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जठरशोथ (गैस्ट्राइटिस) के 7 सबसे आम लक्षण

मानव पेट में एसिड (भोजन को पचाने के लिए जरूरी) से बचाने के लिए म्यूकोसा नामक एक सुरक्षात्मक परत होती है। पेट की इस परत में कोई भी सूजन या कटाव होने से पेट एसिड के संपर्क में आ जाता है, जिससे आपको गैस्ट्राइटिस नामक बीमारी हो सकती है। हालाँकि, हेलिकोबैक्टर पाइलोरी (H.pylori) बैक्टीरिया का संक्रमण गैस्ट्राइटिस होने का मुख्य कारण है, लेकिन, रोज़ शराब का सेवन, अपच, रसायनों का सेवन, ऑटोइम्यून विकार आदि कई अन्य कारक हैं जो गैस्ट्राइटिस का कारण हो सकते हैं।


एक्यूट (acute) गैस्ट्राइटिस में व्यक्ति के पेट में अचानक गंभीर सूजन होती है, वही क्रॉनिक (chronic) गैस्ट्राइटिस में पेट में लंबे समय तक सूजन रहने के कारण व्यक्ति को भूख की कमी महसूस होने लगती है और इसका लंबे समय तक उपचार ना करने पर यह अन्य स्थितियों को भी जन्म दे सकती है।


आइए गैस्ट्राइटिस या जठरशोथ के लक्षण और इसके उपचार के बारे में विस्तार से जानकारी लेते हैं।


गैस्ट्राइटिस के लक्षण


कुछ लोगों को गैस्ट्राइटिस के कोई लक्षण अनुभव नहीं होते हैं। और कुछ लोग जिन्हें एक्यूट या क्रॉनिक गैस्ट्रीटिस हो, उन्हें निम्नलिखित लक्षणों में से कुछ का अनुभव हो सकता है:


•      पेट में दर्द - व्यक्ति को गैस्ट्राइटिस में पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द या बेचैनी महसूस होना सबसे आम लक्षण हैं। स्थिति की गंभीरता और अन्य कारकों के आधार पर तेज़ दर्द या जलन महसूस हो सकती है।


•      मतली या उल्टी आना - जब गैस्ट्राइटिस की वजह से पेट की म्यूकोसा में अल्सर या छेद हो जाते है तो व्यक्ति को मिचली या उल्टी का अनुभव हो सकता है। कम गंभीर मामलों में उल्टी स्पष्ट, पीली या हरी हो सकती है। लेकिन एक्यूट इरोसिव गैस्ट्राइटिस (acute erosive gastritis) में आमतौर पर बीमारी की शुरुआत के कई दिनों बाद व्यक्ति को खून की धारियों वाली या पूरी तरह से खूनी उल्टी आ सकती है।


•      भूख न लगना - इस गंभीर या एक्यूट (acute) गैस्ट्राइटिस में, व्यक्ति को अचानक भूख में कमी का अनुभव हो सकता है, जो आमतौर पर ख़ाना खाने के ठीक बाद मतली या उल्टी के अहसास के कारण होता है, जो आपके खाने को पचाने की क्रिया को अस्तव्यस्त कर सकता है।


•      बार-बार पेट ख़राब होने या दस्त होना - बेचैनी और लंबे समय तक दस्त गैस्ट्रेटिस के पहले और प्रमुख लक्षणों में से हैं। काला या टेरी मल आमतौर पर इरोसिव गैस्ट्राइटिस के कारण होता है।


•      डकार आना - डकार आना (burping) एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। हालाँकि, ज़रूरत से ज़्यादा डकार आना गैस्ट्राइटिस का संकेत हो सकता है। गैस्ट्राइटिस के ज्यादातर मामलों में, डकार दिल में जलन और दुर्गंधयुक्त गैस की तकलीफ जैसे अन्य लक्षणों के साथ होती है।


•      पेट भरे रहने का आभास - गैस्ट्राइटिस में पेट की म्यूकोसा में सूजन आने से व्यक्ति को भूख कम लगने या जी मिचलाने के कारण बहुत जल्दी पेट भरा हुआ महसूस होता हैं।


