क्रोनिक डायरिया: लक्षण, कारण और उपचार

TABLE OF CONTENTS
- क्रोनिक डायरिया क्या है और यह एक्यूट डायरिया से कैसे अलग है?
- क्रोनिक डायरिया के लक्षण और पहचान
- क्रोनिक डायरिया के कारण: सामान्य से गंभीर तक
- चेतावनी के संकेत
- क्रोनिक डायरिया का इलाज और निदान प्रक्रिया
- कोलोनोस्कोपी क्या है और यह कैसे की जाती है?
- एंडोस्कोपी प्रक्रिया और उसका महत्व
- निष्कर्ष
- अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
लंबे समय तक दस्त की समस्या शरीर में पानी और जरूरी मिनरल्स की कमी कर देती है, जिससे स्वास्थ्य पर कई हानिकारक प्रभाव पड़ता है। इस ब्लॉग में हम मेदांता, पटना के प्रसिद्ध गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट डॉ. आशीष कुमार झा द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर “क्रोनिक डायरिया” विषय पर चर्चा करेंगे।
क्रोनिक डायरिया क्या है और यह एक्यूट डायरिया से कैसे अलग है?
क्रोनिक डायरिया एक ऐसी स्थिति है जो लंबे समय तक बनी रहती है और अपने आप ठीक नहीं होती। डॉ. आशीष कुमार झा के अनुसार, दस्त (डायरिया) दो प्रकार के होते हैं:
एक्यूट डायरिया: इसे आम भाषा में “फूड पॉइजनिंग” या “आंत्र शोध” भी कहा जाता है। यह आमतौर पर दो से पांच दिनों तक रहता है और अपने आप या कुछ दवाइयों से ठीक हो जाता है।
क्रोनिक डायरिया: यह दो महीने, छह महीने, एक साल या यहां तक कि दो साल तक भी रह सकता है। क्रोनिक डायरिया क्या है, इसे समझना हर व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है जो इस समस्या से जूझ रहा है।
क्रोनिक डायरिया के लक्षण और पहचान
क्रोनिक डायरिया के लक्षण में बार-बार पतला मल आना, पेट में दर्द और कमजोरी शामिल हैं। डॉ. झा के अनुसार, इसके प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं:
बार-बार शौचालय जाना पड़ना
मल का पतला होना
शौच के समय पेट में मरोड़ होना
मल में म्यूकस (श्लेष्म) आना
कभी-कभी मल में खून आना
लंबे समय तक दस्त की समस्या को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए क्योंकि यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। डॉ. आशीष कुमार झा के अनुसार, क्रोनिक डायरिया के लिए उचित जांच और इलाज आवश्यक है।
क्रोनिक डायरिया के कारण: सामान्य से गंभीर तक
क्रोनिक डायरिया के कई कारण हो सकते हैं, जो सामान्य से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं। डॉ. झा बताते हैं कि इसके प्रमुख कारण हैं:
सामान्य कारण:
इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS): इसमें मरीज को तकलीफ होती है, लेकिन जान का खतरा नहीं होता।
गंभीर कारण:
अल्सरेटिव कोलाइटिस: आंतों में सूजन और अल्सर होना
सीलिएक डिजीज: ग्लूटेन से होने वाली एक प्रतिरक्षा प्रणाली की बीमारी
ट्रॉपिकल डिजीज: उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाई जाने वाली बीमारियां
कैंसर: आंतों या पाचन तंत्र का कैंसर
अन्य सिंड्रोम: विभिन्न प्रकार के पाचन संबंधी सिंड्रोम
क्रोनिक डिजीज की श्रेणी में आने वाले क्रोनिक डायरिया का सही समय पर इलाज जरूरी है। कई क्रोनिक डिजीज के लक्षणों में से एक क्रोनिक डायरिया भी हो सकता है।
चेतावनी के संकेत
डॉ. झा विशेष रूप से इन चेतावनी के संकेतों पर ध्यान देने की सलाह देते हैं:
क्रोनिक डायरिया के साथ वजन का कम होना
मल में खून आना
खून की कमी (एनीमिया) होना
अत्यधिक कमजोरी महसूस होना
क्रोनिक डायरिया के साथ मल में खून आना एक गंभीर लक्षण है जिसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। पेट में दर्द और दस्त एक साथ होने पर यह क्रोनिक डायरिया का संकेत हो सकता है। यदि आपको लगातार पेट में दर्द और दस्त की समस्या है, तो गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट से परामर्श करें।
क्रोनिक डायरिया का इलाज और निदान प्रक्रिया
क्रोनिक डायरिया का इलाज इसके मूल कारण पर निर्भर करता है, इसलिए सही निदान आवश्यक है। डॉ. झा बताते हैं कि जब आप गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट (पेट के रोग विशेषज्ञ) के पास जाते हैं, तो वे निम्नलिखित जांच कर सकते हैं:
रक्त परीक्षण (खून की जांच)
मल परीक्षण (मल की जांच)
कोलोनोस्कोपी
एंडोस्कोपी
बायोप्सी (ऊतककानमूनालेना)
कोलोनोस्कोपी क्या है और यह कैसे की जाती है?
