हाइपोकैलिमिया: पोटेशियम की कमी के लक्षण, कारण और उपचार

हाइपोकैलिमिया या पोटेशियम की कमी, एक ऐसी स्थिति है जिसमें एक व्यक्ति के शरीर में पर्याप्त पोटेशियम नहीं मिलता है। यह खराब भोजन संबंधित आदतों के कारण या दस्त और उल्टी के कारण पोटेशियम की हानि के कारण हो सकता है। पोटेशियम की कमी के कारण व्यक्ति को उच्च रक्तचाप, कब्ज, मांसपेशियों की कमजोरी, और थकान जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं।
पोटेशियम क्या है और यह आपके शरीर के लिए क्यों जरूरी है?
पोटेशियम एक महत्वपूर्ण खनिज लवण है जो हमारे शरीर में कई अहम भूमिकाओं को निभाता है। हमारा शरीर इसे हमारे खाद्य पदार्थों से प्राप्त करता है। पोटेशियम के कुछ मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं:
- मांसपेशियों के संकुचन को नियंत्रित करना
- नर्व को संकेत भेजना
- शारीरिक द्रव्य (body fluid) को नियंत्रित करना
पोटेशियम के स्तर में थोड़ा सा बदलाव भी हमारे शरीर के विभिन्न कार्यों पर असर करता है। यह हमारे शरीर की कोशिकाओं में विद्युत गतिविधि को बनाए रखता है। जब पोटेशियम का स्तर कम होता है, तो यह उच्च विद्युत गतिविधि वाली कोशिकाओं जैसे तंत्रिकाएं, मांसपेशियां और हृदय को प्रभावित करता है।
जब पोटेशियम का स्तर 3.6mmol/litre से कम होता हैं तब पोटेशियम की कमी या हाइपोकैलिमिया होता है।
पोटेशियम की कमी के क्या कारण हैं?
चूँकि हम शरीर की ज़रूरत का पोटेशियम अपने आहार से लेते हैं और कम पोटेशियम वाला भोजन शायद ही हमारे शरीर में पोटेशियम की कमी का कारण होता है।
कभी-कभी, पोटेशियम की कमी पाचन तंत्र (GIT) या किडनी में समस्या के कारण होती है। पाचन तंत्र में पोटेशियम के हानि की वजह से शरीर में पोटेशियम की कमी के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं:
- अत्यधिक उल्टी आना
- दस्त
- इलियोस्टोमी (आंत्र सर्जरी के दौरान पेट की दीवार में एक सर्जिकल छिद्र बनाना) के बाद
- लैक्सेटिव (पेट साफ करने वाली दवा) का सेवन
किडनी की वजह से पोटेशियम के हानि होने से शरीर में पोटेशियम की कमी के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं:
- मूत्रवर्धक (Diuretics) दवाएं
- शरीर में कॉर्टिकोस्टेरॉइड के स्तर का ज़्यादा होना
- एल्डोस्टेरोन हार्मोन का उच्च स्तर, जो ज़्यादातर गुर्दे की आर्टरी स्टेनोसिस या अधिवृक्क (adrenal) ट्यूमर में दिखता हैं
- रिनल ट्यूबलर एसिडोसिस
- शरीर में मैग्नीशियम की कम मात्रा
पोटेशियम की कमी के क्या लक्षण हो सकते हैं?
यह ज़रूरी नहीं कि पोटेशियम की कमी के लक्षण हमेशा व्यक्ति को महसूस हो। एक नियमित रक्त जाँच आपके शरीर में पोटेशियम के स्तर के बारे में बता सकता है।
हालाँकि, कुछ व्यक्ति निम्नलिखित कुछ लक्षण पोटेशियम की कमी होने पर महसूस कर सकते हैं:
- कमजोरी, थकान, मांसपेशियों और पैरों में ऐंठन (cramps) जिसके कारण चलने में दिक़्क़त आ सकती है।
- झुनझुना (tingling), या सुन्न होना महसूस होना
- मतली या उल्टी आना
- पेट में सूजन (bloating), कब्ज, या ऐंठन आना
- ज़्यादा पेशाब आना और बार-बार प्यास लगना
- दिल की धड़कन बढ़ना (palpitation)
- अत्यधिक निम्न रक्तचाप जो बेहोशी का कारण बन सकता है
- अवसाद और भ्रम होना
पोटेशियम की कमी को कैसे ठीक करें?
पोटेशियम की कमी को ठीक करने के लिए उपयुक्त उपचार आपके चिकित्सा इतिहास और बीमारी की गंभीरता पर निर्भर करता है।
कम गंभीर (mild) हाइपोकैलिमिया के लिए, आपका डॉक्टर निम्न सुझाव दे सकता है:
- दवाइयाँ जो हाइपोकैलिमिया करती हैं उनका सेवन बंद कर दें।
- पोटैशियम सप्लमेंट लें
- पोटेशियम युक्त खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन करें
- शरीर में पोटेशियम के स्तर को बढ़ाने के लिए विशिष्ट दवाएं लें
हालांकि, पोटेशियम के अत्यधिक सेवन से हाइपरक्लेमिया नामक स्थिति हो सकती है, जो गंभीर मांसपेशियों और हृदय क्षति का कारण भी बन सकती है।
हाइपोकैलिमिया की स्थिति में क्या ख़ाना चाहिए?
एक वयस्क पुरुष के लिए पोटेशियम की दैनिक सेवन आवश्यकता 3400mg और वयस्क महिला के लिए 2600mg है।
यदि आपको हाइपोकैलिमिया या पोटेशियम की कमी है, तो यह सुनिश्चित करें कि आप निम्नलिखित खाद्य पदार्थ खाते रहें:
- दालें
- संतरा
- केले
- सूखे एप्रिकोट
- कम वसा वाला दूध
- पालक और ब्रोकोली
- भूरे रंग के चावल
- दही
संतुलित आहार आपके शरीर के लिए पोटेशियम का सबसे अच्छा स्रोत होता है। और यदि आप में पोटेशियम की कमी है तो अपने चिकित्सक से तुरंत परामर्श करें और उपयुक्त खाद्य सूची बनाएं।
This blog is a Hindi version of English written blog - Hypokalemia: Symptoms, Causes and Treatment of Potassium Deficiency