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30 की उम्र से ऊपर की महिलाओं के लिए 5 महत्वपूर्ण ​​परीक्षण

  • 26 Apr 2023
  • #मेदांता
  • #मेदांता ब्लॉग

महिलाओं की विशिष्ट शारीरिक संरचना उन्हें कुछ स्वास्थ्य स्थितियों के लिए अतिसंवेदनशील बना सकती हैं। इसके अलावा, जैसे-जैसे महिलाओं की उम्र बढ़ती है, हार्मोनल विकास और कुछ अन्य तत्व इन स्थितियों के ख़तरे को और बढ़ा सकते हैं और उनमें कई बीमारियों के विकसित होने का खतरा पैदा कर सकते हैं। इसीलिए ऐसी बीमारियों के जोखिम को दूर रखने के लिए, आपका नियमित स्वास्थ्य जांच करवाना आवश्यक है क्योंकि वे इन अनचाही बीमारियों के शुरुआती चेतावनी संकेतों की पहचान करने में आपकी मदद कर सकते हैं, और इनसे जुड़े दर्दनाक लक्षणों और लंबी अवधि के उपचार से जुड़ी भारी लागत दोनों से आपको समय रहते बचा सकते हैं।

 

कौनसी स्वास्थ्य जांच 30 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं के लिए आवश्यक है?


जैसे-जैसे आप तीसवें उम्र के पास जाते हैं, तो नीचे दिये गये पाँच परीक्षण को आपको अच्छे स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए नियमित रूप से करवाने पर विचार करना चाहिए। यदि आपको बीमारी संबंधित कुछ लक्षण दिखते हैं या आपमें कुछ जोखिम कारकों जैसे किसी निश्चित बीमारी का पारिवारिक इतिहास है, तो आपको ये परीक्षण 30 की उम्र से पहले शुरू करने की आवश्यकता हो सकती है। ये महत्वपूर्ण ​​परीक्षण निम्न हैं:


पैप स्मियर और पेल्विक परीक्षण : 

 

पैप स्मीयर या पैप टेस्ट द्वारा आपका डॉक्टर गर्भाशय ग्रीवा (सर्वाइकल) के कैंसर के आपके जोखिम को समझ सकता है। इस परीक्षण में डॉक्टर आपके गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं की जांच करते हैं। सर्वाइकल कैंसर का अगर जल्दी पता चल जाये तो इस कैंसर का आसानी से इलाज़ किया जा सकता है। वहीं दूसरी ओर, एक पेल्विक परीक्षण, आपकी योनि, अंडाशय, फैलोपियन ट्यूब, गर्भाशय, वुलवा और गर्भाशय ग्रीवा सहित आपके सभी प्रजनन अंगों के स्वास्थ्य की जांच करने में सहायता करती है।

 

डॉक्टर 21 वर्ष से अधिक उम्र की सभी महिलाओं के लिए हर तीन साल में कम से कम एक बार नियमित पेल्विक परीक्षण के साथ पैप स्मीयर की सलाह देते हैं। यदि आपको योनि से रक्तस्राव, सिस्ट, यौन संचारित रोग होने या कैंसर का पारिवारिक इतिहास जैसे कुछ लक्षण दिखाई देते हैं, तो आपको पैप स्मियर और पेल्विक परीक्षण को और अधिक बार करवाने की आवश्यकता हो सकती है।

 

मैमोग्राम :

 

मैमोग्राम परीक्षण द्वारा डॉक्टर स्तन कैंसर की जांच कर पाते हैं। इस परीक्षण में, डॉक्टर रोगी के स्तन को दो प्लेटों के बीच संकुचित कर स्तन की एक्स-रे इमेजिंग प्राप्त करते हैं। भारत में, स्तन कैंसर महिलाओं में सबसे आम है, और 30 वर्ष से कम उम्र की महिलाएँ भी इस बीमारी से ग्रसित हो रही हैं। जबकि स्तन कैंसर में प्रारंभिक निदान जीवन बचा सकता है, लेकिन आमतौर पर कई महिलाओं को इसका पता ही तब चलता है जब पहले ही बहुत देर हो चुकी होती है और यह एडवांस स्टेज में पहुँच जाता है।

 

एक मैमोग्राम स्तन कैंसर की शुरुआती चरण में ही पहचान करने में मदद कर सकता है और इस प्रकार इसके आसपास के अंगों में फैलने से पहले इसका इलाज हो सकता है। डॉक्टर भारतीय महिलाओं में, 45-50 की उम्र से शुरू करके हर दो साल में एक बार इस टेस्ट को करवाने की सलाह देते हैं। जिन महिलाओं में स्तन कैंसर का पारिवारिक इतिहास होता है, उन्हें पहले यह परीक्षण इस उम्र से पहले ही शुरू करने की आवश्यकता होती है। यह समझने के लिए कि आप में स्तन कैंसर का कितना जोखिम है, अपने डॉक्टर से इस बारे में बात करें।

 

थायरॉयड फंक्शन टेस्ट:


