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गर्दन और सर्वाइकल के दर्द का इलाज कैसे करें?

क्या आपने कभी सोने के बाद उठते समय अकड़ी गर्दन और गर्दन में दर्द या खिंचाव का अनुभव किया है? यदि हाँ, तो आप जानते हैं कि इस प्रकार का दर्द कितना परेशान करने वाला हो सकता है। चाहे यह गलत बैठने के तरीक़े, तनाव या पूर्व मौजूदा स्थिति के कारण हो, गर्दन और सर्वाइकल दर्द सामान्य कार्यों को भी कठिन बना सकता है। लेकिन चिंता न करें!

 

इस ब्लॉग में, गर्दन और सर्वाइकल दर्द को ठीक करने के विभिन्न तरीकों और तकनीकों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करेंगे ताकि आप फिर से स्वस्थ महसूस कर सकें। 

 

गर्दन और सर्वाइकल दर्द के कारण

 

गर्दन और सर्वाइकल दर्द कई कारणों के कारण हो सकते हैं, जैसे गलत आसन, मांसपेशियों में तनाव, आदि। गर्दन और सर्वाइकल दर्द के सबसे सामान्य कारणों में से कुछ निम्नलिखित हैं:

 

  • ग़लत मुद्रा या बैठने का तरीक़ा:  - ग़लत मुद्रा सर्वाइकल स्पाइन में दबाव डाल सकते हैं, जिससे गर्दन और सर्वाइकल दर्द हो सकता है। लंबे समय तक बैठे रहने या अजीब स्थिति में खड़े होने के कारण आपकी मुद्रा खराब हो सकती है। खराब पोस्चर भी गर्दन और कंधे में तेज दर्द का एक कारण हो सकता है।
  • मांसपेशियों में तनाव: - गर्दन और कंधों में मांसपेशियों की तनाव से गर्दन और सर्वाइकल दर्द हो सकता है। मांसपेशियों में तनाव अत्यधिक स्ट्रेस, चिंता या मांसपेशियों के अत्यधिक उपयोग के कारण हो सकता है ।
  • व्हिपलैश: - व्हिपलैश एक चोट है जो तब होती है जब आपका सिर अचानक तेज़ गति से आगे या पीछे हिलता है। इससे गर्दन और सर्वाइकल दर्द, गर्दन में अकड़न, और सीमित मूवमेंट हो सकती है।
  • स्पाइनल डिस्क हर्निएशन: - किसी व्यक्ति में एक हर्नियेटेड डिस्क तब होती है जब कशेरुकाओं (vertebrae) के बीच की डिस्क में से एक अपनी जगह से हिल जाती है या बाहर निकल जाती है। इस स्थिति में आसपास की नसों पर दबाव पड़ता है, जिससे गर्दन और सर्वाइकल दर्द की समस्या हो सकती है।
  • ऑस्टियोआर्थराइटिस: - ऑस्टियोआर्थराइटिस समय के साथ हड्डियों में होने वाला क्षय रोग है जो गर्दन और कंधों में दर्द, अकड़न, और सीमित गति का कारण हो सकता है।

 

गर्दन और सर्वाइकल दर्द के लक्षण

 

कारण के आधार पर गर्दन और सर्वाइकल दर्द के लक्षण व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं। सामान्य लक्षणों में कुछ निम्न हैं:

