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कैंसर के बारे में 5 तथ्य जिनके बारे में आपको जानकारी नहीं है

हालांकि कैंसर एक बहुत विवादास्पद और शोध किया जाने वाला विषय है, फिर भी कुछ तथ्य ऐसे हैं जिनका पता अभी चलना बाक़ी है। कैंसर बस एक बीमारी नहीं है, बल्कि बीमारियों का एक समूह होता है, जिसमें असामान्य कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि और प्रसार देखा जाता है। कैंसर के 100 से अधिक प्रकार होते हैं, जो मानव शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकते हैं।

 

आपको शायद यह जानते होंगे कि धूम्रपान, शराब और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों का अत्यधिक सेवन, और शारीरिक गतिविधि की कमी जैसी कुछ आदतें कैंसर का खतरा बढ़ा सकती हैं, लेकिन कैंसर का असली कारण अभी तक अज्ञात है। कैंसर किसी व्यक्ति में कुछ स्पष्ट संकेतों के साथ या कभी-कभी बिना लक्षणों के भी हो सकता है। इसलिए अपने शरीर में किसी भी असामान्य वृद्धि पर नज़र रखने के लिए नियमित स्क्रीनिंग करवाना महत्वपूर्ण है।

 

नीचे कैंसर के बारे में कुछ तथ्य हैं जिनके बारे में आप शायद नहीं जानते होंगे।

 

  1. कैंसर संक्रामक बीमारी नहीं है 

कैंसर को संक्रामक या संचारणीय बीमारी के रूप में नहीं माना जाता है। यह छूने, चूमने, यौन संबंध बनाने, भोजन साझा करके या एक ही हवा में सांस लेकर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैल सकता है। कुछ विशेष अपवादों को छोड़कर, जैसे कि अंग प्रत्यारोपण और मां से भ्रूण का संचरण, अधिकांश मामलों में प्रतिरक्षा प्रणाली विदेशी कोशिकाओं (इसमें किसी दूसरे व्यक्ति की कैंसर कोशिकाओं) को पहचान लेगी और उन्हें नष्ट कर देगी।

 

हालांकि, कुछ फैलने वाले (transmittable) संक्रमण कैंसर विकसित होने के खतरे को बढ़ा सकते हैं। उदाहरण के लिए, ह्यूमन पैपिलोमावायरस सर्वाइकल कैंसर का कारण बन सकता है, हेपेटाइटिस बी या हेपेटाइटिस सी लिवर के कैंसर का कारण बन सकते हैं और हेलिकोबैक्टर पाइलोरी बैक्टीरिया पेट के कैंसर का कारण बन सकता है। इसके अलावा, कैंसर परिवार में पीढ़ी दर पीढ़ी भी चल सकता है, लेकिन यह प्रसारित होने की बजाय जेनेटिक गुणों या कैंसर के खतरे को बढ़ाने वाले सामान्य कारकों से संबंधित है।

 

  1. सभी ट्यूमर कैंसरीय नहीं होते हैं

एक ट्यूमर असामान्य कोशिकाओं की एक असामान्य गांठ या वृद्धि होती है। जब ट्यूमर की कोशिकाएँ सामान्य होती हैं और प्रसारित नहीं होती हैं (अनियंत्रित रूप से फैलती नहीं हैं), तो ट्यूमर बिनाइन होता है। वही दूसरी तरफ़, अगर ट्यूमर में कोशिकाएँ असामान्य होती हैं और अनियंत्रित रूप से बढ़ती हैं, तो वे कैंसरीय होती हैं और ट्यूमर मैलीग्नेंट होता है। यह तय करने के लिए कि ट्यूमर बिनाइन है या मैलीग्नेंट, डॉक्टर कोशिकाओं का एक नमूना लेते हैं और उसे बायोप्सी के लिए प्रयोगशाला में भेज सकते हैं। नतीजा देने से पहले, कोशिकाओं का नमूना किसी पैथोलॉजिस्ट द्वारा विश्लेषित किया जाता है।

 

बिनाइन ट्यूमर आमतौर पर कोई हानि या लक्षण पैदा नहीं करते हैं। हालांकि, कुछ बिनाइन ट्यूमर अगर ऊतकों, तंत्रिकाओं या रक्त वाहिकाओं पर दबाव डालते हैं और उन्हें क्षति पहुँचा रहे हों, तो वे चिंता का कारण हो सकते हैं।  समस्याग्रस्त बिनाइन ट्यूमर के उदाहरण में अंडाशय में फाइब्रॉएड और सिस्ट, मस्तिष्क ट्यूमर और पॉलीप्स शामिल हैं। इन ट्यूमर को निकालने के लिए सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है, और एक बार निकाल लिए जाने के बाद वे फिर से नहीं बनते हैं।

 

