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साइनस क्या होता है और इसके लक्षण और उपचार क्या है?

जब से कोविड-19 संक्रमण पूरे विश्व में फैला है तब से कान, नाक, जीभ से जुड़ी हर समस्या एक अजीब उलझन में डालती है। खांसी और जुकाम उपरोक्त किसी भी समस्या का प्रारंभिक चरण हो सकता है। साइनस या साइनस संक्रमण जैसी बीमारी को आमतौर पर व्यक्ति खांसी-जुकाम के नाम पर नजरअंदाज कर देते हैं। 

 

उदाहरण के लिए, भारत में लगभग 13.4 करोड़ लोग साइनस संक्रमण से पीड़ित हैं। इतने ज़्यादा नंबर होने का मुख्य कारण बीमारी के बारे में अनभिज्ञता या दूसरे रोगों के बीच अंतर ना कर पाना होना है। आइए इस ब्लॉग द्वारा साइनस या सर्दी-जुकाम या खांसी के बीच भ्रम को विस्तार से समझते है।

 

साइनस क्या होता है?

 

साइनस एक बहुत ही आम समस्या होती है और दुनिया भर के लाखों लोग इस समस्या से प्रभावित है। इस स्थिति में नासिका मार्ग और साइनस में सूजन जाती है। साइनस चेहरे के क्षेत्र में खोखली गुहाएँ होती हैं जो हवा के संचार और म्यूकस को बाहर निकालने में सहायता करती हैं। 

 

साइनस संक्रमण, जिसे साइनसाइटिस भी कहते है। इसका मुख्य कारण में एलर्जी, संरचनात्मक समस्याएँ, वायरल संक्रमण, वायरल बुखार शामिल होते हैं। साइनसाइटिस के प्रमुख कारण निम्न हैं:

  • एलर्जी: परागकण, धूल और मोल्ड से एलर्जी से व्यक्ति को सूजन हो सकती है जो साइनस संक्रमण का कारण बनती है।
  • वायरल संक्रमण: सामान्य सर्दी और इन्फ्लूएंजा के लिए उत्तरदायी वायरस भी साइनस संक्रमण का कारण हो सकते हैं।
  • बैक्टीरियल संक्रमण: कुछ विशेष बैक्टीरिया, जैसे स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनिया, हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा, और मोरेक्सेला कैटरलिस, साइनस संक्रमण का सबसे आम कारण होते हैं।
  • कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली: जिन व्यक्तियों में प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है, जैसे एचआईवी, कैंसर, या मधुमेह से ग्रसित लोग, उनमें साइनस संक्रमण होने का ख़तरा अधिक होता है।
  • संरचनात्मक समस्याएँ: कुछ संरचनात्मक असामान्यताएँ जैसे डिविएटेड नेसल सेप्टम, पॉलीप्स और अन्य कारक साइनस कैविटी को अवरुद्ध कर सकती हैं और उनके ड्रैनेज को रोक सकती हैं, जिससे साइनस संक्रमण हो सकता है।
  • वातावरण: अत्यधिक शुष्क या आर्द्र जलवायु से साइनस संक्रमण हो सकता है। अत्यधिक सर्दी या गर्मी के मौसम में लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप साइनस संक्रमण हो सकता है।

 

साइनस संक्रमण के लक्षण क्या होते हैं?

  • नाक बंद
  • बदबूदार सांस
  • थकान
  • बुखार
  • खाँसी
  • साइनस के कारण सिरदर्द
  • पोस्ट नेज़ल ड्रिप
  • नेसल पॉलिप 
  • नाक से गाढ़ा स्राव निकालना 
  • दाँतों या जबड़े में दर्द
  • सूंघने या स्वाद लेने की क्षमता में कमी आना 
  • चेहरे पर छूने में दर्द महसूस होना या लगातार दबाव महसूस होना 

 

साइनस संक्रमण सामान्य सर्दी से अलग कैसे है?

 

हालाँकि, कई बार आप साइनस संक्रमण को सामान्य सर्दी समझ लेते है परंतु ये दोनों अलग-अलग बीमारी होती हैं:

  • साइनस में सूजन साइनस संक्रमण का कारण होती है। साइनस नाक के आसपास की हड्डियों में खोखली गुहा होती है। वही दूसरी तरफ़ सामान्य सर्दी वायरल संक्रमण के कारण होती है और ऊपरी श्वसन पथ, मुख्य रूप से नाक को प्रभावित करती है।
  • वायरस की वजह से होने वाले साइनस संक्रमण के लिए मुख्यतः राइनोवायरस, इन्फ्लूएंजा वायरस और पैराइन्फ्लुएंजा वायरस ज़िम्मेदार होते हैं। किसी व्यक्ति में साइनस संक्रमण  कई हफ्तों तक रह सकता है। वही सामान्य सर्दी मुख्यतः राइनोवायरस की वजह से होती है और यह कुछ दिनों में सही हो जाती है।
  • साइनस संक्रमण के लक्षण गंभीर होते हैं और व्यक्ति को आंखों से पानी आना, सिरदर्द, चेहरे का दर्द और साइनस में दबाव महसूस होता है। वही दूसरी तरफ़ सामान्य सर्दी में व्यक्ति को छींक आना, नाक बहना, गले में खराश और सिरदर्द महसूस होता है।
  • साइनस संक्रमण के कारण होने वाले कंजेशन में रोगी को डिकंजेस्टेंट दवाओं से भी राहत नहीं मिलती है, जबकि सामान्य सर्दी में तुरंत आराम मिल जाता है।

