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सिर की हल्की अथवा मामूली चोट में क्या करना चाहिए?

 

 

सिर की हल्की या मामूली चोट क्या होती है?


कही बार हमें सिर पर एक हल्की सी मार, टक्कर या झटका लगता है। ज्यादातर सिर की ऐसी चोटें काफी हल्की या मामूली होती हैं। सिर की की ऐसी चोट, टक्कर या ठोकर से ज्यादातर दिमाग़ को कोई स्थायी क्षति नहीं होती है। और ऐसी चोटों के लक्षण हल्के और सीमित अवधि के होते हैं। ऐसी चोटों में व्यक्ति होश में रहता है और सिर में कोई गहरा जख्म या क्षति (जैसे हड्डी का टूटना) नहीं होती है।

 

कैसे पता करें की हमारे सिर की चोट गंभीर नहीं है ?


सिर की हल्की या मामूली चोट अक्सर सिर के बाहरी हिस्से तक ही सीमित रहती है। ऐसी चोट के कुछ लक्षण निम्न हैं:

  • सिर में हल्का दर्द
  • चक्कर आना
  • असंतुलन
  • समुद्री सफर में बीमारी और उल्टी
  • मूड में बदलाव महसूस होना
  • बेचैनी या चिड़चिड़ापन
  • ध्यान केंद्रित करने में, सोचने में या याद रखने में परेशानी होना
  • कान में लगातार घंटी बजने जैसी संवेदना
  • उनींदापन
  • शारीरिक ऊर्जा में कमी
  • सोने के पैटर्न में अचानक बदलाव


अगर आपको सिर में हल्की या मामूली चोट लगी है, तो सबसे पहले किसी परिजन या दोस्त को अपनी चोट के बारे में बताएं और किसी व्यक्ति के साथ पहले चौबीस घण्टे रहने की कोशिश करें। आपके साथ रुका हुआ व्यक्ति आपके शरीर में होने वाली किसी भी बदलाव के प्रति सचेत रहना चाहिए। यदि आपको सिर पर चोट, टक्कर या झटका लगने के बाद कुछ हल्के लक्षणों का अनुभव हो रहा है, तो आपको किसी विशेष उपचार की आवश्यकता नहीं है। हालांकि अगले चौबीस से अड़तालीस घण्टे आपको अपने लक्षणों की बारीक निगरानी करनी चाहिए।


यदि आप में या आपके बच्चे में सिर की चोट के लक्षण बाद में बिगड़ते हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर को दिखाएं। अगर सिर पर चोट के बाद आपको या आपके बच्चे को निम्नलिखित लक्षण महसूस हो, तो तत्काल चिकित्सा सहायता के लिए जाएँ।

  • चोट के बाद का सिरदर्द जो छह घंटे भी बना रहता है या लगातार बढ़ता जा रहा है
  • जागते रहने में परेशानी होना
  • चोट लगने के बाद लगातार नींद आना
  • उल्टी के दौरे पड़ना
  • बेहोशी आना (थोड़ी या विस्तारित अवधि के लिए)
  • पुतली का असमान आकार
  • नाक या कान से तरल पदार्थ (खून के रंग का या स्ट्रॉ कलर) का आना। यह तरल पदार्थ CSF द्रव है। यह मस्तिष्क के चारों तरफ़ उपस्थित होता है और उसकी सुरक्षा करता है।
  • तेज चक्कर आना
  • लगातार संतुलन खोना
  • याददाश्त में दिक्कत
  • देखने में दिक्कत
  • दोहरी दृष्टि
  • बोलने में दिक्कत
  • सांस लेने में दिक़्क़त महसूस होना
  • एक या दोनों कानों का बजना
  • सुनाई देने में दिक्कत या बहरापन
  • दौरा या फिट आना

बच्चों में सिर में मामूली चोट लगने के बाद रोना और परेशान होना एक आम बात है। बच्चों को समझाकर या आश्वासन देकर शांत किया जा सकता है। लेकिन अगर बच्चा काफी समय तक परेशान रहता है तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

 

सिर की मामूली चोट के क्या कारण हो सकते हैं?