हालांकि ट्यूमर कैंसर के एक सामान्य संकेत होते हैं, कुछ कैंसर में ऐसे कोई ट्यूमर जैसी वृद्धियाँ उत्पन्न नहीं होती हैं, जैसे रक्त कैंसर या ल्यूकेमिया के मामले में। इस तरह के कैंसर में ठोस ट्यूमर का निर्माण नहीं होता है। कैंसर कोशिकाएँ रक्तप्रवाह या लिम्फ नोड्स के माध्यम से शरीर में आगे बढ़ती हैं, जहां वे शरीर के अन्य ऊतकों में फैल सकती हैं। कैंसर शरीर के किसी भी हिस्से में, जैसे कि स्तन, आंत, फेफड़ों, प्रजनन अंग, रक्त और त्वचा में उत्पन्न हो सकता है।

 

  1. कैंसर बालों के झड़ने का कारण होता है

हालांकि कैंसर आमतौर पर बालों के झड़ने का कारण नहीं होता, बल्कि कैंसर के उपचार का एक दुष्परिणाम होता है। कैंसर की तेज़ी से बढ़ने वाली कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी का उपयोग किया जाता है, लेकिन इस प्रक्रिया में स्वस्थ कोशिकाएँ भी नष्ट हो जाती हैं। कीमोथेरेपी के अन्य दुष्प्रभावों में संक्रमण का उच्च खतरा, मुँह में छाले और दस्त भी शामिल हैं।

 

बालों के रोम शरीर में सबसे तेजी से बढ़ने वाली कोशिकाओं में से एक होते हैं। एक स्वस्थ व्यक्ति के बाल के रोम हर 23 से 72 घंटों में विभाजित होते हैं। लेकिन अगर कोई व्यक्ति कीमोथेरेपी से गुजर रहा है, तो यह उपचार बाल के रोमों के खिलाफ काम करता है, जिससे बाल झड़ने लग जाते हैं। कुछ कीमोथेरेपी दवाएँ सिर्फ़ सिर के बालों को ही नहीं प्रभावित करती हैं, बल्कि वे भौंहों और आँखों की पलकों को, योनि के बालों को, और पैरों, हाथों, या बगलों के बालों के झड़ने का कारण भी बन सकती हैं।

 

बालों के झड़ने की मात्रा इस बात पर निर्भर करती है कि कितनी देर तक और कौन सी दवाएँ या उपचार का कौनसा प्रकार उपयोग किया जा रहा है। इस कारण से, कई रोगी अपने बालों के झड़ने की शुरुआत होते ही अपने सिर पूरी तरह से मुंडवाने का विकल्प भी चुनते हैं। बालों का दुबारा उगना कीमोथेरेपी के करीब 1 से 3 महीने के बाद देखा जाता है। आमतौर पर आपके बालों को पूरी तरह से दोबारा उगने में लगभग 6 से 12 महीने का समय लग जाता है।

 

  1. वैकल्पिक उपचार कैंसर को ठीक नहीं करते हैं

वैकल्पिक चिकित्सा उपचार जैसे कि एक्यूपंक्चर, मालिश, और कुछ हर्बल दवाएँ पूरक तरीकों के रूप में उपयोग सकते हैं, जो रोगियों को कैंसर उपचार के दुष्प्रभावों से निपटने में मदद कर सकते हैं। कुछ जड़ी बूटियाँ, जब पारंपरिक उपचार के साथ दी जाती हैं, तो लोगों को लंबे समय तक जीवन जीने में मदद कर सकती हैं, दुष्प्रभावों को कम कर सकती हैं, और कैंसर के फिर से उत्पन्न होने के खतरे को कम कर सकती हैं। हालांकि, उन्हें कैंसर के उपचार के एकमात्र समाधान के रूप में प्रयोग करने का सबूत नहीं प्राप्त हुआ है। इनके कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। कुछ मामलों में, वे जोखिमपूर्ण हो सकते हैं और उन्हें डॉक्टर के मार्गदर्शन में ही प्रयोग किया जाना चाहिए।

 

  1. कैंसर मौत का फैसला नहीं होता है

कैंसर की पहचान और उपचार में हुई तकनीकी प्रगतियों ने अधिकांश प्रकार के कैंसर के लिए जीवित रहने की दर को बढ़ा दिया है। पूरी दुनिया में 28 मिलियन कैंसर से बचे लोग हैं, जिनमें से कई व्यक्ति कैंसर के अपने प्रारंभिक निदान के बाद पांच वर्ष या उससे अधिक समय तक जीवित रहे हैं। यदि इन्हें जल्दी पहचान लिया जाता है, तो स्तन, गर्भाशय ग्रीवा, कोलोन, मलाशय, मुँह, और त्वचा के कैंसर का समय पर उपचार किया जा सकता है और उन्हें आगे फैलने से रोका जा सकता है। 

 

इसलिए, यदि आपको यह लगता है कि आपमें कैंसर होने का खतरा है, तो अपना नियमित कैंसर स्क्रीनिंग परीक्षण करवाएं और अपने बचाव के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं। अपने डॉक्टर से संपर्क करें और उन स्क्रीनिंग परीक्षणों के बारे में जानें जो आपके लिए उपयुक्त हों।

 

This blog is a Hindi version of an English-written Blog - 5 Facts You Didn’t Know About Cancer

Medanta Medical Team
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