Facebook Twitter instagram Youtube
इककरडयगरम-बनम-इलकटरकरडयगरम-ईसज-बनम-इक-आइय-समझत-ह-इनक-बच-क-अनतर

इकोकार्डियोग्राम बनाम इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी बनाम इको): आइये समझते हैं इनके बीच का अन्तर।

 

 

इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ECG) क्या है और कैसे काम करता है?

 

इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी) एक ऐसी मशीन है जिसके उपयोग से डॉक्टर आपके ह्रदय की इलेक्ट्रिकल या विद्युत गतिविधि को मापते हैं। दिल की प्रत्येक धड़कन के साथ एक इलेक्ट्रिकल तरंग पैदा होती है।  यह विद्युत तरंग ह्रदय में फैलती है और ह्रदय को रक्त पंप करने में मदद करती है। ईसीजी के माध्यम से आपका डॉक्टर यह पता कर सकता है की आपके ह्रदय की विद्युत गतिविधि सामान्य है अथवा नहीं।

 

इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम एक ऐसा चार्ट बनाता है जिससे आपके ह्रदय की तरंगों की लय या वेव्स देखी जा सकती है। स्वस्थ हृदय का ईसीजी एक विशेष शृंखला के रूप में होगा और यह ऊपर दी गई छवि जैसा देखने को मिलता है। असंगत, अनियमित या गैर-मानक विद्युत तरंगें हृदय रोग की और संकेत कर सकती हैं। एक इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम की मदद से डॉक्टर आपके ह्रदय के स्वास्थ्य को समझ सकता है और किसी भी अनियमितता को पहचान कर सही उपचार शुरू कर सकता है।

 

इकोकार्डियोग्राम क्या है? ये कैसे काम करता है? 

 

इकोकार्डियोग्राम एक लाइव-इमेजिंग टेस्ट है। इकोकार्डियोग्राम के उपयोग से डॉक्टर आपके हृदय की संपूर्ण गतिविधियों को देख सकते हैं और किसी भी अनियमित्ता को पहचान सकते हैं। यह टेस्ट ध्वनि तरंगों की मदद से दिल की एक जीवंत छवि बनाता है। क्यूंकि आपके दिल और वाल्वस की छवि आपके दिल से टकराकर वापिस आने वाली तरंगो से बनती है इसलिए इस टेस्ट को इको भी कहा जाता है। 

 

इकोकार्डियोग्राम मशीन की दिल की लाइव छवि बनाने की कार्यप्रणाली काफी कुछ एक अल्ट्रासाउंड मशीन से मिलती है। इकोकार्डियोग्राम की सहायता से आपका डॉक्टर आपके दिल के स्वास्थ्य और कार्यक्षमता के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी आपके धड़कते दिल की लाइव फीड देख कर प्राप्त कर सकता है।

 

ईसीजी और  इकोकार्डियोग्राम कैसे किए जाते हैं?

 

ईसीजी टेस्ट सामान्य तौर पर 5 से 10 मिनट मैं हो जाता है। आपका डॉक्टर आपकी छाती के विभिन्न स्थानों पर दस चिपकने वाले पैड लगाता है जो तार के माध्यम से आपकी छाती को मशीन से जोड़ते हैं। इसके बाद मशीन आपके दिल की विद्युत गतिविधियों को मापना शुरू कर देगी और आपके दिल की लय एक इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम या वेव के रूप में दिखनी शुरू हो जायेगी। 

 

इकोकार्डियोग्राम में आमतौर पर लगभग बीस मिनट लगते हैं ( टेस्ट की तैयारी के पांच मिनट और सम्पूर्ण  टेस्ट प्रक्रिया के पंद्रह मिनट) आपका डॉक्टर आपके शरीर के ऊपर एक अल्ट्रासाउंड के प्रवाह को बढ़ाने वाला जेल लगाता है और फिर लाइव चित्र प्राप्त करने के लिए आपके सीने के ऊपर अल्ट्रासाउंड यन्त्र चलाते हैं। 

 

ईसीजी और इकोकार्डियोग्राम की आवश्यकता कब होती है?

 

इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम एक सामान्य टेस्ट है जो आपका डॉक्टर आपको निम्न परिस्थितियों में लिख सकता है:

 

  • यदि आपकी हृदय शल्य चिकित्सा होने वाली है
  • आप दिल के दौरे या स्ट्रोक के लक्षणों को महसूस कर रहे हैं
  • अगर आपको  उच्च रक्तचाप, मधुमेह, या उच्च कोलेस्ट्रॉल है या आपमें अन्य हृदय रोगों के होने की सम्भावना अधिक है   
  • यदि आपका हृदय रोग का पारिवारिक इतिहास है, या आप धूम्रपान या शराब का अत्याधिक सेवन करते हैं, या आपका वजन बहुत ज्यादा है, या आपकी आयु एक निश्चित आयु से अधिक है

 

इकोकार्डियोग्राम की सलाह आपका डॉक्टर आमतौर पे ह्रदय रोग की पुष्टि करने के लिए देते हैं। कुछ कारण जिनके कारण आपको इकोकार्डियोग्राम कराने की सलाह दी जा सकती है, वे हैं:  

 

  • दिल के चैम्बर में दोष
  • दिल के वाल्व में अनियमित्तायें
  • सीने में दर्द 
  • सांस लेने में अत्यधिक तकलीफ
  • अजन्मे बच्चे में कोई विकार

 

This blog is a Hindi version of an English-written Blog - The Difference between an Echocardiogram and Electrocardiogram (ECG Vs ECHO)

Medanta Medical Team
Back to top