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एसाइटिस (जलोदर) क्या है, जानें इसके कारण और उपचार

एसाइटिस (जलोदर) क्या है, जानें इसके कारण और उपचार

एसाइटिस क्या है यह समझना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह कई गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकता है। डॉ. आशीष कुमार झा, मेदांता पटना के विशेषज्ञ चिकित्सक, इस विषय पर प्रकाश डालते हैं। उनके अनुसार, जब किसी व्यक्ति के पेट में पानी जमा हो जाता है, तो इस स्थिति को हिंदी में जलोदर और अंग्रेजी में एसाइटिस (Ascites) कहते हैं। 

एसाइटिस या जलोदर एक ऐसी स्थिति है जिसमें पेट में अत्यधिक मात्रा में तरल पदार्थ जमा हो जाता है। यह ध्यान देने योग्य है कि पेट में पानी का जमा होना स्वयं में कोई बीमारी नहीं है, बल्कि यह एक लक्षण है जो विभिन्न कारणों से हो सकता है।

लिवर में पानी क्यों भरता है और इसके प्रमुख कारण

लिवर में पानी क्यों भरता है इसका मुख्य कारण लिवर सिरोसिस है। डॉ. झा बताते हैं कि पेट में पानी जमा होने के दो प्रमुख कारण हैं:

  • ट्यूबरक्लोसिस (टीबी): आंत का ट्यूबरकुलोसिस होने पर पेट में पानी जमा हो सकता है।

  • लिवर सिरोसिस: विशेष रूप से हेपेटाइटिस बी के रोगियों में और शराब पीने वाले लोगों में लीवर सूख जाता है, जिससे लीवर सिरोसिस हो जाता है। शराब का अधिक सेवन करने वाले लोगों में लिवर में पानी क्यों भरता है यह एक आम सवाल है।

इन दो प्रमुख कारणों के अलावा, जलोदर निम्नलिखित कारणों से भी हो सकता है:

  • पेट का कैंसर

  • थायरॉयड के रोग

  • किडनी की बीमारियां

  • पेट में छेद होना (आंत का परफोरेशन या लीकेज)

जलोदर के लक्षण और पहचान

एसाइटिस के लक्षण में पेट का फूलना और असुविधा शामिल है। जब किसी व्यक्ति को जलोदर होता है, तो उसके पेट में तरल पदार्थ जमा होने लगता है, जिससे पेट फूल जाता है। रोगी को एसाइटिस के लक्षण पहचानने चाहिए ताकि वे समय पर चिकित्सा सहायता प्राप्त कर सकें।

अगर अल्ट्रासाउंड या अन्य जांच में पता चलता है कि पेट में पानी है, तो इसे गंभीरता से लेना चाहिए। कई बार ग्रामीण क्षेत्रों में या छोटे शहरों में लोग इस समस्या को हल्के में ले लेते हैं और बिना उचित निदान के दवाइयां ले लेते हैं।

जलोदर का उपचार और निदान की आवश्यकता

जलोदर का उपचार इसके मूल कारण पर निर्भर करता है, इसलिए सही निदान आवश्यक है। डॉ. झा इस बात पर जोर देते हैं कि अगर किसी को पेट में पानी की समस्या है और उसे कोई दवाई दी गई है जिससे पानी सूख गया है और आराम मिल गया है, तो भी यह जानना जरूरी है कि पानी जमा होने का मूल कारण क्या था।

पेट में पानी कैसे निकालते हैं यह जानने से पहले इसके कारण का पता लगाना जरूरी है। अगर कारण का पता लगाकर उसका इलाज किया जाए, तो लंबे समय तक लाभ मिलता है। अगर सिर्फ लक्षण का इलाज किया जाए और कारण का पता न लगाया जाए, तो भले ही पानी सूख जाए, लेकिन मूल रोग बना रहता है, जो आगे चलकर और नुकसान पहुंचा सकता है।

विशेषज्ञ डॉक्टर द्वारा एसाइटिस का उपचार करवाना महत्वपूर्ण है। डॉ. झा सलाह देते हैं कि अगर पेट में पानी है, तो पेट के विशेषज्ञ डॉक्टर (गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट) से संपर्क करना चाहिए, जो इसके कारण का पता लगा सकते हैं।

विभिन्न कारणों के अनुसार जलोदर का इलाज

जलोदर का इलाज इसके मूल कारण पर निर्भर करता है:

  • पेट का टीबी: अगर जलोदर का कारण पेट का टीबी है, तो इसका इलाज संभव है।

  • थायरॉयड की समस्या: अगर जलोदर थायरॉयड से हुआ है, तो उसका भी इलाज संभव है।

  • लीवर सिरोसिस: अगर लीवर सिरोसिस प्रारंभिक अवस्था में है, तो उसका भी इलाज करने से स्थिति नियंत्रित हो सकती है और आराम मिल सकता है।

  • कैंसर: अगर कैंसर है, तो कम से कम यह जानकर रोगी निर्णय ले सकता है कि वह कैंसर के इलाज के लिए उपयुक्त है या नहीं।

डॉक्टर बताते हैं कि पेट में पानी कैसे निकालते हैं इसके लिए विशेषज्ञ की सलाह आवश्यक है। उचित निदान और इलाज से कई गंभीर स्थितियों को नियंत्रित किया जा सकता है।

निष्कर्ष

एसाइटिस एक ऐसी स्थिति है जो बहुत से लोगों को होती है। इसका सही समय पर पता लगाना और उचित इलाज करवाना बहुत जरूरी है। डॉ. आशीष कुमार झा के अनुसार, अगर आपको या आपके किसी परिचित को एसाइटिस की समस्या है, तो सही अस्पताल में या सही डॉक्टर के पास जाकर दिखाना आवश्यक है।

याद रखें, एसाइटिस एक लक्षण है, बीमारी नहीं। इसलिए इसके मूल कारण का पता लगाकर उसका इलाज करवाना ही सबसे अच्छा विकल्प है। तात्कालिक राहत के लिए सिर्फ लक्षणों का इलाज करवाने से दीर्घकालिक समस्याएं हो सकती हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

  1. क्या एसाइटिस खतरनाक होता है?

    एसाइटिस स्वयं में खतरनाक नहीं होता, लेकिन यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। इसलिए इसके मूल कारण का पता लगाना और उचित इलाज करवाना महत्वपूर्ण है।

  2. क्या एसाइटिस का घरेलू उपचार संभव है?

    एसाइटिस का घरेलू उपचार करने से पहले इसके मूल कारण का पता लगाना जरूरी है। बिना निदान के उपचार करने से स्थिति और बिगड़ सकती है।

  3. एसाइटिस के लक्षण क्या हैं?

    एसाइटिस के प्रमुख लक्षणों में पेट का फूलना, वजन में अचानक वृद्धि, पेट में दर्द या असुविधा, और सांस लेने में कठिनाई शामिल हो सकते हैं।

  4. क्या एसाइटिस पूरी तरह से ठीक हो सकता है?

    हाँ, अगर एसाइटिस के मूल कारण का सही समय पर पता लगाकर उचित इलाज किया जाए, तो यह पूरी तरह से ठीक हो सकता है।

  5. एसाइटिस के निदान के लिए कौन-कौन सी जांचें की जाती हैं?

    एसाइटिस के निदान के लिए अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, एमआरआई, रक्त परीक्षण, और कभी-कभी पेट के तरल पदार्थ का परीक्षण किया जाता है।

Dr. Ashish K Jha
Neurosciences
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