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शिशु श्वास संबंधी विकार (Infant Breathing Disorders): इसके बारे में आपको क्या जानकारी होनी चाहिए

  • 31 Aug 2023
  • #बाल चिकित्सा
  • #बाल चिकित्सा देखभाल
  • #साँस संबंधी विकार
  • #स्वास्थ्य जागरूकता

गर्भावस्था के दौरान (Prenatal) देखभाल गर्भवती महिलाओं और उनके बच्चों दोनों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। प्रीनेटल स्वास्थ्य देखभाल यह सुनिश्चित करती है कि बच्चे का जन्म किसी भी चिकित्सीय समस्या के बिना हो और यह बच्चे और मां दोनों के लिए स्वस्थ प्रसव को भी सुनिश्चित करती है। हालांकि, कभी-कभी, एक नवजात शिशु में विभिन्न स्वास्थ्य स्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं जो रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (आरडीएस) और दीर्घकालिक फेफड़े की बीमारियों का कारण बन सकती हैं।

 

नवजात शिशुओं में सांस की समस्याएँ आम होती हैं, जिनमें बच्चों में सांस लेने के पैटर्न अनियमित होते हैं, जो धीमी गति और तेज गति वाली साँसों के बीच अनियमित ठहराव जैसी भी हो सकती हैं।

 

हालांकि, आप अपने बच्चे की सांस की आवाज़ें ध्यान से सुनें और यह पता लगाएं कि वे कैसी सुनाई देती हैं। सांस लेने के पैटर्न में अनियमितता कई कारणों के कारण हो सकती है और बेहतर यही होता है कि आप डॉक्टर से इसके बारे में परामर्श करें। 

 

शिशु की साँस लेने की क्रिया वयस्कों से भिन्न क्यों होती है? 

 

फेफड़े शरीर में विकसित होने वाले अंतिम अंग होते हैं। बच्चों को साँस लेने की प्रक्रिया पूरी तरह से आती नहीं है, और उनके वायुमार्ग भी अपेक्षाकृत छोटे होते हैं। शिशु मुँह की तुलना में अपनी नाक से अधिक साँस लेते हैं, जिसके कारणवश उनमें सांस लेने की ध्वनि वयस्कों से अलग होती है। 

 

आमतौर पर, एक नवजात शिशु 30 से 60 साँसें प्रति मिनट लेता है। 

 

जब शिशु सो रहे होते हैं तब साँस लेने की गति प्रति मिनट 20 सांसों तक धीमी हो जाती है। वे तेज़ी से साँस भी ले सकते हैं और उनके बीच फिर 10 सेकंड के लिए रुक सकते हैं। यह सब क्रिया एक वयस्क की साँस लेने की प्रक्रिया से अलग होती है, जिससे नए बने माता-पिता चिंतित हो सकते हैं। 

 

आपको अपने नवजात शिशु की सांसों के बारे में कब चिंता करनी चाहिए? 

 

शिशु सांस की बीमारियाँ (Infant Breathing Disorders) एक बीमारियों का समूह होता है जो आपके नवजात शिशु के श्वसन स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं। यह तब होती हैं, जब आपके बच्चे के फेफड़े पूरी तरह से विकसित नहीं हुए होते, विशेष रूप से यदि वे समय से पूर्व (premature) पैदा होते हैं।

 

नवजात ब्रीथिंग डिसऑर्डर के विभिन्न प्रकार निम्नलिखित हैं:

  • जन्म के समय संक्रमण के कारण निमोनिया होना। प्रीमेच्योर शिशुओं में प्रतिरक्षा प्रणाली पूरी तरह से विकसित नहीं होती है, जिससे वे संक्रमणों के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं जो क्रॉनिक फेफड़े की बीमारियों का कारण बन सकता है।
  • मेकोनियम एस्पिरेशन: यह स्थिति तब उत्पन्न होती है, जब आपके बच्चे का पहला मल विसर्जन गर्भाशय में हो जाता है। ऐसा तब होता है जब आपके शिशु ने पैदा होने के तुरंत बाद मेकोनियम (पहला मल) को सांस द्वारा अंदर ले लिया हो, जिससे उनके फेफड़ों में सूजन आ जाती है।
  • रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम: यह स्थिति तब होती है जब आपके नवजात शिशु के फेफड़ों के छोटी थैली (alveoli) का पूरी तरह से विकास नहीं हुआ होता, जिससे वे सिकुड़कर नष्ट जाते हैं, जिससे उनको सांस लेने में कठिनाई होती है। यह सबसे आमतौर पर उन बच्चों में होता है जो छह सप्ताह प्रीमेच्योर पैदा होते हैं। 

 

आपके नवजात शिशु में अलग-अलग साँस लेने की आवाज़ें क्या इंगित करती हैं? 

