कही बार हमें सिर पर एक हल्की सी मार, टक्कर या झटका लगता है। ज्यादातर सिर की ऐसी चोटें काफी हल्की या मामूली होती हैं। सिर की की ऐसी चोट, टक्कर या ठोकर से ज्यादातर दिमाग़ को कोई स्थायी क्षति नहीं होती है। और ऐसी चोटों के लक्षण हल्के और सीमित अवधि के होते हैं। ऐसी चोटों में व्यक्ति होश में रहता है और सिर में कोई गहरा जख्म या क्षति (जैसे हड्डी का टूटना) नहीं होती है।
सिर की हल्की या मामूली चोट अक्सर सिर के बाहरी हिस्से तक ही सीमित रहती है। ऐसी चोट के कुछ लक्षण निम्न हैं:
अगर आपको सिर में हल्की या मामूली चोट लगी है, तो सबसे पहले किसी परिजन या दोस्त को अपनी चोट के बारे में बताएं और किसी व्यक्ति के साथ पहले चौबीस घण्टे रहने की कोशिश करें। आपके साथ रुका हुआ व्यक्ति आपके शरीर में होने वाली किसी भी बदलाव के प्रति सचेत रहना चाहिए। यदि आपको सिर पर चोट, टक्कर या झटका लगने के बाद कुछ हल्के लक्षणों का अनुभव हो रहा है, तो आपको किसी विशेष उपचार की आवश्यकता नहीं है। हालांकि अगले चौबीस से अड़तालीस घण्टे आपको अपने लक्षणों की बारीक निगरानी करनी चाहिए।
यदि आप में या आपके बच्चे में सिर की चोट के लक्षण बाद में बिगड़ते हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर को दिखाएं। अगर सिर पर चोट के बाद आपको या आपके बच्चे को निम्नलिखित लक्षण महसूस हो, तो तत्काल चिकित्सा सहायता के लिए जाएँ।
बच्चों में सिर में मामूली चोट लगने के बाद रोना और परेशान होना एक आम बात है। बच्चों को समझाकर या आश्वासन देकर शांत किया जा सकता है। लेकिन अगर बच्चा काफी समय तक परेशान रहता है तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
सिर पर मामूली चोट लगने का मुख्य कारण सिर पर चोट लगना होता है। यह चोट निम्न कारणों से हो सकती हैं:
बच्चों में मामूली सिर की चोट लगने का खतरा ज़्यादा होता है क्योंकि उनके पास उच्च ऊर्जा स्तर और खतरे को पहचानने की क्षमता कम होती है। खेलकूद या किसी दवाई के असर के दौरान इन्हें चोट लग सकती है।
व्यक्ति के मस्तिष्क के कार्य की जाँच करने के लिए डॉक्टर एक न्यूरो परीक्षण का उपयोग करता है। इसके अलावा व्यक्ति की याददाश्त, हाथ की पकड़ और संतुलन, और रोगी की प्रकाश के प्रति प्रतिक्रिया का परीक्षण किया जाता है।
सिर में चोट लगने के बाद यदि आपको सिरदर्द या हल्की असहजता का अनुभव होता है, तो आप पेरासिटामोल या इबुप्रोफेन जैसी दर्द निवारक दवा ले सकते है। इबुप्रोफेन दवा अस्थमा या सांस लेने की समस्या वाले लोगों के लिए उपयुक्त नहीं होती है।
सिर में मामूली चोट लगने के बाद मरीज़ को ज़्यादा खून बहने या दिमाग में खून का थक्का जमने जैसी गंभीर समस्या हो सकती है। बार-बार सिर पर चोट लगने से यह व्यक्ति में दीर्घकालिक समस्याओं के जोखिम को बढ़ा सकती है। इन समस्याओं में खराब समन्वय (संतुलन और गति), या सोचने या ध्यान केंद्रित करने में दिक़्क़त मुख्य हैं। किसी व्यक्ति के सिर में बार-बार लगने वाली चोटें जानलेवा भी हो सकती हैं।
निम्नलिखित में से कोई भी लक्षण अनुभव होने पर तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें:
This blog is a Hindi version of an English-written Blog - Minor Head Injury: Symptoms, Causes, Treatment, Diagnosis and Management
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