पित्ताशय की थैली (gallbladder) एक छोटा अंग है जो व्यक्ति के ऊपरी पेट में यकृत के ठीक ऊपर और दाईं ओर उपस्थित होता है। पित्त, एक हरा-पीला तरल जो पाचन में सहायता करता है, इस थैली में जमा होता है। पित्त पथरी या पित्त नली में अन्य रुकावट, पित्ताशय की पथरी के कारण होने वाली अन्य समस्याएँ पैदा कर सकती हैं। पित्त पथरी का सबसे आम कारण पित्त में कोलेस्ट्रॉल जैसे कठोर यौगिक पदार्थ हैं।
पित्त पथरी एक सामान्य समस्या है, हालांकि, अक्सर इस पर किसी का ध्यान नहीं जाता है। विभिन्न स्रोतों के अनुसार, पित्त पथरी वाले लगभग 10% लोगों में ही पांच साल के भीतर लक्षण दिखायी देते हैं।
पित्त पथरी के कारण पेट के दाहिने ऊपरी हिस्से या पेट के बीच में परेशानी पैदा हो सकती है। पित्ताशय में दर्द कभी भी हो सकता है, हालांकि उच्च वसा वाले खाद्य पदार्थ जैसे तला हुआ भोजन खाने के बाद यह दर्द अधिक आम है। आमतौर पर पित्त पथरी से संबंधित दर्द कुछ ही घंटों तक महसूस होता है, परंतु यह व्यक्ति को काफी कमजोर कर सकता है। अगर पित्ताशय की पथरी को नज़रअंदाज़ किया जाए या गलत निदान किया जाए, तो निम्नलिखित लक्षण और बिगड़ सकते हैं:
पित्ताशय में संक्रमण या पित्ताशय, लिवर, और पैंक्रियास में सूजन इन लक्षणों का कारण हो सकती है। हालांकि, ये लक्षण अन्य स्थितियों के कारण भी हो सकते हैं कई बार एपेंडिसाइटिस या पैंक्रिएटाटिस के लक्षण पित्त पथरी के समान प्रतीत होते हैं, इसीलिए आप जल्द से जल्द अपने डॉक्टर से परामर्श करें या आपातकालीन कक्ष में उपचार के लिए जाएं।
पित्ताशय की थैली में पथरी अपने आप कोई लक्षण पैदा नहीं करती है। जब पित्त पथरी पित्ताशय की थैली से पित्त के प्रवाह में रुकावट पैदा करती है तब इससे संबंधित असुविधा शुरू होती हैं।
कुछ परिस्थितियों में एक्स-रे या पेट की सर्जरी से पित्त पथरी का अचानक पता चलता है।
पित्त में पथरी होने का मूल कारण अभी भी एक रहस्य है। लेकिन कुछ चिकित्सकों के अनुसार, पित्त पथरी बनने की संभावना निम्न कारण से होती है:
प्रोजेस्टेरोन हार्मोन पित्ताशय की थैली के संकुचन को कम करता है जबकि एस्ट्रोजन हॉर्मोन कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाता है। महिलाओं में मासिक धर्म और गर्भावस्था ऐसे समय इन दोनों हार्मोन का स्तर अपने उच्चतम स्तर पर होता है। इसीलिए रजोनिवृत्ति के समय एस्ट्रोजेन के स्तर में कमी के कारण, कई महिलाएं अपने हार्मोनल स्तर को सही रखने के लिए हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HT) का सहारा लेती हैं। नतीजतन, महिलाओं में वजन बढ़ने और घटने की संभावना अधिक होती है। अतिरिक्त वजन महिलाओं के रक्त प्रवाह में कोलेस्ट्रॉल के स्तर में वृद्धि का कारण बन सकता है। मोटापा एस्ट्रोजेन हॉर्मोन के ऊंचे स्तर से जुड़ा हुआ है। उसी तरह तेजी से वजन घटने का प्रभाव वजन बढ़ने के समान ही होता है। जब आप एक साथ बहुत अधिक वजन कम करते हैं, तो आपका लीवर कोलेस्ट्रॉल की असामान्य रूप से अत्यधिक मात्रा को सम्भालता है, जिसे संसाधित कर आपके पित्त में भेज दिया जाता है। अत्यधिक कोलेस्ट्रॉल की वजह से महिलाओं में पित्त पथरी होने की संभावना अत्यधिक हो जाती हैं।