सिर पर मामूली चोट लगने का मुख्य कारण सिर पर चोट लगना होता है। यह चोट निम्न कारणों से हो सकती हैं:

  • गिरना
  • सिर पर कुछ लग जाना
  • मोटर वाहन दुर्घटना

बच्चों में मामूली सिर की चोट लगने का खतरा ज़्यादा होता है क्योंकि उनके पास उच्च ऊर्जा स्तर और खतरे को पहचानने की क्षमता कम होती है। खेलकूद या किसी दवाई के असर के दौरान इन्हें चोट लग सकती है।


सिर की मामूली चोट की जाँच कैसे की जाती है?


व्यक्ति के मस्तिष्क के कार्य की जाँच करने के लिए डॉक्टर एक न्यूरो परीक्षण का उपयोग करता है। इसके अलावा व्यक्ति की याददाश्त, हाथ की पकड़ और संतुलन, और रोगी की प्रकाश के प्रति प्रतिक्रिया का परीक्षण किया जाता है।


मामूली सिर की चोट का इलाज कैसे किया जाता है?


सिर में चोट लगने के बाद यदि आपको सिरदर्द या हल्की असहजता का अनुभव होता है, तो आप पेरासिटामोल या इबुप्रोफेन जैसी दर्द निवारक दवा ले सकते है। इबुप्रोफेन दवा अस्थमा या सांस लेने की समस्या वाले लोगों के लिए उपयुक्त नहीं होती है।


मामूली सिर की चोट से क्या जोखिम हो सकते हैं?


सिर में मामूली चोट लगने के बाद मरीज़ को ज़्यादा खून बहने या दिमाग में खून का थक्का जमने जैसी गंभीर समस्या हो सकती है। बार-बार सिर पर चोट लगने से यह व्यक्ति में दीर्घकालिक समस्याओं के जोखिम को बढ़ा सकती है। इन समस्याओं में खराब समन्वय (संतुलन और गति), या सोचने या ध्यान केंद्रित करने में दिक़्क़त मुख्य हैं। किसी व्यक्ति के सिर में बार-बार लगने वाली चोटें जानलेवा भी हो सकती हैं।

 

लक्षणों का नियमन कैसे करें?

 

  • आराम करें: चोट लगने के पहले 24 घंटों के लिए बिस्तर पर आराम करने या शांत गतिविधियाँ करने की सलाह दी जाती है।

 

  • बर्फ की सिकाई: बर्फ चोट के बाद दर्द और सूजन को कम करने में मदद करता है। बर्फ की सिकाई ऊतक की क्षति को रोकने में भी मदद करता है।

 

  • शारीरिक गतिविधि को कम करें: ज़्यादातर डॉक्टर आपको धीरे-धीरे अपनी सामान्य गतिविधियों पर लौटने की सलाह देते हैं।

 

  • किसी को आपको रात में अलग-अलग समय पर निर्देशानुसार जगाने को कहें: उस व्यक्ति को आपसे कुछ प्रश्न पूछने के लिए कहें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आप स्पष्ट रूप से सोच रहे हैं।

 

डॉक्टर से कब संपर्क करना चाहिए?


निम्नलिखित में से कोई भी लक्षण अनुभव होने पर तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें:

  • बार-बार या जोर से उल्टी आना
  • आपके कान या नाक से खून या साफ तरल पदार्थ का स्राव होना
  • याददाश्त में कमी महसूस होना
  • धुंधली या दोहरी दृष्टि
  • उच्चारण में गड़बड़ या भ्रमित भाषण
  • हाथ या पैर की कमजोरी, महसूस करने में कमी या समन्वय के साथ समस्यायें
  • असमान पुतली का आकार
  • दौरा आना

 

This blog is a Hindi version of an English-written Blog  - Minor Head Injury: Symptoms, Causes, Treatment, Diagnosis and Management

Dr Avijit Kashyap
Neurosciences
Meet The Doctor
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