डेंगू: उपचार में प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन की भूमिका

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डॉ. सुशीला कटारिया बताती हैं कि साधारणतया हम सोचते हैं कि डेंगू का मतलब है प्लेटलेट की कमी, और यही एक लक्षण है डेंगू का। लेकिन ऐसा नहीं है। प्लेटलेट का कम होना डेंगू के कई लक्षणों में से मात्र एक लक्षण है।
प्लेटलेट गिरावट: एक स्वाभाविक प्रक्रिया
डॉ. कटारिया के अनुसार, प्लेटलेट कम होना बीमारी की गंभीरता को नहीं दर्शाता है। यह डेंगू बुखार के दौरान होने वाला एक स्वाभाविक परिवर्तन है। प्लेटलेट की गिरावट का प्रारूप निम्नलिखित होता है:
बुखार के साथ प्लेटलेट काउंट कम होना शुरू होता है |
जब बुखार उतरता है, तो प्लेटलेट थोड़ी तेजी से गिरते हैं |
आठवें या नौवें दिन तक प्लेटलेट स्वतः ही सामान्य स्तर पर आ जाते हैं |
डॉ. कटारिया स्पष्ट करती हैं कि प्रोफिलैक्टिक (निवारक) प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन का डेंगू उपचार में कोई महत्वपूर्ण स्थान नहीं है। उनके अनुसार:
प्रोफिलैक्टिक प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन की कोई भूमिका नहीं है
प्लेटलेट केवल तभी देने चाहिए जब महत्वपूर्ण रक्तस्राव हो रहा हो
प्रोफिलैक्टिक प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन न तो डेंगू के इलाज का हिस्सा है और न ही यह बीमारी की गंभीरता को कम करता है
अनावश्यक प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन से बचना चाहिए
डेंगू बुखार में प्लेटलेट की कमी एक स्वाभाविक प्रक्रिया है जो समय के साथ अपने आप ठीक हो जाती है। डॉ. कटारिया के अनुसार, केवल गंभीर रक्तस्राव की स्थिति में ही प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन की आवश्यकता होती है, अन्यथा इससे बचना चाहिए।
क्या डेंगू का मतलब हमेशा प्लेटलेट कम होती है?
प्लेटलेट का कम होना डेंगू के कई लक्षणों में से मात्र एक है।क्या प्लेटलेट का कम होना बीमारी की गंभीरता को दर्शाता है?
नहीं, प्लेटलेट कम होना डेंगू बुखार के दौरान एक स्वाभाविक प्रक्रिया है और यह बीमारी की गंभीरता को नहीं दर्शाता।क्या डेंगू में हमेशा प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन की आवश्यकता होती है?
प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन केवल तभी देने चाहिए जब रक्तस्राव हो रहा हो।क्या प्रोफिलैक्टिक प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन से डेंगू की गंभीरता कम होती है?
प्रोफिलैक्टिक प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन न तो इलाज का हिस्सा है और न ही बीमारी की गंभीरता को कम करता है।प्लेटलेट की गिरावट डेंगू में किस पैटर्न का अनुसरण करती है?
प्लेटलेट बुखार के साथ कम होना शुरू होते हैं, बुखार उतरने पर तेजी से गिरते हैं, और फिर आठवें या नौवें दिन तक स्वतः ही सामान्य हो जाते हैं।प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन कब दिया जाना चाहिए?
केवल तब जब रोगी में महत्वपूर्ण रक्तस्राव (सिग्निफिकेंट ब्लीडिंग) हो रहा हो।डेंगू में प्लेटलेट काउंट का सामान्य होना कितने समय में होता है?
प्लेटलेट काउंट आठवें या नौवें दिन तक स्वतः ही सामान्य हो जाता है।