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सामान्य बनाम असामान्य हृदय गति_ एक अवलोकन

असामान्य दिल की धड़कन शरीर की हृदय संबंधी बीमारियों की उपस्थिति को दर्शाती है।यदि समय पर ध्यान न दिया जाए और उपचार न किया जाए, तो हृदय संबंधी बीमारी कभी-कभी घातक हो सकती है।

 

हृदय गति या पल्स वह संख्या है जो बताती है कि हमारा हृदय एक मिनट में कितनी बार धड़कता है। सामान्यतय आराम की अवस्था में दिल की धड़कन (रेस्टिंग हार्ट रेट) 60-100 बीट प्रति मिनट के बीच रहती है। असामान्य दिल की धड़कन शरीर की हृदय संबंधी बीमारियों की उपस्थिति को दर्शाती है।यदि समय पर ध्यान दिया जाए और उपचार किया जाए, तो हृदय संबंधी बीमारी कभी-कभी घातक हो सकती है। ऐसी स्थितियां जब दिल की धड़कन 120-140 बीट प्रति मिनट से अधिक या 60 बीट प्रति मिनट से कम हो जाती है, खतरनाक हो सकती है, जिसमे तत्काल इलाज की ज़रूरत है।

 

 

हृदय गति या दिल की धड़कन क्या होती है?

 

 

हमारा हृदय हमारे शरीर के विभिन्न अंगों से ऑक्सीजन रहित रक्त फेफड़ों में पम्प करता है और फेफड़ों से ऑक्सीजन युक्त रक्त पूरे शरीर में पम्प करता है। विभिन्न अध्ययनों से यह पता चला है कि कम हृदय विश्राम दर स्वस्थ हृदय को प्रकट करता है। वही दूसरी ओर, तेज़ दिल की धड़कन हृदय के चैम्बर्स के अधूरे भरने और खराब कार्डियक आउटपुट को दर्शाता है। पेशेवर खिलाड़ीयों  की दिल की धड़कन तुलनात्मक रूप से कम होती है क्योंकि वे नियमित हृदय प्रशिक्षण और व्यायाम करते है। 

कोई भी व्यक्ति कलाई पर अपनी नाड़ी को माप कर अपनी पल्स को नाप सकता हैं। इसके लिए आप अपनी कलाई पर रेडियल धमनी पर हड्डी और पेशी के बीच अपनी तर्जनी और अंगूठे को पकड़कर नाप सकते हैं। इसके बाद आप 15 सेकंड के लिए पल्स की गणना कर सकते हैं और इस गणना को 4 से गुणा कर धड़कन प्रति मिनट प्राप्त कर सकते हैं। जब दिल की धड़कन बहुत तेज हो तो उसे क्षिप्रहृदयता (टैकीकार्डिया) और जब दिल कि धड़कन बहुत धीमी हो उस स्थिति को मंदस्पंदन (ब्रेडिकार्डिया) कहते है। हृदय गति की इन स्थितियों के लिए बहुत से कारण हो सकते हैं।

हृदय गति या पल्स उम्र के साथ बदलती रहती है। बच्चों के दिल की धड़कन बड़ों की तुलना में तेज होती है। एक स्वस्थ वयस्क में, औसतन आराम दिल की धड़कन लगभग 72 बीट प्रति मिनट होती है। बहुत से कारण इस आराम दिल की धड़कन (रेस्टिंग हार्ट रेट) को प्रभावित करते है जिसमें से कुछ निम्नलिखित है:

  • उम्र: बच्चों के दिल की धड़कन बड़ों की तुलना में ज़्यादा होती है। एक स्वस्थ वयस्क की दिल की धड़कन  72-78 bpm (बीट प्रति मिनट) के बीच में रहती है। 
  • हमारे शरीर का फिटनेस लेवल: अक्सर जो व्यक्ति ज़्यादा वर्जिश नहीं करते और हमेशा आराम करना पसंद करते है उन व्यक्तियों को असामान्य दिल की धड़कन और हृदय रोग होने की संभावना अधिक होती है।
  • धूम्रपान: जो लोग धूम्रपान करते है उनकी दिल की धड़कन धूम्रपान ना करने वालों से हमेशा ज़्यादा ही रहती हैं। तंबाकू और धूम्रपान के सेवन को छोड़ कर दिल की इन बीमारियों से बचा जा सकता हैं। 
  • क्रॉनिक रोग: मधुमेह, उच्च रक्तचाप, और हृदय रोग जैसी बीमारियां आराम हृदय गति (रेस्टिंग हार्ट रेट) में बढ़ोतरी कर सकती है, और यदि लंबे समय तक इसका इलाज ना किया जाए तो ये हृदय के लिए खतरनाक स्थितियां पैदा कर सकती है।
  • आस-पास का वातावरण: अगर हमारे चारों और का तापमान ज़्यादा होगा तो हमारी दिल की धड़कन कुछ समय के लिये बढ़ सकती है लेकिन तापमान के सामान्य होने पर हृदय गति भी ठीक हो जाती है।
  • मोटापा: जिन व्यक्तियों का वजन सामान्य से ज़्यादा होता है  उनमें दिल की धड़कन ज़्यादा होने की संभावना ज़्यादा होती है।
  • दवाइयाँ: बीटा-ब्लॉकर्स जैसी दवाइयाँ आराम हृदय गति को कम कर सकती हैं।

