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गर्दन का दर्द: लक्षण, कारण और इसका इलाज

गर्दन या सर्वाइकल स्पाइन जोड़ों, हड्डियों, मांसपेशियों और तंत्रिकाओं का एक जटिल नेटवर्क है। आपकी गर्दन में, सर्वाइकल डिस्क ग्रीवा हड्डियों या कशेरुकाओं (vertebrae) को क्षति पहुँचाने वाली ताकत की तीव्रता को कम करती है। चूँकि गर्दन सिर को सहारा देती है और अन्य कार्य करने में मदद करती है, इसीलिए गर्दन का दर्द परेशानी का कारण बन सकता है।

 

गर्दन में दर्द के लक्षण

गर्दन में हल्का दर्द सबसे आम लक्षणों में से एक है। कभी-कभी, यह दर्द गर्दन को हल्का सा हिलाने से भी और बदतर हो सकता है।

 

गर्दन में दर्द के कुछ अन्य लक्षण निम्नलिखित हैं:

  • झुनझुनापन (Tingling) महसूस होना
  • सुन्न होना
  • गर्दन मोड़ने या घुमाने में कठिनाई आना
  • तेज तीखा दर्द
  • हल्के छूने में भी दर्द होना
  • ख़ाना निगलने में दिक़्क़त
  • पेट भरे रहने का एहसास रहना
  • सिर में सरसराहट की आवाज आना
  • गर्दन और सिर में स्पंदन (Pulsations) महसूस होना
  • चक्कर आना
  • लिम्फ नोड में सूजन

 

कई बार अन्य लक्षण गर्दन में दर्द के साथ दिखते हैं, जैसे:

  • चेहरे में दर्द
  • सिर दर्द
  • बांहों में झनझनाहट या सुन्नापन आना, जिसे अपर एक्सट्रीमिटी परेस्थेसिया भी कहा जाता है
  • कंधे में दर्द

ये संबंधित लक्षण अक्सर गर्दन में नसों के दबने के कारण होते हैं। कभी-कभी गर्दन के दर्द के साथ व्यक्ति को पीठ के निचले हिस्से में भी दर्द हो सकता है।

 

गर्दन में दर्द के कारण

चूँकि आपकी गर्दन अत्यधिक लचीली होती है और सिर के वजन को उठाती है, तो यह कई स्थितियों और मामूली चोटों के प्रति संवेदनशील होती है, जिसकी वजह से इसमें सीमित कार्य और दर्द हो सकता है। विभिन्न चिकित्सा समस्याऑ की वजह से भी गर्दन में दर्द हो सकता है।

 

गर्दन में दर्द के कुछ कारण निम्नलिखित है:

  • जोड़ों (joints) का घिस जाना: आपके शरीर के दूसरे जोड़ों की तरह गर्दन के जोड़ भी घिस सकते हैं।अपक्षयी बीमारियाँ (Degenerative conditions) जैसे स्पाइनल स्टेनोसिस और ऑस्टियोआर्थराइटिस हड्डियों और कार्टिलेज के बीच के कुशन को खराब कर सकती हैं। इससे कशेरुक स्पर्स (vertebrae spurs) बनता है, जो गर्दन की गतिविधि को प्रभावित करता है, जिससे तेज़ दर्द होता है।
  • मांसपेशियों में तनाव (strain): गर्दन की मांसपेशियों का ज़रूरत से ज़्यादा उपयोग, जैसे बहुत देर तक कंप्यूटर या मोबाइल फोन चलाना, से मांसपेशियों में खिंचाव कर सकता है। दांत पीसने या बिस्तर पर ग़लत मुद्रा में पढ़ने जैसी छोटी-छोटी चीजों से भी गर्दन की मांसपेशियों में खिंचाव आ सकता है।
  • नसों में दवाब आना: गर्दन में हर्नियेटेड डिस्क या बोन स्पर्स रीढ़ की हड्डी से आने वाली नसों पर दबाव डाल सकते हैं।
  • बीमारियाँ: मैनिंजाइटिस, कैंसर, और गठिया (rheumatoid arthritis) जैसी कई बीमारियाँ भी गर्दन के दर्द के कारणों में से एक हो सकती हैं।
  • चोट: व्हिपलैश चोट सिर को पीछे और आगे की ओर झटका दे सकती हैं, जिससे गर्दन के मांसपेशियों पर दबाव डालता है।
  • तनाव: तनाव की वजह से भी मांसपेशियों पर असर होता है जिससे गर्दन में दर्द हो सकता है।
  • रीढ़ की हड्डी के संतुलन को प्रभावित करने वाली बीमारियाँ: खराब मुद्रा जैसे खराब गुणवत्ता वाली कुर्सी, कंप्यूटर या कीबोर्ड की स्थिति, लंबे समय तक बैठे रहना, अधिक वजन और पेट की कमजोर मांसपेशियां आपकी रीढ़ की मुद्रा को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे आपको गर्दन में दर्द हो सकता है।
  • असामान्य वृद्धि: सिस्ट, बोन स्पर्स, और ट्यूमर गर्दन के दर्द का कारण बन सकते हैं।

