• Home
  • Wellness Blog
  • Hospitals Near Me
  • eCLINIC-Telemedicine
  • Careers
  • Call us
    • DLF Cyber City (+91 124 4141 472)
    • Gurugram (+91 124 4141 414)
    • Indore (+91 731 4747 000)
    • Lucknow (+91 522 4505 050)
    • Patna (+91 612 3505 050)
    • Ranchi (1800 8913 100)
    • South Delhi (+91 11 4411 4411)
  • Emergency : 1068
  • Recent
  • All Categories
    A B C D E F G H I J K L M N O P Q R S T U V W X Y Z
    View All

    TRENDING CATEGORIES:

    • Coronavirus
    • Breast Cancer
    • Lung Cancer
    • Cancer Awareness
    • General Wellness
    • Air Pollution
    • Diabetes
    • World Obesity Day
    • Healthy Heart
    • Ageing
    • Brain Attack
    • Angioplasty
    • Chemotherapy
    • Common Allergens
    • Panic Disorder
    • Dengue
  • Live Healthy
  • Heal Faster
  • Get Inspired
  • The Exchange
  • Case Studies
  • Events
  • Investor Relations
    • My Reports
    • About Us
    • Hospitals Near Me
    • Careers
    • Login
    • Request Callback
    • Emergency : 1068
    • +91-124-4141414
  • Home
  • Wellness Blog
Book a Service at Medanta
  • Book an Appointment
  • Book Video Consult
  • Get Cancer Second Opinion
  • Get Medical Second Opinion
  • Book Health Check up
  • Book Homecare Services
  • Medanta Labs
  • Recent
  • All Categories
  • Live Healthy
  • Heal Faster
  • Get Inspired
  • The Exchange
  • Case Studies

निमोनिया: लक्षण, जोखिम कारक और रोकथाम के उपाय

  • 31 Aug 2023
  • #श्वसन संबंधी बीमारी
  • #सामान्य स्वास्थ्य

निमोनिया एक संक्रामक रोग होता है जो व्यक्तियों के फेफड़ों पर असर डालता है। यह किसी संक्रमित व्यक्ति की खांसी या छींक से निकली बूंदों के संपर्क में आने से आसानी से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। इसके कारकों में बैक्टीरिया, वायरस या फंगस शामिल होते हैं, जो फेफड़ों में बस जाते हैं, और वहाँ पर विभाजित हो कर बढ़ते रहते हैं। यह बीमारी पहले से मौजूद स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों के लिए घातक हो सकती है। छोटे बच्चे, शिशु और बुजुर्ग विशेष रूप से इस बीमारी के जोखिम वर्ग में आते हैं।

 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, भारत उन छह देशों के ग्रुप में शामिल है जो दुनिया में निमोनिया के सालाना कुल मामलों का आधे से अधिक हिस्सा बनाते हैं। इन छह देशों के ग्रुप में अन्य देश हैं चीन, पाकिस्तान, बांग्लादेश, इंडोनेशिया और नाइजीरिया।

 

निमोनिया के लक्षण और जोखिम कारक

 

निमोनिया के लक्षण कारकों के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं जिसमें संक्रमण के पीछे जीवाणु का प्रकार, व्यक्ति की उम्र और व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली की क्षमता शामिल हैं। निमोनिया के शुरुआती अवस्था में लक्षण सर्दी या फ्लू से काफी समानता रखते हैं। हालाँकि, निमोनिया के लक्षण सर्दी या फ्लू की तुलना में अधिक समय तक रहने की संभावना है। निमोनिया के अन्य लक्षणों में शामिल हैं:

  • सांस लेते समय या खाँसते समय सीने में दर्द महसूस होना
  • खांसी, अक्सर बलगम के साथ
  • थकान
  • बुखार, पसीना और कंपकंपी वाली ठंड लगना
  • सांस लेने में दिक़्क़त अनुभव होना 
  • मतली, उल्टी या दस्त  
  • 65 वर्ष से अधिक उम्र के वयस्कों या कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों में भ्रम और शरीर का तापमान कम होना 
  • जो लोग तम्बाकू धूम्रपान या अत्यधिक शराब का सेवन करते हैं, उन्हें निमोनिया होने का खतरा अधिक होता है। इसके अलावा, पहले से मौजूद कुछ चिकित्सीय स्थितियां जैसे सिस्टिक फाइब्रोसिस, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिसऑर्डर (सीओपीडी), अस्थमा या इन्फ्लूएंजा होने पर भी आप इस बीमारी के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकते हैं। 

 

कमजोर इम्युनिटी वाले व्यक्तियों, जैसे कि एड्स, कैंसर या एचआईवी से पीड़ित लोगों में भी इस बीमारी के होने की संभावना अधिक होती है। 