 

नवजात शिशुओं में निम्नलिखित बताई साँस ध्वनियाँ होती हैं, जिनका आपको ध्यान रखना चाहिए:

  • सीटी बजने जैसी आवाज़ आना: यह म्यूकस के कारण नाक में आयी रुकावट की वजह से हो सकता है।
  • रोने में कर्कशता (hoarse cry) या खाँसने पर कुत्ते के भौंकने जैसी आवाज़ आना: स्वर यंत्र या वायुमार्ग में सूजन या बलगम के कारण आयी रुकावट की वजह से यह हो सकता है।
  • गहरी खाँसी: यह वायुमार्ग में रुकावट की वजह से हो सकता है, लेकिन फिर भी एक विशेष निदान की आवश्यकता होती है।
  • व्हीज़िंग: यह दमा, न्यूमोनिया, या श्वसन मार्ग के संक्रमणों (रेस्पिरेटरी सिंसाइटिअल वायरस) के कारण हो सकती है।
  • तेज़ सांस आना: यह बुखार या अन्य बुनियादी संक्रमणों जैसे न्यूमोनिया के कारण हो सकता है और इसके लिए त्वरित चिकित्सीय सहायता की आवश्यकता होती है।
  • खर्राटे आना: अधिकांशतः इसका कारण नाक में म्यूकस का इकट्ठा होना होता है। लेकिन यह भी क्रॉनिक फेफड़े की बीमारियों या श्वसन संबंधित समस्याओं का एक संकेत हो सकता है।
  • घर्गर आवाज़ आना (Stridor:): यह एक निरंतर, तीखी आवाज़ होती है जो वायुमार्ग में बाधा के कारण सुनाई दे सकती है।
  • घुरघुराना (Grunting): यह एक अचानक धीमी तीव्रता की आवाज़ होती है जो कि साँस छोड़ते वक़्त आती है और नवजात शिशु के एक या दोनों फेफड़ों में समस्या होने का कारण हो सकती है। यह एक संक्रमण के कारण भी उत्पन्न हो सकती है और एक अच्छे पेडियाट्रिशियन द्वारा त्वरित उपचार की मांग करती है। 

 

क्या आपके बच्चे को साँस संबंधी विकार विकसित होने का खतरा है?

 

प्रीमेच्योर पैदा होना शिशुओं में सांस की बीमारियों का प्रमुख कारण होता है। यदि आपका बच्चा फेफड़े के पूरी तरह से विकसित होने से पहले ही पैदा हो गए हैं, तो उनमें लंबे समय तक श्वसन समस्याएँ होने की संभावना अधिक होती है।

 

नवजात श्वसन विकार (infant breathing disorder) का निदान करने के लिए एक्स-रे और रक्त गैस परीक्षण का उपयोग किया जाता है। रक्त गैस परीक्षण द्वारा शिशु के रक्त में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड के स्तर को मापा जाता है। 

 

शिशु श्वास संबंधी विकार (infant breathing disorder) वाले नवजात शिशुओं के माता-पिता के लिए आवश्यक नुस्ख़े: 

 

नवजात शिशु में अनियमित सांस आना नए माता-पिता में चिंता और तनाव का कारण बन सकती है। अपने बच्चे के सांस लेने के पैटर्न का निरीक्षण करते रहें, और यदि आपको कुछ भी असामान्य दिख रहा है, तो तुरंत बाल रोग विशेषज्ञ से परामर्श करें।

 

यदि आप अपने नवजात शिशु के साँस के पैटर्न से चिंतित हैं, तो नीचे कुछ घरेलू उपाय बताए हैं जिन्हें आप अपना सकते हैं:

  • पहले अपने नवजात के सामान्य श्वसन पैटर्न को पहचाने ताकि बाद में किसी तरह की असामान्यता महसूस हो रही है तो आप उसे तुरंत पहचान सकें।
  • अपने नवजात शिशु की सांस लेने की गति को रिकॉर्ड करें और उसे अपने डॉक्टर को दिखाएं और उनसे आवश्यक परामर्श करें।
  • यह सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा अपने पीठ के बल सो रहा है। यदि आपके बच्चे को श्वसन संबंधित समस्याओं के कारण आराम से सो नहीं पा रहा है, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें और जमाव को साफ करने में सहायता लें।
  • मेडिकल दुकानों में बेचे जाने वाले सेलाइन बूंदें बलगम को पतला करने में मदद कर सकती है और आपके बच्चे  में सांस लेने की प्रक्रिया आसान करती है।
  • कभी-कभी, शरीर के अधिक गर्म होने के कारण आपके बच्चे की सांस तेज चल सकती है। अतः यह सुनिश्चित करें कि आपका नवजात सोते समय सुखद और सुविधाजनक कपड़े पहने हुए हो।

 

This blog is a Hindi version of an English-written Blog - Infant Breathing Disorders: What You Should Know

 

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