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पैराप्लेजिया का अर्थ, लक्षण और उपचार

पैराप्लेजिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें रीढ़ की हड्डी या सिर के नियंत्रण क्षेत्र में किसी चोट के कारण व्यक्ति के कमर से नीचे का हिस्सा लकवाग्रस्त हो जाता है। दिमाग़ के न्यूरोलॉजिकल हिस्से में किसी भी गड़बड़ी के कारण न्यूरॉन्स शरीर के अंगों को कोई सिग्नल नहीं भेज पाते हैं और इसलिए यह लकवाग्रस्त हो जाता है। 

 

पैराप्लेजिया का निदान इसके मूल लक्षणों से किया जा सकता है और इसमें हुई आंतरिक क्षति का पता लगाने के लिए कुछ परीक्षण भी किए जा सकते हैं। ज़्यादातर मामलों में इसका सीमित उपचार होता है लेकिन यह स्थिति को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। आइए हम पैराप्लेजिया के कारण, लक्षण, और इलाज की चर्चा करें।

 

पैराप्लेजिया का कारण 

 

पैराप्लेजिया का कारण अक्सर कोई चोट या स्थिति होती है जो शरीर को अपने निचले हिस्से को हिलाने की क्षमता में दिक़्क़त पैदा करती है। चोट सामान्यत: रीढ़ की हड्डी को प्रभावित करती है जिससे शरीर के निचले हिस्से को संचालित करना कठिन हो जाता है। मस्तिष्क के न्यूरोलॉजिकल भाग जो शरीर की विभिन्न गतिविधियों को नियंत्रित करता है, में किसी प्रकार की समस्या भी पैराप्लेजिया का कारण हो सकती है। इसमें कैंसर, सेरेब्रल पॉल्सी, स्ट्रोक, ट्यूमर, डीमायलिनेटिंग डिसऑर्डर, सिर और रीढ़ की हड्डी में संक्रमण शामिल हैं। तंत्रिकाओं, मांसपेशियों और न्यूरोमास्क्युलर जंक्शन की कई बीमारियों के पैरापैरेसिस जैसे लक्षण हो सकते हैं।

 

पैराप्लेजिया के लक्षण 

 

पैराप्लेजिया के लक्षण हर रोगी में अलग-अलग हो सकते हैं और एक ही समय में सभी दिखाई नहीं भी दे सकते हैं। हालांकि कुछ सबसे मूल लक्षण जैसे पक्षाघात अधिकांश मामलों में बीमारी की शुरुआत होते ही दिखने लग जाते हैं। अन्य लक्षण जैसे कि दर्द, संवेदी (sensory) नुकसान, यौन विकार, त्वचा में परिवर्तन और मूत्राशय-आंत्र शिथिलता (ब्लैडर-बाउल डिसफंक्शन) प्रारंभिक लक्षणों के साथ या थोड़ी बाद में शुरू हो सकते हैं। निदान और उपचार के लिए डॉक्टर को इन लक्षणों, उनकी शुरुआत और गंभीरता के बारे में सही और संपूर्ण जानकारी देना महत्वपूर्ण है। कई बार सहरुग्णताएं और बीमारी से असंबंधित स्थितियाँ, पारिवारिक इतिहास, व्यावसायिक इतिहास और यात्रा का इतिहास डायग्नोसिस करने में सहायक सिद्ध होते हैं।

 

अवसाद या डिप्रेशन भी पैराप्लेजिया के महत्वपूर्ण लक्षणों में एक माना जाता है क्योंकि समय के साथ रोगी की इच्छाशक्ति कमजोर हो जाती है। बेहतर उपचार और रिकवरी के लिए व्यक्ति को उन्हें अपने निदान के समय अनुभव होने वाले सभी लक्षणों के बारे में खुल कर बताना चाहिए। 

 

पैराप्लेजिया उपचार और रिहबिलिटेशन

 

पैराप्लीजिया उपचार शुरू करने से पहले, रोगी का एक उचित निदान होना चाहिए क्योंकि इलाज निदान के आधार पर व्यक्ति से व्यक्ति में बदलता है। सामान्यत: इलाज लक्षणों के आधार पर शुरू हो जाता है और मूल्यांकन के लिए कुछ परीक्षण भी किए जाते हैं। इसमें एमआरआई, सीटी स्कैन या एक्स-रे के साथ-साथ रक्त जाँच शामिल हैं। डॉक्टरों द्वारा मामले का निदान करने के लिए रोगी को कुछ विशेष तय किए गए परीक्षण की आवश्यकता हो सकती है। ये सभी परीक्षण आंतरिक क्षति की पहचान के लिए और आगे के इलाज की शुरुआत के लिए सबसे अच्छे माने जाते हैं।

 

अब जहां तक इलाज का सवाल है, यह शारीरिक थेरेपी, दवाओं और विकार की स्थिति और गंभीरता के आधार पर सर्जरी का सुझाव दिया जाता है। शारीरिक उपचार रोगी की गंभीरता को कम करने, जटिलताओं को रोकने और रोगी की कार्यक्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं। इसमें विभिन्न प्रकार की थेरेपी शामिल होती हैं जो दर्द के प्रति सहनशीलता बनाने और मांसपेशियों की शक्ति बढ़ाने के साथ-साथ ताकत बढ़ाने और आगे की क्षति से बचाने में मदद करती हैं। दूसरे प्रकार के उपचार में व्हीलचेयर्स जैसे मोबाइल सहायता उपकरणों शामिल होते हैं, जो रोगियों को आसानी से इधर-उधर घूमने में मदद करते हैं। थेरेपी में यह भी सिखाया जाता है कि पीड़ित बिना किसी बाहरी सहायता के अपने दैनिक कार्यों को धीरे-धीरे पूरा कर पाएं।

 

डॉक्टर रीढ़ की हड्डी पर सूजन या दबाव के लक्षणों को कम करने के लिए दवा दे सकते हैं। प्रत्येक मामले के आधार पर विशिष्ट उपचार और दीर्घकालिक इलाज योजना की आवश्यकता हो सकती है। दबाव पैदा करने वाले संरचनात्मक घावों के लिए सर्जरी की आवश्यकता होती है।

 

निष्कर्ष

 

पैराप्लीजिया एक प्रकार की लकवा रोग है जो शरीर के निचले हिस्से को प्रभावित करता है। समय पर और सही इलाज और हस्तक्षेपों के साथ और अच्छे रेहबिलिटेशन के द्वारा रोगी के जीवन को बदल सकता है।

 

This blog is a Hindi version of an English-written Blog - Paraplegia meaning, symptoms, and treatment

Dr. Ritwiz Bihari
Neurosciences
Meet The Doctor
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