 

क्षिप्रहृदयता (टैकीकार्डिया)

 

व्यक्ति जिन्हें टैकीकार्डिया की समस्या होती है उनके दिल कि धड़कन काफी समय तक लगातार 100 बीट प्रति मिनट से ऊपर रहती है। इसके साथ उनको थकान, चक्कर आना, और बेहोशी जैसे लक्षण भी हो सकते हैं। टैकीकार्डिया के निम्न प्रकार होते हैं:

  • मल्टीफोकल एट्रियल टैकीकार्डिया: इस प्रकार के टैकीकार्डिया में पीड़ित को गंभीर फेफड़ों की बीमारी भी होती है, जैसे:
  • न्यूमोनिया
  • कोंजेस्टिव हार्ट फेलियर 
  • पल्मोनरी एंबोलिज़्म 
  • फेफड़ों का कैंसर 
  • COPD या क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीस 
  •  लंग फेलियर 
  • वेंट्रिकुलर या वीनस टैकीकार्डिया: इस तरह के टैकीकार्डिया में, हृदय गति 100 bpm से ज़्यादा हो जाती है और पीड़ित को टैकीकार्डिया के साथ कार्डियोमायोपैथी या कोरोनरी धमनी रोग (CAD) हो सकता है। इसके साथ-साथ पीड़ित को अवचेतना, चक्कर आना, और पतन भी हो सकता है। 
  • साइनस टैकीकार्डिया: यह SA नोड की असामान्यताओं की वजह से होता हैं। SA नोड हृदय को विद्युत आवेग भेजता है, जिससे हृदय की मांसपेशियां सिकुड़ती और शिथिल होती हैं। जब SA नोड ठीक से काम नहीं कर पाता, तो यह दिल की मांसपेशियों को अनियमित लय भेजता है, जिससे दिल असामान्य रूप से धड़कता है, जिससे साइनस टैकीकार्डिया हो जाता है।

 

मंदस्पंदन (ब्रेडिकार्डिया)

 

जब दिल की धड़कन लंबे समय तक 60 बीट प्रति मिनट से नीचे रहती है तो मंदस्पंदन या ब्रेडिकार्डिया की स्थिति हो सकती हैं। यदि लंबे समय तक ब्रैडीकार्डिया का इलाज नहीं किया जाये तो यह गंभीर बीमारी कर सकती है। लंबे समय तक बीटा-ब्लॉकर्स लेना, स्लीप एपनिया, हृदय रोग, उम्र, और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन ब्रैडीकार्डिया के कुछ कारण हैं। 

 

निष्कर्ष 

आपको हमेशा अपनी आराम हृदय गति (रेस्टिंग हार्ट रेट) पर नजर रखनी चाहिए क्योकि यह आपके दिल के स्वास्थ्य के साथ कई अन्य अंदरूनी बीमारियों के बारे में भी संकेत देती है। हमें इसके परिवर्तन पर बारीकी से निगरानी रखनी चाहिए। यदि अन्य लक्षण अनियमित आराम हृदय गति के साथ महसूस होते हैं, तो तत्काल चिकित्सक से परामर्श लें। हमारी जीवनशैली, आनुवंशिकी, और विभिन्न बीमारियाँ अनियमित दिल की धड़कन की मुख्य वजह हैं। यदि आपके किसी निकट संबंधी जैसे माता-पिता, भाई, बहन, या दादा-नाना को हृदय संबंधी बीमारी है तो आपको अधिक सावधान रहना चाहिए और नियमित अंतराल पर अपनी जांच करवाते रहना चाहिए। इसके अलावा, अगर आप कोई भी दवाई लंबे समय से ले रहे है तो अपने चिकित्सक को सूचित करे क्योंकि उसके दुष्प्रभाव हो सकते हैं जो दिल की धड़कन को प्रभावित कर सकती  हैं। 

 

Dr. Amit Chandra
Cardiac Care
Meet The Doctor
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