आपकी किडनी उत्सर्जन अंग होती हैं जो अपशिष्ट उत्पादों को प्रभावी ढंग से फ़िल्टर करने और हमारे शरीर में तरल पदार्थों के नियंत्रण में एक अहम भूमिका निभाती हैं। क्रोनिक किडनी डैमेज (सीकेडी) जैसी बीमारियों के कारण किडनी को होने वाली कोई भी क्षति पोटेशियम और सोडियम जैसे प्रमुख शारीरिक रसायनों के नाजुक संतुलन को प्रभावित कर सकती है और इसके साथ ही आपके रक्तचाप और हार्मोन के स्तर पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
जिन लोगों की किडनी पूरी तरह से रक्त फ़िल्टर करना बंद कर देती है, उन्हें आमतौर पर डॉक्टर डायलिसिस नामक प्रक्रिया की सलाह देते हैं। इस जीवन-रक्षक प्रक्रिया की कार्यप्रणाली, जोखिमों और लाभों के बारे में अधिक जानने के लिए आगे पढ़ें।
आसान भाषा में डायलिसिस एक ऐसी प्रक्रिया है जो उन कार्यों को यांत्रिक रूप से पूरा करती है जो पहले आपकी किडनी द्वारा पूरे किए जाते थे। यह प्रक्रिया आपके रक्त में मौजूद सभी अपशिष्ट उत्पादों को फ़िल्टर करने के साथ-साथ आपके शरीर में तरल पदार्थ और इलेक्ट्रोलाइट स्तर को नियंत्रण में रखने के लिए एक फ़िल्टर उपकरण का उपयोग करती है। नीचे तीन प्रमुख डायलिसिस तकनीकें बताई हैं जिन्हें आपका चिकित्सक आपके कारकों के आधार पर सूझा सकता है:
डायलिसिस का सुझाव कब दिया जाता है?
यदि आप क्रोनिक किडनी रोग जैसी स्थितियों से पीड़ित होते हैं तभी डॉक्टर आमतौर पर डायलिसिस का सुझाव देते हैं, और यह नियमित रूप से दुनिया भर के अस्पतालों में किया जाता है। यह ध्यान रखना भी आवश्यक होता है कि आप पर इस प्रक्रिया के कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं जैसे:
और, यह जानना भी आवश्यक है कि डायलिसिस आमतौर पर तब तक किया जाता है जब तक कि आपकी किडनी फिर से सही ढंग से काम न करने जाए, लेकिन यदि आप क्रोनिक किडनी डैमेज (सीकेडी) से पीड़ित हैं तो कभी-कभी यह जीवन भर भी करना पड़ सकता है।
यदि आपको कमजोर किडनी के स्पष्ट संकेत जैसे पेशाब करने में दिक़्क़त, लगातार मतली, सांस लेने में कठिनाई या आपके हाथ या पैर में एडिमा (सूजन) दिखाई देते हैं, तो अपनी किडनी को होने वाली स्थायी क्षति से बचाने के लिए तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
This blog is a Hindi version of an English-written Blog - Dialysis: All You Need To Know
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