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शिशु और बच्चे की सामान्य चोटें: कब सहायता लेनी है

जब एक बच्चा चोट का शिकार होता है, खासकर अगर बच्चा एक नवजात या घुटनों के बल चलने वाला (0 से 36 महीने) होता है, तो समझना कठिन होता है कि चोट का कारण क्या है। यह काफी हद तक इस तथ्य के कारण भी है कि बच्चों में बोल कर समझाने के कौशल का अभाव होता है और वह नहीं समझा सकता कि वह किस प्रकार के दर्द या असुविधा का सामना कर रहा है।

इसलिए महत्वपूर्ण है कि माता-पिता और देखभालकर्ताओं को इस बारे में जानकारी हो कि शिशु और बच्चों में सामान्य चोटें कौन-कौन सी होती हैं और उनके लिए चिकित्सा सहायता कब लेनी चाहिए।

 

शिशु और टॉडलर चोटों के प्रकार और कब मदद लेनी चाहिए

 

बच्चों की सबसे सामान्य चोटों में शामिल हैं:

 

गिरना

 

गिरना शिशु और बच्चे में चोट के सबसे सामान्य कारणों में से एक है। बच्चे बिस्तरों या टेबल से गिर सकते हैं, या जब वे दौड़ रहे होते हैं या खेल रहे होते हैं। गिरने के बाद बच्चे को सिर की चोट के लिए जाँच करना आवश्यक है।

यदि आपके बच्चे में निम्नलिखित लक्षण हैं तो आपको तुरंत अपने पेड़ियाट्रिशियन के पास जाना चाहिए:

  • गिरने के बाद गंभीर चिड़चिड़ापन
  • उल्टी
  • बोलने में अस्पष्टता
  • चलने में कठिनाई
  • उसके सिर पर एक मुलायम उभार (फोंटैनल) है

ये कंक्शन या अधिक गंभीर स्थितियों जैसे मस्तिष्क में दबाव बढ़ने, मस्तिष्क में सूजन और आंतरिक रक्तस्राव का संकेत दे सकते हैं।

 

दम घुटना 

 

सोते समय शिशुओं में दम घुटने का खतरा अधिक होता है। यह तब होता है जब सोने की गलत स्थिति या ग़लत रखे कुशन के कारण ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। अतः यह सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा अपनी पीठ के बल सो रहा है, और सोते समय पालने को खिलौने, कंबल या अन्य वस्तुओं से मुक्त रखें। 

 

डूबना 

 

डूबना बच्चों में चोट का बहुत ही सामान्य कारण है। 1 से 4 वर्ष के बच्चे अगर बिना निरीक्षण के रह जाए तो उनके डूबने का खतरा ज़्यादा होता है। यह इसलिए होता है क्योंकि बच्चा अभी तक अपने मोटर कौशल को विकसित कर रहा होता है और वह खतरों का ठीक ढंग से मूल्यांकन या उनकी तरफ़ प्रतिक्रिया नहीं कर पता है। स्विमिंग पूल, बाथटब, और नदियाँ इस तरह के घटनाओं के लिए सबसे सामान्य स्थान हैं।

अगर आपके बच्चे में निम्नलिखित लक्षण है, तो उसे पेडियाट्रिशियन के पास ले जाएं:

  • लगातार खांसी होना 
  • उसे साँस लेने में सामान्य से अधिक मेहनत करनी पड़ रही है
  • थकान या उल्टी हो 

 

विषाक्तता

 

नवजात और छोटे बच्चे बहुत जिज्ञासु प्रकृति के होते हैं और उत्सुकतापूर्वक अपने सभी इंद्रियों का उपयोग करते हैं। नियमित घरेलू वस्तुओं को निगलना या साँस लेना खतरनाक हो सकता है। अपने बच्चे को निम्नलिखित बताई चीज़ों से दूर रखें:

 

  • सौंदर्य पदार्थ, शैम्पू, लोशन
  • सफाई का सामान या डिटर्जेंट पाउडर या लिक्विड 
  • बटन या पिन जैसी छोटी वस्तुएं 
  • पौधे

 

यदि आप नीचे बताए लक्षणों को बच्चों में नोटिस करते हैं, तो तत्काल चिकित्सा सहायता प्राप्त करें:

 

  • मुँह या होंठों के चारों ओर जला हुआ या लालिमा दिखना 
  • सांसों से रसायनों की गंध
  • सांस लेने में कठिनाई और उल्टी
  • उनींदापन या भ्रांतिपूर्ण स्थिति
  • मिर्गी के दौरे 

 

नवजात और छोटे बच्चों के चोट लगना सामान्य हैं, लेकिन इसके बारे में तैयार रहना माता-पिता और देखभालकर्ताओं को कुछ तनाव से बचा सकता है। 

 

यहां 5 मुख्य चीजें बताई हैं जो आप शिशुओं और बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए कर सकते हैं:

  • हमेशा गाड़ी में यात्रा करते समय सुरक्षा बेल्ट का उपयोग करें।
  • दवाएँ, बोतलें, और अन्य हानिकारक वस्तुएं अपने बच्चे के पहुँच से बाहर रखें।
  • अपने बच्चे के सोने के समय मुलायम वस्तुएं और खिलौने पालने से बाहर रखें। इसके साथ यह भी सुनिश्चित करें कि वह अपने पीठ के बल सो रहा है।
  • जब आपका बच्चा स्विमिंग पूल या बाथटब में हो, तो उन पर निगरानी करें।
  • अगर आपका बच्चा बाहर खेल रहा है, तो सुनिश्चित करें कि उसके पास हेलमेट या पैड्स जैसी सुरक्षा उपकरण हैं।

नवजात और छोटे बच्चों की चोटें काफी तनावपूर्ण हो सकती हैं, खासकर क्योंकि अधिकांश समय, बच्चा अपने आप को पूरी तरह से व्यक्त करने में सक्षम नहीं होता। इस तरह के मामलों में, कोशिश करें कि शांत रहें और तुरंत अपने पेडियाट्रिशियन से सहायता प्राप्त करें।

 

This blog is a Hindi version of an English-written Blog - Common Infant and Toddler Injuries: When To Seek Help

Medanta Medical Team
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