 

साइनस संक्रमण के लिए कुछ आसान नुस्ख़े 

 

अक्सर डॉक्टर साइनस संक्रमण के इलाज के लिए सबसे पहले विभिन्न दवाइयाँ देते हैं, लेकिन यह दीर्घकालिक राहत नहीं दे पाते है। साइनस के उपचार में ओवर--काउंटर दवाएं, डीकॉन्गेस्टेंट, नाक स्प्रे और घरेलू उपचार मुख्य होते हैं। इनमें से कुछ उपाय निम्न हैं:

 

  • साइनस संक्रमण के लक्षणों को दूर करने में स्टीम इनहेलेशन बहुत मदद करता है। यह जमी हुई म्यूकस को ढीला करने और बंद नाक को खोलने में मदद करता है।
  • नाक के वायु मार्ग और साइनस के सूजन और जलन का उपचार करने से भी साइनस के संक्रमण को कम करने में मदद मिलती है।
  • कोई भी दवा या नेसल स्प्रे का उपयोग बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के नहीं लेना चाहिए। कई घरेलू उपचार साइनस के संक्रमण को कम करने में मदद करते हैं। 
  • एलर्जी की दवाएं, जैसे कि एंटीहिस्टामाइन, एलर्जी के लक्षणों को कम कर सकती हैं। 
  • कुछ मामलों में, डॉक्टर अंतर्निहित संक्रमण के इलाज के लिए एंटीबायोटिक्स लेने की सलाह दे सकते हैं।
  • नाक और आंखों पर गर्म सिकाई करने से साइनस के दर्द और दबाव से राहत मिल सकती है।
  • बहुत सारे तरल पदार्थ पीने से म्यूकस को पतला करने में मदद मिलती है, जबकि ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल कंजेक्शन को कम करने में मदद कर सकता है।
  • ऐपल सीडार विनेगर म्यूकस को तोड़ने और सूजन को कम करके साइनस संक्रमण को कम करने में मदद करता है।
  • कुछ हर्बल उपचार जैसे इचिनेसिया, गोल्डनसील और कैमोमाइल भी साइनस संक्रमण में सहायक होते हैं। इन हर्ब्स में  एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जो साइनस संक्रमण के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं।
  • कुछ एसेंशियल तेल जैसे टी ट्री आयल, पेपरमिंट ऑयल और नीलगिरी के तेल साइनस की सूजन और संक्रमण को कम करने में काफ़ी मदद करते हैं। 
  • क्रॉनिक साइनेसीटिस में जमे हुए म्यूकस को बाहर निकालने और साइनस संक्रमण की आवृत्ति को कम करने के लिए डॉक्टर कई बार सर्जरी की सलाह देते हैं। 
  • साइनस संक्रमण  के इलाज और रोकथाम के लिए सबसे महत्वपूर्ण स्टेप उन ट्रिगर्स से बचना होता है जोंकी वजह से संक्रमण हो सकता है, जैसे कि एलर्जी, धूल और कुछ खाद्य पदार्थ।

 

ऊपर दिये गये उपायों के साथ-साथ, आराम करने और ठंडी और शुष्क हवा से बचने से स्वाथ्य लाभ में जल्दी फ़ायदा मिलता है। यदि आपको लक्षण लंबे समय तक या बार-बार होते हैं, तो डॉक्टर की सलाह अनुसार एक उचित नैदानिक ​​परीक्षण की सलाह दी जाती है।

 

नेसल पॉलीप क्या होता है?

 

नेसल पॉलीप्स साइनस संक्रमण के समान होते हैं और कभी-कभी ये साइनस के संक्रमण का कारण भी हो सकते हैं। नेसल पॉलीप एक बहुत ही नरम नाक मार्ग या साइनस के लाइनिंग की वृद्धि होती है। ये पॉलीप  एलर्जी, अस्थमा या संक्रमण की वजह से हुई क्रॉनिक सूजन के कारण बनने शुरू होते हैं। आमतौर पर डॉक्टर नेसल पॉलीप्स की पहचान उनके कुछ मुख्य लक्षण जैसे कंजेशन, सांस लेने में कठिनाई और गंध और स्वाद की कमी के साथ करते हैं। कुछ कारणों में, ये पॉलीप बार-बार साइनस संक्रमण का मुख्य कारण बनते हैं। इसके उपचार में मुख्यतः दवाएं या सर्जरी शामिल होती है।

 

निष्कर्ष 

 

उचित उपचार और देखभाल से साइनस संक्रमण पूरी तरह से ठीक हो सकता है। इसीलिए यदि लंबे समय तक लक्षण रहने या बार-बार संक्रमण होने पर तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श करें। यदि इसके लक्षण दो सप्ताह से अधिक समय तक रहते हैं या थोड़े हल्के हो जाते हैं, तो भी अपने निकट के अच्छे हॉस्पिटल में जा कर साइनस संक्रमण के सर्वोत्तम-विशेष उपचार करना चाहिए।

 

Medanta Medical Team
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