कोलोनोस्कोपी यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक लचीली ट्यूब में लगे कैमरे की मदद से बड़ी आंत की जांच की जाती है। इससे डॉक्टर को यह पता चलता है कि समस्या कहाँ से और क्यों हो रही है।
एंडोस्कोपी प्रक्रिया और उसका महत्व
क्रोनिक डायरिया के कारणों का पता लगाने के लिए एंडोस्कोपी प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है। एंडोस्कोपी प्रक्रिया के दौरान डॉक्टर एक कैमरे की मदद से आंतों की जांच करते हैं। यह प्रक्रिया डॉक्टर को आंतों की स्थिति का सटीक आकलन करने में मदद करती है।
जब कारण का सही पता चल जाता है, तब उसके अनुसार उपचार की योजना बनाई जाती है। गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट द्वारा क्रोनिक डायरिया का इलाज करवाना सबसे उचित होता है।
निष्कर्ष
डॉ. आशीष कुमार झा के अनुसार, लंबे समय तक चलने वाले दस्त (क्रोनिक डायरिया) को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इसके लिए उचित जांच और इलाज की आवश्यकता होती है। हालांकि दस्त के घरेलू उपाय अस्थायी राहत दे सकते हैं, क्रोनिक डायरिया के लिए चिकित्सकीय सलाह आवश्यक है।
क्रोनिक डायरिया एक लक्षण है, और इसका इलाज तभी संभव है जब इसके मूल कारण का पता लगाया जाए। इसलिए, यदि आप इस समस्या से पीड़ित हैं, तो बिना देरी किए एक योग्य गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट से परामर्श करें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
क्या क्रोनिक डायरिया खतरनाक हो सकता है?
हाँ, कुछ मामलों में क्रोनिक डायरिया गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है, जैसे अल्सरेटिव कोलाइटिस या कैंसर। इसलिए इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
क्रोनिक डायरिया और एक्यूट डायरिया में क्या अंतर है?
एक्यूट डायरिया आमतौर पर कुछ दिनों तक रहता है और अपने आप या सामान्य दवाओं से ठीक हो जाता है, जबकि क्रोनिक डायरिया महीनों या वर्षों तक रह सकता है और इसके लिए विशेष उपचार की आवश्यकता होती है।
क्रोनिक डायरिया के लिए किस डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए?
क्रोनिक डायरिया के लिए गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट (पेट के रोग विशेषज्ञ) से संपर्क करना सबसे उचित होता है।
क्या आहार से क्रोनिक डायरिया को नियंत्रित किया जा सकता है?
कुछ मामलों में आहार में बदलाव से क्रोनिक डायरिया के लक्षणों में सुधार हो सकता है, लेकिन इसके लिए पहले मूल कारण का पता लगाना आवश्यक है। इसलिए डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।
क्रोनिक डायरिया के दौरान क्या खाना चाहिए और क्या नहीं?
यह क्रोनिक डायरिया के कारण पर निर्भर करता है। उदाहरण के लिए, यदि सीलिएक डिजीज है, तो ग्लूटेन से परहेज करना चाहिए। सही आहार के लिए डॉक्टर की सलाह लें।