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मधुमेह की 6 सामान्य जटिलताएँ

मधुमेह की 6 सामान्य जटिलताएँ

टाइप 2 मधुमेह के साथ जीवन कभी-कभी एक एक कठिन संघर्ष से जूझने जैसा लग सकता है। स्वस्थ भोजन करने, अपने रक्त शर्करा स्तरों पर नजर रखने, स्वस्थ हृदय क्रिया बनाए रखने के लिए व्यायाम करने के साथ-साथ अपनी दवाएँ लेना याद रखने जैसे काफी प्रयास करने पड़ते हैं।

 

लेकिन यह सच है कि ये सभी सावधानियाँ आपकी डायबीटीज़ के खिलाफ लड़ाई में अंतर लाती है और इसके सबसे खराब दुष्प्रभावों से बचाव में मदद भी कर सकती हैं। 

 

टाइप-2 मधुमेह के सामान्य जोखिम और जटिलताएँ 

 

टाइप 2 मधुमेह जैसी बीमारियाँ रक्त ग्लूकोज स्तर में उतर-चढ़ाव जैसी स्थितियों के कारण दीर्घकालिक समस्याओं का कारण बन सकती हैं। नीचे मधुमेह की कुछ सामान्य जटिलताएँ बताई गई हैं:

 

मधुमेह तंत्रिका क्षति का कारण बन सकता है:

 

न्यूरोपैथी या तंत्रिका क्षति डायबीटीज़ का एक सामान्य दुष्प्रभाव है। इसमें व्यक्ति को सुन्नापन या दर्द महसूस होता है जो अधिकांशत: आपके हाथ और पैरों में होता है, लेकिन यह आपके शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकता है; इसे पेरिफेरल न्यूरोपैथी कहा जाता है। ऑटोनॉमिक न्यूरोपैथी तंत्रिका क्षति का एक ओर प्रकार है जो जैसा कि नाम से ही पता चलता है, आपके ऑटोनॉमिक कार्यों को प्रभावित करती है, जैसे कि पाचन, मूत्राशय और अन्य स्वचालित शारीरिक क्रियाएँ। आप वजन, रक्त शर्करा, और रक्तचाप के स्तरों को नियंत्रित करके अपने न्यूरोपैथी होने की संभावना को काफी कम कर सकते हैं।

 

ग्लूकोमा और अन्य दृष्टि समस्याएँ:

 

मधुमेह ग्रसित व्यक्तियों में अक्सर ग्लूकोमा (आंखों के तरल पदार्थ के दबाव में बढ़ोतरी के कारण होने वाला अंधापन) और मोतियाबिंद (धुंधले लेंस के कारण होने वाला अंधापन) जैसी दुर्बल दृष्टि समस्याओं का निदान किया जाता है। डायबीटीज से जुड़ी एक अन्य स्थिति डायबीटिक रेटिनोपैथी (रेटिना की रक्त वाहिका में क्षति) है। अगर आप डायबीटिक हैं और/या आप को किसी प्रकार की आँखों में जलन के संकेत महसूस होते हैं, तो अपने डॉक्टर से सलाह लें।

 

कैंडिडिआसिस (थ्रश) और अन्य मुँह के रोग:

 

डायबीटीज आपको मुँह के फंगल रोगों जैसे कैंडीडियासिस (थ्रश) के प्रति भी संवेदनशील बना सकती है, जिससे मुँह के छाले और अन्य संक्रमण हो सकते हैं। उच्च रक्त शर्करा वाले लोगों को प्लॉक और दांत में कीड़े लगने जैसी समस्याओं के कारण अपने दाँतों को खोने का खतरा हो सकता है। अतः अच्छे मौखिक स्वच्छता का अभ्यास करें, जैसे कि दिन में दो बार दाँत ब्रश करना और फ्लॉसिंग करना। साथ ही, मसूड़ों से रक्तस्राव जैसे शुरुआती लक्षणों को पकड़ने के लिए हर छह महीने में अपने दंतचिकित्सक से चेक करवाएं, जो किसी अंतर्निहित मुँह की बीमारी के संकेत हो सकते हैं।

 

संक्रमण का खतरा:

 

डायबीटीज़ वाले व्यक्तियों को सामान्यत: मुँह, फेफड़ों, मूत्रमार्ग में संक्रमण होने, और साथ ही महिलाओं में यीस्ट संक्रमण का भी खतरा होता है। इसलिए महत्वपूर्ण है कि जब आप फ्लू के मौसम में बाहर निकलते हैं तो अच्छी व्यक्तिगत सफाई बनाए रखना महत्वपूर्ण है।

 

स्ट्रोक का खतरा:

 

स्ट्रोक एक प्रकार की मस्तिष्क क्षति है जो मस्तिष्क के लिए रक्त संचार की कमी के कारण होता है। सामान्यत: स्ट्रोक बुजुर्गों में होने की संभावना अधिक होती है, लेकिन मधुमेह रोगियों को किसी भी आयु में हो सकता है। दुर्भाग्यवश, स्ट्रोक मस्तिष्क में स्थायी क्षति का कारण बन सकता है, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने कोलेस्ट्रॉल, रक्तचाप और शर्करा के स्तर पर हमेशा नज़र रखें, क्योंकि ये आपके स्वास्थ्य के विश्वसनीय बैरोमीटर हैं।

 

नियमित रूप से व्यायाम करें और धूम्रपान से बचें ताकि आपके स्ट्रोक का जोखिम कम हो सके।

 

मधुमेह और हृदय रोग:

 

डायबीटीज़ के कारण होने वाले रक्त वाहिका में क्षति लंबे समय में आपके हृदय पर अनावश्यक दबाव डाल सकती है। मधुमेह वाले लोग आमतौर पर बढ़ते वजन, उच्च रक्तचाप और उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर से पीड़ित होते हैं। यह सभी गंभीर हृदय रोग के लिए जोखिम कारक होते हैं। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि आप वजन घटाने के उपायों जैसे व्यायाम, स्वस्थ आहार, समय-समय पर उपयुक्त परीक्षण (उच्च कोलेस्ट्रॉल/रक्तचाप के लिए स्क्रीनिंग) और धूम्रपान जैसी हानिकारक आदतों से बचने जैसी एक जीवनशैली का पालन करें।

 

This blog is a Hindi version of an English-written Blog - 6 Common Complications of Diabetes

Medanta Medical Team
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