 

गर्दन में दर्द का उपचार

दर्द के कारण के आधार पर गर्दन के दर्द का इलाज अलग-अलग प्रकार का हो सकता है। हालाँकि, दर्द के उपचार का मुख्य उद्देश्य दर्द से आराम और गर्दन के कार्य करने की क्षमता में सुधार करना होता है। गर्दन के दर्द के लिए निम्नलिखित उपचार विकल्प उपलब्ध हैं:

  • डॉक्टर गर्दन में सूजन और दर्द को कम करने के लिए दवाइयाँ जैसे NSAIDs आपको लिख सकते हैं। मांसपेशियों को आराम देने के लिए मसल रिलक्सेंट भी कारगर होती हैं।
  • ट्रांसक्यूटेनियस इलेक्ट्रिकल नर्व स्टिमुलेशन (TENS): इसमें दर्द पैदा करने वाली नसों के करीब की त्वचा पर निम्न स्तर के विद्युत प्रवाह लगाया जाता है जिससे दर्द के संकेतों को रोक कर गर्दन के दर्द को कम किया जाता है।
  • फिजियोथेरेपी, जैसे सर्वाइकल आइसोमेट्रिक व्यायाम गर्दन में टेंडन और मांसपेशियों को मजबूत करती हैं जिससे गर्दन के दर्द से भी राहत मिलती है।
  • ट्रैक्शन का उपयोग करके गर्दन के दर्द में भी राहत मिलती है।
  • सर्जरी: क्षतिग्रस्त या संकुचित रीढ़ की हड्डी की डिस्क या आपस में जुड़ी हुई रीढ़ की हड्डीयों को सर्जरी से ठीक किया जा सकता हैं, खासकर जब बाहों या उंगलियों में दर्द फैल रहा हो।
  • नसों की जड़ों (nerve root) के करीब दिए जाने पर स्टेरॉयड इंजेक्शन से गर्दन की सूजन और दर्द में काफ़ी राहत मिलती है।

 

निष्कर्ष

ज्यादातर समय गर्दन का दर्द गंभीर नहीं होता है और कुछ ही दिनों में अपने आप सही हो जाता है। फिर भी, कभी-कभी यह बिगड़ सकता है और इसे देखभाल और उपचार की आवश्यकता होती है। इसलिए, यदि आपको कुछ हफ्तों से गर्दन में दर्द है, या यह गंभीर है और अन्य दिक्कतों के साथ है, तो तुरंत के विशेषज्ञ के साथ गर्दन के दर्द के इलाज के लिए संपर्क करें।

 

This blog is a Hindi version of English written blog - Neck Pain : Symptoms, Causes and How to Treat It. 

Dr. Swetabh Verma
Orthopaedics
Meet The Doctor
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