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महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर या गर्भाशय कैंसर से कैसे बचायें

महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर या गर्भाशय कैंसर से कैसे बचायें

गर्भाशय ग्रीवा कैंसर (सर्वाइकल कैंसर) महिलाओं में होने वाले प्रमुख कैंसरों में से एक है। यह कैंसर गर्भाशय के निचले हिस्से यानि बच्चेदानी के मुंह में होता है। सौभाग्य से, यह एक ऐसा कैंसर है जिसे समय पर पहचान और सही उपायों से रोका जा सकता है। डॉ. सभ्यता गुप्ता, मेदांता गुरुग्राम द्वारा इस विषय पर दी गई जानकारी के आधार पर, आइए जानते हैं कि महिलाएं सर्वाइकल कैंसर से कैसे बच सकती हैं।

सर्वाइकल कैंसर क्या है?

सर्वाइकल कैंसर, जिसे बच्चेदानी के मुंह का कैंसर भी कहा जाता है, एक ऐसा कैंसर है जो मुख्य रूप से एक वायरस के कारण होता है। डॉ. गुप्ता के अनुसार, इस वायरस का नाम ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) है। यह वायरस संक्रमण सर्वाइकल कैंसर का प्रमुख कारण बनता है।

सर्वाइकल कैंसर से बचाव के उपाय

1. नियमित स्क्रीनिंग

डॉ. गुप्ता बताती हैं कि सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए नियमित स्क्रीनिंग अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहां तक कि वे महिलाएं जो अपने आप को पूरी तरह स्वस्थ मानती हैं, उन्हें भी नियमित रूप से अपने स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलकर स्क्रीनिंग करवानी चाहिए।

स्क्रीनिंग के अंतर्गत विभिन्न परीक्षण हो सकते हैं, जैसे:

  • पैप स्मीयर टेस्ट

  • HPV टेस्ट

  • अन्य परीक्षण

इन परीक्षणों के माध्यम से कैंसर के शुरुआती लक्षणों का पता लगाया जा सकता है, जिससे समय रहते उपचार किया जा सके।

2. वैक्सीनेशन

सर्वाइकल कैंसर से बचाव का दूसरा महत्वपूर्ण उपाय HPV वैक्सीनेशन है। डॉ. सभ्यता गुप्ता के अनुसार:

  • 9 वर्ष की आयु से बड़े बच्चों को यह टीका दिया जा सकता है।

  • 9 से 15 वर्ष की आयु के बच्चों को दो खुराक दी जाती है।

  • 15 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं, विशेषकर 15 से 25 वर्ष की आयु की महिलाओं को तीन खुराक दी जाती हैं।

यह वैक्सीनेशन HPV संक्रमण से बचाव करके सर्वाइकल कैंसर के जोखिम को कम करता है।

सर्वाइकल कैंसर के बारे में जागरूकता का महत्व

डॉ. गुप्ता इस बात पर जोर देती हैं कि सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए जागरूकता बहुत महत्वपूर्ण है। महिलाओं को इस बारे में जानकारी होनी चाहिए कि:

  • यह कैंसर पूरी तरह से रोका जा सकता है।

  • नियमित स्क्रीनिंग और समय पर वैक्सीनेशन इस कैंसर से बचाव के प्रभावी तरीके हैं।

  • भले ही कोई लक्षण न हों, फिर भी नियमित स्क्रीनिंग आवश्यक है।

निष्कर्ष

सर्वाइकल कैंसर एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, लेकिन सही जानकारी और उचित उपायों से इससे बचा जा सकता है। नियमित स्क्रीनिंग और HPV वैक्सीनेशन के माध्यम से महिलाएं अपने स्वास्थ्य की रक्षा कर सकती हैं। डॉ. सभ्यता गुप्ता के अनुसार, स्वास्थ्य के प्रति सजग रहकर और समय पर चिकित्सकीय सलाह लेकर हम महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर से बचा सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

  1. सर्वाइकल कैंसर किस वायरस से होता है?

    सर्वाइकल कैंसर मुख्य रूप से ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) के कारण होता है। यह वायरस यौन संपर्क के माध्यम से फैलता है।

  2. सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग कितनी बार करवानी चाहिए?

    स्वस्थ महिलाओं को हर 3-5 वर्ष में एक बार स्क्रीनिंग करवानी चाहिए, हालांकि यह आयु और जोखिम कारकों पर निर्भर करता है। अपने स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श करके व्यक्तिगत स्क्रीनिंग शेड्यूल तय करना सबसे अच्छा है।

  3. HPV वैक्सीनेशन किस उम्र में शुरू किया जा सकता है?

    HPV वैक्सीनेशन 9 वर्ष की आयु से शुरू किया जा सकता है। यह वैक्सीन सबसे अधिक प्रभावी होती है जब इसे यौन संपर्क शुरू होने से पहले दिया जाता हैक्या वयस्क महिलाओं को भी HPV वैक्सीन ली जा सकती है?

    हां, वयस्क महिलाएं भी HPV वैक्सीन ले सकती हैं, विशेष रूप से 15-25 वर्ष की आयु में। हालांकि, उन्हें तीन खुराक की आवश्यकता होती है।

  4. क्या सर्वाइकल कैंसर के कोई शुरुआती लक्षण होते हैं?

    अक्सर शुरुआती अवस्था में सर्वाइकल कैंसर के कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होते हैं, इसलिए नियमित स्क्रीनिंग महत्वपूर्ण है। उन्नत अवस्था में असामान्य योनि रक्तस्राव, दर्द या असामान्य स्राव हो सकता है।

  5. क्या गर्भावस्था के दौरान HPV वैक्सीन ली जा सकती है?

    नहीं, गर्भावस्था के दौरान HPV वैक्सीन लेने की सलाह नहीं दी जाती है। गर्भावस्था पूर्ण होने के बाद इस बारे में अपने चिकित्सक से परामर्श करें।

  6. क्या पैप स्मीयर टेस्ट दर्दनाक होता है?

    पैप स्मीयर टेस्ट आमतौर पर दर्दनाक नहीं होता है, हालांकि थोड़ी असुविधा हो सकती है। यह परीक्षण कुछ ही मिनटों में पूरा हो जाता है और सर्वाइकल कैंसर का पता लगाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

  7. क्या सर्वाइकल कैंसर का इलाज संभव है?

    हां, यदि समय पर पता चल जाए तो सर्वाइकल कैंसर का इलाज संभव है। शुरुआती अवस्था में पहचाने जाने पर उपचार की सफलता दर अधिक होती है, इसलिए नियमित स्क्रीनिंग महत्वपूर्ण है।

  8. क्या सर्वाइकल कैंसर के जोखिम को कम करने के लिए कोई जीवनशैली परिवर्तन हैं?

    धूम्रपान न करना, सुरक्षित यौन संबंध रखना, और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत रखना सर्वाइकल कैंसर के जोखिम को कम कर सकता है। नियमित स्क्रीनिंग और HPV वैक्सीनेशन के साथ-साथ ये उपाय अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करते हैं।

  9. क्या HPV वैक्सीन के कोई दुष्प्रभाव हैं?

    अधिकांश लोगों के लिए HPV वैक्सीन सुरक्षित है। कुछ सामान्य दुष्प्रभावों में इंजेक्शन की जगह पर दर्द, लालिमा, हल्का बुखार या सिरदर्द शामिल हो सकते हैं, जो आमतौर पर अपने आप ठीक हो जाते हैं।

Dr. Sabhyata Gupta
Gynaecology and GynaeOncology
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