पित्ताशय की पथरी का दर्द सामान्यत: पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में पसलियों के नीचे महसूस होता है। कई बार व्यक्ति इसे अपने निचले पेट में भी महसूस कर सकते हैं। कई बार यह दर्द दाहिना हाथ या कंधे का ब्लेड तक प्रसारित हो सकता है। जब यह दर्द शुरू होता है तो बहुत ही कम होता है, जो बाद में बढ़ते-बढ़ते बदतर हो जाता है, जब तक कि वह पूरी तरह से बंद नहीं हो जाता।
आपको ऊपरी दाहिना पेट पर स्पर्श करने पर भी तेज़ दर्द महसूस हो सकता है। मतली और उल्टी आना पित्त शूल (biliary colic) के सामान्य लक्षण हैं। पित्ताशय की थैली में दर्द के इन प्रसंगों को गॉलब्लैडर इनफ़रक्शन कहते हैं।
यदि आपको पित्त संबंधित लक्षण है तो डॉक्टर आपको रक्त और इमेजिंग परीक्षणों की सलाह देते हैं। रक्त परीक्षण से सूजन, संक्रमण और पीलिया का पता लगाया जा सकता है। इसके अलावा आपका डॉक्टर यह भी पता लगा पाते है कि इन लक्षणों से कौन से अंग क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। पित्त के बहाव में बाधा का पता लगाने के लिए इमेजिंग जाँचों का उपयोग किया जाता है। अल्ट्रासाउंड अक्सर इमेजिंग परीक्षणों का पहला चरण होता है।
जिन व्यक्तियों मे पथरी के कोई लक्षण महसूस नहीं होते हैं उनको अक्सर उपचार कि आवश्यकता नहीं होती। आपके लक्षण और विभिन्न जाँचों के आधार पर आपके डॉक्टर यह निश्चय करते है कि पित्त पथरी का उपचार आवश्यक है या नहीं।
इस दौरान पथरी के कारण होने वाली समस्याएँ जैसे पेट की परेशानी में वृद्धि को आप अपने डॉक्टर को अवश्य बतायें। भविष्य में पित्त पथरी के लक्षण विकसित होने पर विभिन्न उपचार उपलब्ध हैं जैसे की:
कभी-कभी ये दवाइयाँ इच्छित परिणाम नहीं दे पाती। इसीलिए जिन व्यक्तियों में कोलेसिस्टेक्टोमी संभव नहीं है, उनके लिए पित्त पथरी की दवाएं अनुकूल विकल्प है।
यदि आपके डॉक्टर ने पित्त पथरी के उपचार के लिए कोलेसिस्टेक्टोमी या पथरी हटाने के लिए सर्जरी का सुझाव दिया है तो इस बिमारी के भविष्य में होने की संभावना कम होती है आमतौर पर, पथरी एक बार हटाने के बाद दुबारा नहीं बनती है।
यदि किसी वजह से आप सर्जरी नहीं करवा सकते हैं तो आपको और आपके डॉक्टर को आपकी प्रगति पर नज़र रखने की आवश्यकता होगी और कई बार डॉक्टर आपको चिकित्सा प्रबंधन में निगरानी में भी रख सकता है। यह हमेशा ध्यान मे रखे की ऐसी कोई दवाई नहीं है जो कि पथरी को पूरी तरह से गला दे।
यदि पित्त पथरी की वजह से आपको कोई लक्षण अनुभव नहीं हो रहे हैं तो इसका उपचार करने की आवश्यकता नहीं है। यदि आप भविष्य में उन्हें बिगड़ने से बचाना चाहते हैं, तो कुछ जीवनशैली में परिवर्तन कर सकते हैं।
This blog is a Hindi version of an English-written Blog - Gallbladder Stone: Overview, Symptoms, Causes and Treatment
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