 

निमोनिया से बचाव के उपाय 

 

कुछ बुनियादी सावधानियों को बरतने से निमोनिया से बचा जा सकता है। नीचे कुछ बातें हैं जिन्हें आप ध्यान में रख सकते हैं:

  • टीकाकरण करवाए: टीकाकरण आपको निमोनिया पैदा करने वाले कुछ रोगजनक कीटाणुओं से बचाने में मदद करता है। उदाहरण के लिए, न्यूमोकोकस नामक बैक्टीरिया के खिलाफ टीकाकरण, जो गंभीर निमोनिया का कारण होता है, गंभीर निमोनिया के आक्रमण को रोकने में मदद करता है। वैक्सीन को एक नियमित अंतराल पर लेते रहने की आवश्यकता होती है, इसलिए अपने टीकाकरण के चार्ट को नियमित रूप से रिव्यू करते रहना चाहिए। इसके अलावा, आपको जो टीका लेना है वह आपकी उम्र के आधार पर अलग-अलग हो सकता है।

 

टीकाकरण केवल शॉट लगने वाले व्यक्ति को ही फ़ायदा नहीं पहुँचाता, बल्कि यह एक पूरे समुदाय को संरक्षण (herd protection) का लाभ देता है। जब व्यक्तियों को टीका लगता है तो उनके आसपास के व्यक्तियों में रोगजनक कीटाणुओं के फैलने की संभावना कम हो जाती है, जिससे बीमारी फैलने की संभावना भी कम हो जाती है।

  • स्वच्छता की आदत अपनाएं: आप रोग उत्पन्न करने वाले कीटाणुओं के संपर्क में कमी लाकर निमोनिया से संक्रमित होने के ख़तरे को कम कर सकते हैं। इन आदतों में नियमित रूप से अपने हाथ धोना या हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग करना, छींकने और खांसने के दौरान अपना मुँह ढकना, और संक्रमित व्यक्तियों के सीधे संपर्क में आने से बचना शामिल होते हैं।
  • धूम्रपान से बचें: धूम्रपान आपके शरीर को किसी भी श्वसन संक्रमण से लड़ने की क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। यह सर्वविदित है कि, जब आप धूम्रपान नहीं करते हैं, तो आपका श्वसन तंत्र और फेफड़े मजबूत और स्वस्थ होते हैं और संक्रमण से अधिक कुशलता से लड़ने में सक्षम होते हैं।
  • अपने प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत बनाएँ: विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, शिशुओं में विशेष स्तनपान की कमी, जन्म के समय कम वजन और खसरे के टीकाकरण ना लगना निमोनिया के मुख्य जोखिम कारक होते हैं। इसीलिए यह सुनिश्चित करें कि बच्चों के जन्म के प्रारंभिक छह महीनों तक अपना स्तनपान कराएँ, जिससे उनमें पर्याप्त इम्युनिटी विकसित हो, और इससे बीमारी को रोकने में भी मदद मिल सकती है। 

 

इन कारकों के अलावा, वायु प्रदूषण भी आपके फेफड़ों को कमजोर कर सकता है और आपको रोग पैदा करने वाले विभिन्न कीटाणुओं के प्रति अधिक संवेदनशील बना सकता है। अतः वातावरण और घर के अंदर वायु प्रदूषण दोनों को कम करने की सलाह दी जाती है।

 

जो लोग पहले ही निमोनिया से प्रभावित हो चुके हैं, उन्हें डॉक्टर पर्याप्त मात्रा में आराम और तरल पदार्थों के सेवन की सलाह देते हैं। बीमारी के दौरान हाइड्रेटेड रहने से कफ को पतला करने और खांसी द्वारा इसे बाहर निकलने में मदद मिलती है। अगर समय पर निमोनिया का इलाज न किया जाए तो इससे गंभीर दुष्परिणाम हो सकते हैं। बीमारी से रिकवरी के लिए डॉक्टर से समय-समय पर परामर्श महत्वपूर्ण चरण होता है। 

 

This blog is a Hindi version of an English-written Blog - Pneumonia: Symptoms, Risk Factors and Prevention Guid

Medanta Medical Team
  • Prev आनुवंशिकी और कैं...

  • Next पॉलीसिस्टिक ओवरी...

Related articles

  • How do your Lungs Function?
  • Effects of Pollution on your Lungs
  • Childhood Asthma

Go to Top

 Twitter
 Facebook
 WhatsApp
 LinkedIn
  • Events
  • Careers
  • Policies & Forms
  • Investor Relations
  • Sitemap

Copyright © 2023 Medanta The Medicity(Global Health Limited). All Rights Reserved.

Designed by screenroot
Request Callback
+
=

Please wait..