि यह कैंसर हो सकता है और आपका डॉक्टर आपको इलाज के उपयुक्त विकल्प बताता है।

 

This blog is a Hindi version of an English-written Blog - Lung Nodule: Meaning, Causes and Treatment

 

Medanta Medical Team
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