आपके गले में स्थित थायरॉयड ग्रंथि थायरोक्सिन (T4) और ट्राईआयोडोथायरोनिन (T3) नामक दो महत्वपूर्ण हार्मोन का उत्पादन करती है, जो आपके शरीर में मेटाबोलिज्म को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। जब आपका थायराइड हार्मोन का स्तर कम होता है (हाइपोथायरायडिज्म), तो मेटाबोलिज्म धीमा हो जाता है, जिससे आपके शरीर में कार्य करने की क्षमता धीमी हो जाती है। इसके फलस्वरूप थकान, शुष्क त्वचा और वजन बढ़ने जैसे कुछ लक्षण दिख सकते हैं। वही दूसरी ओर, एक अतिसक्रिय थायरॉयड (हाइपरथायरायडिज्म), में आप अन्य लक्षणों के साथ-साथ दिल को असामान्य रूप से तेज़ धड़कना महसूस कर सकते है, जिसके कारण चिंता, वजन घटने और सोने में कठिनाई जैसे लक्षण दिख सकते हैं।


पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अंडरएक्टिव या ओवरएक्टिव थायरॉयड स्थिति होने की संभावना अधिक होती है। थायरॉयड फंक्शन टेस्ट आपके थायरॉयड हार्मोन के स्तर को मापने में मदद करता है। जबकि ऊपर बताए गए लक्षण अन्य स्वास्थ्य-संबंधी बीमारियों या उम्र बढ़ने के लक्षण भी हो सकते हैं, इसीलिए आपको यह सलाह दी जाती है कि आप अपने डॉक्टर से परामर्श करें कि क्या आपको थायरॉयड फंक्शन टेस्ट कराने की आवश्यकता है।


लिपिड पैनल टेस्ट :

 

लिपिड पैनल टेस्ट सिर्फ़ महिलाओं के लिए ही आवश्यक नहीं है, बल्कि यह सबके लिए अनिवार्य होता है। लिपिड पैनल टेस्ट आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर की जांच करने में मदद करता है। उच्च कोलेस्ट्रॉल का स्तर आपके ह्रदय की धमनियों में अवरोध पैदा सकता है जिससे आपमें हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा, आमतौर उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर कोई ख़ास लक्षण प्रदर्शित नहीं करता है और केवल लिपिड पैनल परीक्षण की मदद से इसका पता लगाया जा सकता है।

 

इसीलिए, डॉक्टर 20 वर्ष की उम्र से शुरू कर इस परीक्षण को पांच वर्षों में कम से कम एक बार करवाने की सलाह देते है। जिन व्यक्तियों में हृदय रोग के पारिवारिक इतिहास या कुछ जोखिम कारक (जैसे मोटापा या मधुमेह) हैं, डॉक्टर उन्हें यह परीक्षण अधिक बार करवाने की सलाह देते है। आपको कितनी बार यह परीक्षण कराने की आवश्यकता है यह समझने के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

 

रक्तचाप की जाँच करवाना :

 

आपका रक्तचाप कुछ बीमारियों, जैसे उच्च या निम्न रक्तचाप, को जानने का महत्वपूर्ण सूचक हो सकता है। विशेष रूप से महिलाओं में, हार्मोनल और जीवनशैली कारक जैसे कि रजोनिवृत्ति, गर्भावस्था के साथ जटिलताएँ, और तनाव, हृदय रोग के जोखिम को बढ़ाते हैं। ब्लड प्रेशर की जाँच से दिल की बीमारी का जल्द पता लगाने और उसे नियंत्रित करने में सहायता मिलती है।

 

जिन व्यक्तियों में रक्तचाप सामान्य रहता है, डॉक्टर उनको वार्षिक जांच की ही सलाह देते हैं। यदि आपके रक्तचाप की रीडिंग बहुत अधिक या बहुत कम है, तो डॉक्टर आपको अधिक बार-बार परीक्षण करवाने की सलाह देंगे। यदि आपको मधुमेह, हृदय रोग, किडनी की समस्या, या कुछ अन्य बीमारियाँ भी हैं, तो डॉक्टर आपको और परीक्षण करवाने के लिए कहेंगे।

 

ऊपर दिये गये परीक्षणों के अलावा, आपको समय-समय पर अपने रक्त शर्करा स्तर की जांच करवाना और आपकी त्वचा में असामान्य या नए मस्से या तिल जैसे बदलावों पर ध्यान देना चाहिए। रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं को उम्र बढ़ने के साथ-साथ कमजोर हड्डियों या ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा हो सकता है।
इसलिए उम्र बढ़ने के साथ-साथ अपने डॉक्टर के संपर्क में रहना बहुत आवश्यक हो जाता है क्योंकि इससे आपको अपनी समस्याओं के बारे में समय पर पता लगने और उनका जल्द से जल्द इलाज करने का अवसर मिल जाता है। अतः यह हमेशा याद रखें, कि चाहे आपकी उम्र कुछ भी हो, यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आप सतर्क रहें और इस बात से अवगत रहें कि आपका शरीर में क्या परिवर्तन हो रहे है, क्योंकि यह किसी बड़ी समस्या का संकेत हो सकता है जिसे तुरंत उपचार की आवश्यकता होती है।

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