  • दर्द: व्यक्ति में गर्दन और कंधों में दर्द हल्के से गंभीर तक हो सकता है। यह एक सीमित स्थान पर महसूस हो सकता है या पूरे गर्दन और कंधों में फैल सकता है।
  • अकड़न: गर्दन और कंधों में अकड़न की वजह से सिर को घुमाने या मोड़ने में दिक़्क़त आ सकती है।
  • सीमित मूवमेंट: गर्दन या कंधों में सीमित मूवमेंट होने से सिर घुमाने या मोड़ने में दिक़्क़त आती है।
  • सून्नापन या झनझनाहट: गर्दन और कंधों में सून्नापन या झनझनाहट नसों पर दबाव का एक संकेत हो सकता है।
  • कमजोरी: गर्दन और कंधों की मांसपेशियों में कमजोरी होने से भारी वस्तुओं को ज़मीन से उठाने या किसी वस्तु को उठाये रखने में कठिनाई हो सकती है।
  • सिरदर्द: सिर में दर्द सर्वाइकल दर्द का एक लक्षण हो सकता है। सिर में दर्द के कारण गर्दन और कंधे में भी दर्द महसूस हो सकता है।

 

गर्दन और सर्वाइकल दर्द का उपचार

 

गर्दन और सर्वाइकल दर्द के विभिन्न उपचार तरीके हैं, जो मुख्यतः दर्द के कारण पर निर्भर करते हैं। कुछ सामान्य उपाय निम्न हैं:

  • दवा: ओवर-द-काउंटर या प्रिस्क्रिप्शन दवाएँ सर्वाइकल दर्द और सूजन को कम करने में मदद करती हैं।
  • फ़िज़ियोथेरेपी: एक फिजियोथैरेपिस्टआपको विभिन्न व्यायाम और स्ट्रेचिंग सिखा सकता है जो गर्दन और सर्वाइकल दर्द को कम करने में मदद करती हैं। फ़िज़ियोथेरेपी गर्दन दर्द से राहत दिलाने में बहुत मदद कर सकती है।
  • सर्जरी: कुछ मामलों में, हर्निएटेड डिस्क या अन्य चिकित्सा स्थिति को ठीक करने के लिए डॉक्टर सर्जरी की सलाह दे सकते हैं। सर्जरी के बाद, आपको गर्दन दर्द में काफ़ी राहत मिलेगी।

 

गैर-सर्जिकल उपचार

यदि आपका गर्दन और सर्वाइकल दर्द गंभीर नहीं है, तो कई गैर-सर्जिकल उपचार आपके दर्द को कम करने में लाभदायक हो सकते हैं। इनमें से कुछ मुख्य उपाय निम्नलिखित हैं:

  • गर्म या ठंडे की सिकाई: प्रभावित क्षेत्र पर गर्म या ठंडा लगाने से दर्द और सूजन में आराम मिलता है।
  • मालिश: मालिश करने से गर्दन और कंधों की मांसपेशियों को आराम मिलता है, जिसके फलस्वरूप दर्द और अकड़न में राहत मिलती है।
  • ट्रान्सक्यूटेनियस इलेक्ट्रिकल नर्व स्टिम्यूलेशन (TENS): इस थेरेपी में विधुत तरंगों के उपयोग से सर्वाइकल दर्द को कम करने में मदद करती है।
  • एक्यूपंक्चर: एक्यूपंक्चर एक पारंपरिक चीनी चिकित्सा तकनीक है जिसमें पतली सुईयों को त्वचा में डाली जाती है। यह तकनीक शरीर में संतुलन को पुनः स्थापित करने और गर्दन दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है।

 

गर्दन और सर्वाइकल दर्द के लिए स्ट्रेच और व्यायाम

 

स्ट्रेचिंग और व्यायाम से गर्दन और कंधों में तनाव कम होता है और गतिविधि में सुधार होता है। नीचे बताए कुछ स्ट्रेच और व्यायाम से सर्वाइकल दर्द में राहत मिलती है:

  • नेक सर्किल: धीरे-धीरे अपना सिर क्लॉकवाइज़ और एंटी-क्लॉकवाइज़ दिशा में गोल घुमाएँ।
  • शोल्डर श्रग्स: अपने कंधों को ऊपर और नीचे और अगल-बगल से सिकोड़ें।
  • गर्दन को झुकाएँ: अपना सिर एक ओर झुकाएँ और कुछ सेकंड के लिए इसी मुद्रा में रहें। यही प्रक्रिया दूसरी ओर दोहराएँ।
  • गर्दन को स्ट्रेच करें: अपना सिर एक तरफ़ झुकाएँ और अपनी हाथ से सिर को कंधे की ओर खींचें। इस मुद्रा में कुछ सेकंड के लिए रुकें और यही प्रक्रिया दूसरी ओर भी दोहराएँ।
  • बांह और कंधे को स्ट्रेच करें: अपने हाथों को सिर से ऊपर ले जाएँ और धीरे-धीरे पीछे की तरफ़ खींचें। कुछ सेकंड के लिए इसी मुद्रा में रुके, प्रारंभिक पोज़ में आयें, और इस प्रक्रिया को दुबारा दोहराएँ।

 

गर्दन और सर्वाइकल दर्द के लिए वैकल्पिक उपचार

 

यदि आप गर्दन और सर्वाइकल दर्द के लिए वैकल्पिक उपचार ढूंढ़ रहे हैं, तो कई विकल्प उपलब्ध होते हैं, जिनमें से कुछ मुख्य निम्नलिखित हैं:

  • योग: योग गर्दन और कंधों की मांसपेशियों के लचीलापन में सुधार और तनाव कम करने में मदद कर सकता है।
  • किरोप्रैक्टिक देखभाल: किरोप्रैक्टिक देखभाल स्पाइन को वापिस सीध में लाने में मदद कर सकता है और सर्वाइकल दर्द को कम कर सकता है।
  • जड़ी-बूटी उपचार: हर्बल उपचार जैसे हल्दी और अदरक के उपयोग से दर्द और सूजन को कम करने में मदद मिल सकती है।
  • अरोमाथेरेपी: अरोमाथेरेपीमें आवश्यक तेलों का उपयोग स्ट्रेस और मांसपेशियों में तनाव को कम करने के लिए किया जाता है।

 

गर्दन और सर्वाइकल दर्द के लिए घरेलू उपचार

 

कुछ घरेलू उपचार गर्दन और सर्वाइकल दर्द को कम करने में मदद करते हैं। इनमें से कुछ मुख्य निम्न हैं:

  • आराम करना: पर्याप्त आराम करने से दर्द और सूजन कम हो सकती है।
  • ठंडे और गर्म की सिकाई: प्रभावित क्षेत्र पर आइस या हॉट पैक लगाने से दर्द और सूजन में कमी होती है।
  • पोस्चर: एक अच्छी पोस्चर बनाए रखने से गर्दन और कंधों पर अतिरिक्त दबाव कम होता है। एक अच्छा पोस्चर वह होता है जिसमें आप जब खड़े होते हैं तब आपका सिर, पेट और ठुड्डी एक सीधी रेखा में रहते हैं।
  • इर्गोनॉमिक्स: अपने कार्यस्थल को इर्गोनॉमिक बनाने से गर्दन और कंधों पर दबाव कम होता है और सर्वाइकल दर्द में कमी आती है।
  • तनाव को नियंत्रित रखना: तनाव गर्दन और सर्वाइकल दर्द को बढ़ाता है, इसलिए अपने तनाव को नियंत्रित करने के उपाय अपनाएँ।

 

सारांश

गर्दन और सर्वाइकल दर्द कई बार बहुत असहज और दर्दनाक हो सकता है। आपके दर्द को कम करने के लिए कई उपचार विकल्प उपलब्ध हैं। इनमें दवाएँ, फिजिकल थेरेपी, स्ट्रेच और व्यायाम, वैकल्पिक उपचार और घरेलू उपचार शामिल हैं। यदि इन विकल्पों के बाद भी आप गर्दन और सर्वाइकल दर्द का सामना कर रहे हैं, तो आपको एक ऑर्थोपेडिक के साथ संपर्क करना चाहिए।

Medanta Medical Team
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