•      पेट में उभार (bloating) महसूस होना - गैस्ट्राइटिस में व्यक्ति को पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द या बेचैनी के साथ पेट में सूजन या लंबे समय तक उभार (bloating) महसूस होना एक सामान्य बात है।


कई मामलों में, जब इरोसिव गैस्ट्राइटिस के कारण पेट एसिड के संपर्क में आ जाता है, तो इसके कारण पेट में अल्सर या रक्तस्राव हो सकता है। इस परिस्थिति में, व्यक्ति निम्नलिखित लक्षणों का भी अनुभव कर सकता है:


•      सांस की तकलीफ, थकान, दिल की धड़कन तेज होना, और एनीमिया के कारण पीलापन होना ।


•      छाती में तेज़ दर्द


•      खून या पिसी हुई कॉफ़ी जैसी उल्टी आना


•      खूनी या दुर्गंधयुक्त मल आना


गैस्ट्राइटिस की जाँच कैसे की जाती है?


गैस्ट्राइटिस की देर से जाँच होने की मुख्य वजह यह है कि, प्रारंभिक अवस्था में, लक्षण मामूली लगते हैं और कई व्यक्ति उनको अनदेखा कर देते हैं। हालांकि, उपरोक्त लक्षणों में से यदि आपको एक से अधिक का अनुभव होता है तो तुरंत गैस्ट्रो चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए और प्रभावी उपचार के लिए उचित जाँच करवानी चाहिए।


गैस्ट्राइटिस की जाँच और इसकी गंभीरता को जानने के लिए डॉक्टर निम्नलिखित में से एक या अधिक परीक्षणों का उपयोग कर सकते हैं:

 

आपकी पूरी मेडिकल हिस्टरी जानने के लिए आम तौर पर डॉक्टर आपके खाने, धूम्रपान और शराब पीने की आदतों, एंटासिड, एंटीबायोटिक्स, एस्पिरिन, इबुप्रोफेन इत्यादि जैसी दवाओं के उपयोग के बारे में प्रश्न पूछता है। डॉक्टर सीलिएक रोग, क्रोहन रोग, या किसी अन्य ऑटो-इम्यून विकार जैसी अन्य बीमारियों की संभावना की भी जांच करता है।

 

सांस परीक्षण (breath test): इससे हेलिकोबैक्टर पाइलोरी (H. pylori) के कारण होने वाले संक्रमण की पहचान की जाती है। इसके लिए व्यक्ति को पीने के लिए रेडियोधर्मी कार्बन युक्त तरल का एक गिलास दिया जाता है और साँस छोड़ते वक़्त निकली कार्बन डाइऑक्साइड में उपस्थित आइसोटॉपिक कार्बन को मापने के लिए एक बैग में साँस छोड़ने के लिए कहा जाता है।

 

डॉक्टर पेट में सूजन के संकेतों की जांच के लिए एंडोस्कोपी की सलाह देते हैं


गैस्ट्राइटिस का इलाज कैसे करते हैं?


गैस्ट्राइटिस का इलाज संभव हैं। इसके उपचार के तरीक़े मुख्यतय रोगी के लक्षण और स्थिति के प्रकार (acute or chronic) के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं। आमतौर पर गैस्ट्राइटिस का उपचार विभिन्न दवाइयों का मिश्रण होता है जिसमें एसिड को कम करने के लिए एंटासिड, H2 ब्लॉकर्स, मतली को रोकने की दवा, जीवाणु संक्रमण के लिए एंटीबायोटिक्स, और पेट की म्यूकोसा की रक्षा के लिए कोटिंग एजेंट शामिल हैं।


डॉक्टर दवाइयों के साथ-साथ आहार में परिवर्तन, शराब और धूम्रपान छोड़ने, और तनाव को नियंत्रित करने की भी सलाह देते हैं।

 

This blog is a Hindi version of an English-written blog - 7 Most Common Symptoms of Gastritis

Dr. Abhishek Kathuria
Gastrosciences
Meet The Doctor
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