जब कोई व्यक्ति अचानक बेहोश हो जाता है, और इसके साथ तेज़, झटकेदार मूवमेंट हो रही हों तो इसे एपिलेप्टिक सीजर कहते हैं। किसी व्यक्ति को मिर्गी के दौरे देखने पर भयानक लग सकते हैं, लेकिन यह ज़रूरी नहीं होता कि वे हमेशा जीवन के लिए खतरा पैदा करने वाली स्थिति ही हो। ये दौरे अक्सर अकस्मात होते हैं अतः ये कोई नुक़सान या गिरने का कारण बन सकते हैं।
हालांकि, एपिलेप्टिक सीजर व्यक्ति के दैनिक जीवन को प्रभावित करते हैं, लेकिन दवाओं और एक स्वस्थ जीवनशैली को बना कर इनका उचित प्रबंधन किया जा सकता है।
इसलिए, मिर्गी के दौरों के लक्षणों और संकेतों के प्रति सजग रहना महत्वपूर्ण होता है और पैरामैडिक सहायता पहुंचने से पहले त्वरित प्राथमिक उपचार दे कर रोगी में मिर्गी के कारण होने वाली क्षति के जोखिम को कम किया जा सकता है।
एपिलेप्टिक सीजर के लिए प्राथमिक चिकित्सा का मुख्य उद्देश्य मरीज की सुरक्षा होता है। किसी को मिर्गी के दौरे के दौरान देखना डरावना हो सकता है, खासकर जब आपको यह नहीं पता हो कि आपको इस स्थिति में क्या करना चाहिए। अतः सीजर के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए के बारे में जानकर, आप अपने जीवन में ऐसी किसी स्थिति में मिर्गी का दौरा आए हुए व्यक्ति को सबसे अधिक सहायता कर सकते हो।
मिर्गी एक न्यूरोलॉजिकल स्थिति होती है जो मस्तिष्क की उसमें उपस्थित कोशिकाओं के साथ संचार करने की क्षमता को प्रभावित करती है। इस अचानक इलेक्ट्रिक गतिविधि के परिणामस्वरूप मिर्गी के दौरे आ सकते हैं। कोई व्यक्ति जब एक दौरे का सामना कर रहा होता है, वह शरीर के विभिन्न हिस्सों में हल्के, अनैच्छिक गतिविधियों का अनुभव कर सकता है, जैसे कि झटके से हिलना या कांपना।
मिर्गी के कारण और लक्षण
हालांकि मिर्गी के सटीक कारण अभी तक ज्ञात नहीं हुआ है, लेकिन कुछ कारक व्यक्तियों में दौरे के जोखिम को बढ़ा सकती हैं। इन ट्रिगर्स से बचकर आप मिर्गी के साथ अपनी ज़िंदगी अधिक सकारात्मक रूप से जी सकते हैं और दौरों को कम कर सकते हैं, इन ट्रिगर्स कारकों में मुख्य निम्नलिखित हैं:
निम्नलिखित मिर्गी के लक्षण व्यक्ति में सीज़र होने का संकेत देते हैं:
जब एक दौर पांच मिनट से ज्यादा समय तक उपस्थित रहता है, तो इसे आपातकालीन स्थिति माना जाता है। नीचे बताए गए कुछ उपाय दौर के दौरान होने वाले चोट के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं।
मिर्गी के दौरे के दौरान व्यक्ति की मदद करने के तरीके:
यदि आप किसी व्यक्ति को मिर्गी या फिट्स आते हुए देखते हैं, तो निम्नलिखित त्वरित कार्रवाई कर आप उस व्यक्ति को चोट से बचा सकते हैं:
दौरा समाप्त होने के बाद, व्यक्ति होश में आ सकता है, भ्रमित हो सकता है और अनिश्चित हो सकता है कि क्या हुआ था (जिसे पोस्टिकटल स्थिति कहते हैं)। अतः इस समय उन्हें दिलासा दें कि सब ठीक है, और शांत रहकर बताएं कि उन्हें क्या हुआ था। इस दौरान आयी हुई किसी भी चोट का उपचार करना महत्वपूर्ण होता है।
यदि आपने आपातकालीन सहायता को बुलाया है, तो आपातकालीन चिकित्सक मरीज़ से पूछताछ कर सकते हैं कि दौर से पहले वे क्या कर रहे थे। यह जानकारी कभी-कभी दौर के ट्रिगर्स कारक को पहचानने में मदद कर सकती है। आपको उन्हें उन चिकित्सीय स्थितियों के बारे में भी सूचित करना चाहिए, जो मिर्गी के दौरे का कारण बन सकती है।
ध्यान दें कि अधिकांश सीज़र तुरंत चिकित्सीय सहायता के बिना 2 मिनट तक चलते हैं। यदि किसी के एक दौरा दो मिनट से ज्यादा समय तक चलता है या वो बेहोश हो जाते हैं, और दौरा समाप्त होने के तुरंत बाद जल्दी से होश में वापस नहीं आते हैं, तो तुरंत डॉक्टर को बुलाएं।
एपिलेप्टिक सीज़र में व्यक्ति को मामूली से लेकर गंभीर लक्षण महसूस हो सकते हैं। सामान्यतः एक दौरा कुछ मिनट में ठीक हो जाता है, परंतु यदि ये लक्षण पांच मिनट से ज्यादा समय तक बने रहते हैं, तो तुरंत चिकित्सीय सहायता की ज़रूरत होती है।
डॉक्टर को निम्नलिखित परिस्थितियों में बुलाएं:
यदि आप मिर्गी के लक्षणों और इसके दौरान दी जाने वाली प्राथमिक चिकित्सा प्रक्रिया के बारे में जानकारी रखते हैं, तो आप किसी व्यक्ति के जीवन को बचा सकते हैं।
इसके अलावा, आपने प्रियजनों को मिर्गी के दौरान सुरक्षित करने के लिए सुरक्षा उपायों का पालन करें। सीज़र के दौरान खुद को चोट नहीं पहुंचाने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करें और उपयुक्त सूचना प्रदान करें। हमेशा तुरंत आपातकालीन चिकित्सीय सहायता की तलाश करें और अपने डॉक्टर को सभी दौरों की गतिविधियों के बारे में पूरी जानकारी दें।
मिर्गी के दौरों का सामना करना डरावना हो सकता है, लेकिन ध्यान दें कि उपर बताई गई आपको पीड़ित को सबसे अच्छा उपचार देने में सक्षम बना सकती है। और यदि आपको फिर भी इस स्थिति को नियंत्रित करने में दिक़्क़त हो रही हो, तो जितनी जल्दी हो सके अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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