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हृदय चक्र (cardiac cycle) के कितने चरण होते हैं?

आपके शरीर में ह्रदय एक वाइटल अंग होता है जो पूरे शरीर में रक्त पंप करता है। एक पूरे कार्डियक चक्र (जो बायें और दायें ह्रदय में पूर्ण होता है) में आपका ह्रदय पूरे शरीर से डीऑक्सीजनेटेड रक्त लेता है, इसे ऑक्सीजन युक्त होने के लिए फेफड़ों में पंप करता है, वहाँ से यह ऑक्सीजन युक्त रक्त वापस लाता है, और इसे शरीर के बाकी हिस्सों और अंगों में वापस पंप करता है। इन ह्रदय चक्रों की संख्या और गति हृदय के संचालन तंत्र द्वारा नियंत्रित होती है। इस संचालन तंत्र में नोड पेसमेकर के रूप में कार्य करते हैं। हालाँकि, जब हृदय गति बढ़ जाती है, तब भी हृदय हर धड़कन में ठीक इसी चक्र से ही गुजरता है। यह चक्र मांसपेशियों के तंतुओं, वाल्वों और हृदय के भीतर नर्व फ़ाइबर के समन्वय से संभव होता है जो हृदय में संकुचन को ट्रिगर करते हैं। 

 

हृदय के दोनों बाएँ और दाएँ भाग स्वतंत्र रूप से कार्य करते हैं। ह्रदय का दाहिना भाग शरीर और फेफड़ों के बीच डीऑक्सीजेनेटेड रक्त के संचलन को संभालता है और वही बायां भाग फेफड़ों से ऑक्सीजन युक्त रक्त को वापस शरीर में पम्प करता है।

 

कार्डियक साइकल 

 

  • एक स्वस्थ ह्रदय एक मिनट में 70-75 बार धड़कता है, प्रत्येक हृदय चक्र को पूरा करने में इसे लगभग 0.8 सेकंड का समय लेता है।
  • प्रत्येक हृदय चक्र के दो मुख्य भाग होते हैं, एक संकुचन चरण या सिस्टोल और दूसरा विश्राम चरण या डायस्टोल। विश्राम चक्र में हार्ट कैविटी पंप किए जाने वाले रक्त से फिर से भरने लग जाती हैं। 
  • ह्रदय के बाएँ और दाएँ भाग को आगे दो घटको में विभाजित किया जाता है - आलिंद (atria) और निलय (ventricle) एट्रिया और वेंट्रिकल थोड़े-थोड़े समय के अंतराल पर सिकुड़ते हैं।
  • कार्डियक साइकल की चार स्टेज निम्न हैं:
  • एट्रियल सिस्टोल - लगभग 0.1 सेकंड
  • वेंट्रिकुलर सिस्टोल - लगभग 0.3 सेकंड
  • एट्रियल डायस्टोल - लगभग 0.7 सेकंड
  • वेंट्रिकुलर डायस्टोल - लगभग 0.5 सेकंड

 

तकनीकी रूप से, कार्डियक साइकल एक जटिल संरचना होती है और इसमें ओवरलैपिंग चरण शामिल होते हैं। इसीलिए आप यह देखेंगे कि प्रत्येक स्टेज का कुल समय 0.8 सेकंड भी नहीं होता जैसा कि शुरू में बताया था। आदर्श रूप से, ह्रदय चक्र की इन स्टेज को आइसोवोल्यूमेट्रिक रिलैक्सेशन, इनफ्लो, आइसोवोल्यूमेट्रिक कंट्रैक्शन, और इजेक्शन कहा जाता है। 

 

ह्रदय को सुचारू रूप से कार्य करते रहने के लिए इन सभी चरणों को सही समय पर और एक दूसरे के साथ अच्छी तरह से समन्वित हो कर काम करना होता है।

 

कार्डियक साइकल की स्टेज का विस्तृत वर्णन 

 

  • ह्रदय चक्र की शुरुआत वेंट्रिकुलर डायस्टोल से होती है, जिसमें ह्रदय के दोनों चैम्बर (एट्रिया और वेंट्रिकल्स) रिलैक्स होते हैं।
  • वेंट्रिकुलर डायस्टोल की समाप्ति की ओर, दोनों तरफ के एट्रिया, एट्रियल सिस्टोल स्टेज में प्रवेश कर कॉंट्रैक्ट होते हैं, जिससे दोनों वेंट्रिकल्स में ज़्यादा रक्त दबाव के साथ प्रवेश करता है।
  • जब वेंट्रिकल्स पूरी तरह से रक्त से भर जाते हैं, तो वेंट्रिकुलर सिस्टोल स्टेज शुरू हो जाती है और वेंट्रिकल कॉंट्रैक्ट होता है, वेंट्रिकल से जुड़े माइट्रल और ट्राइकसपिड वाल्व बंद हो जाते हैं और रक्त क्रमशः दाएं और बाएं तरफ से पल्मोनरी धमनी और एओर्टा से निकल जाता है।
  • इस दौरान एट्रिया एट्रियल डायस्टोल स्टेज में जाते हैं और रिलैक्स हो जाते हैं।
  • जैसे ही वेंट्रिकुलर डायस्टोल फिर से शुरू होता है, तब पल्मोनरी धमनी और एओर्टा के अंत में उपस्थित सेमीलुनर वाल्व बंद हो जाते हैं, जो रक्त के बैकफ़्लो को रोकते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि अगले चक्र से पहले वेंट्रिकल्स को केवल एट्रिया से रक्त प्राप्त होता है।
Dr Vaibhav Saxena
Cardiac Care
Meet The Doctor
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