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कार्डिएक अरेस्ट: कारण, संकेत और लक्षण

कार्डिएक अरेस्ट एक चिकित्सा आपातकालीन स्थिति है जिसमे व्यक्ति का दिल अचानक से धड़कना बंद कर देता है, इसलिए इसे सडन कार्डियक अरेस्ट भी कहते हैं। यदि मस्तिष्क और अन्य अंगों को रक्त की आपूर्ति में कमी का तुरंत उपचार नहीं किया जाता है, तो व्यक्ति बेहोश हो सकता है, विकलांगता आ सकती है, या शायद उसकी मृत्यु भी हो सकती है। जब हृदय अचानक और अप्रत्याशित रूप से रक्त पंप करना बंद कर देता है, तो व्यक्ति में कार्डियक अरेस्ट होता है। और इसकी वजह से मस्तिष्क और अन्य अंगों को रक्त की आपूर्ति में कमी या पूर्ण अवरोध आ सकता है। कुछ अर्यथमिया (arrhythmias), जिनमें ह्रदय से शरीर में रक्त आपूर्ति पूर्णतः बंद हो जाती है, कार्डियक अरेस्ट के कारण बन सकते हैं ।

 

कार्डिएक अरेस्ट के कारण क्या हैं?

 

ह्रदय की बीमारी कि वजह से कार्डियक अरेस्ट होना एक आम कारण है। कई बार यह भी संभव है की कार्डियक अरेस्ट बिना किसी चेतावनी के व्यक्ति में अचानक से आ जाये। कार्डिएक अरेस्ट के निम्न कारण मुख्य हैं:

 

        • अर्यथमिया (arrhythmias) और वेंट्रिकुलर फिब्रिलेशन (ventricular fibrillation): हृदय में विद्युत संकेत खराब होने की वजह से अनियमित दिल की धड़कन या अर्यथमिया होता है। वेंट्रिकुलर फिब्रिलेशन, अर्यथमिया का एक प्रकार है, जो की कार्डियक अरेस्ट का मुख्य कारण है। वेंट्रिकुलर फिब्रिलेशन में तेज़ दिल की धड़कन, हृदय के कांपने का कारण बनती है।
        • सामान्य से बढ़ा हुआ दिल या कार्डियोमायोपैथी: इस स्थिति में हृदय की मांसपेशी फैलती या मोटी हो जाती है, जिससे हृदय का संकुचन असामान्य होता है।
        • कोरोनरी धमनी रोग: इस ह्रदय रोग में कोरोनरी धमनियों में प्लाक का निर्माण उन्हें मोटा और संकीर्ण कर देता है, जिससे हृदय में खून का प्रवाह कम हो जाता है। यदि अनुपचारित छोड़ दिया जाए तो कोरोनरी धमनी रोग हार्ट फेलियर या अर्यथमिया का कारण बन सकती है जिसके परिणामस्वरूप कार्डियक अरेस्ट भी हो सकता है।

 

कार्डियक अरेस्ट के अन्य कारण निम्न हो सकते है:

 

        • अत्यधिक रक्त की हानि
        • वाल्वुलर हार्ट डिजीस
        • ऑक्सीजन की कमी
        • मैग्नीशियम और पोटेशियम के स्तर में वृद्धि

 

कार्डियक अरेस्ट की पहचान कैसे करें?

 

कई बार कार्डियक अरेस्ट बिना किसी लक्षण के भी व्यक्ति में हो सकता है। अगर किसी व्यक्ति में निम्न में से कुछ लक्षण मौजूद हो तो मतलब कार्डियक अरेस्ट हो सकता है:

 

        • अगर व्यक्ति अचानक बेहोश हो जाता है
        • अगर कोई अचानक गिर जाता है
        • अगर  सांस नहीं ले कोईपा रहा है, सांस लेने में दिक़्क़त हो रही हो, या हवा के लिए हांफ रहा है।
        • व्यक्ति को हिलाने या बुलाने पर भी आपको कोई प्रतिक्रिया नहीं देता
        • अगर आपको कोई पल्स नहीं महसूस हो रही है
        • थकान महसूस होना
        • चक्कर आना
        • सांस लेने में कठिनाई होना
        • जी मिचलाना
        • छाती में दर्द
        • स्पंदन या पलपिटेशन (तेज़ दिल की धड़कन)
        • होश खो देना

 

कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक में क्या अंतर है?

 

भले ही इनको समानार्थक रूप से उपयोग किया जाता है, लेकिन कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक दो अलग-अलग हृदय विकार हैं। धमनियों में रुकावट होने से हृदय में पर्याप्त रक्त नहीं पहुँच पाता जिससे व्यक्ति में दिल का दौरा (heart attack) आता है। ऑक्सीजन और रक्त की कमी के कारण हृदय की मांसपेशियाँ खराब हो सकती हैं। दिल का दौरा, दिल में विद्युत संकेतों को बदल सकते हैं, जिससे व्यक्ति में कार्डियक अरेस्ट का जोखिम बढ़ सकता हैं। जब कोई अन्य हृदय रोग मौजूद ना हो तो यह मुमकिन है कि दिल का दौरा पड़ने से व्यक्ति में कार्डियक अरेस्ट हो।

 

कार्डियक अरेस्ट में क्या करें?

 

जब किसी को कार्डियक अरेस्ट हो तो सबसे महत्वपूर्ण है की आप आपातकालीन सुविधा को तुरंत फ़ोन करें और कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (CPR) शुरू करें। कार्डियक अरेस्ट एक चिकित्सा आपातक़ालीन स्थिति है जिसका जल्दी इलाज न किया जाए तो यह जानलेवा हो सकती है। सीपीआर या कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन में रेस्क्यू ब्रीदिंग देने के साथ-साथ छाती को दबाया जाता है। सीपीआर फेफड़ों में ऑक्सीजन पहुंचाता है और ऑक्सीजन युक्त रक्त को तब तक प्रसारित करता है जब तक कि साँस सामान्य न हो और दिल की धड़कन ठीक नहीं हो जाती। सीपीआर करने का तरीका आने से आप दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकते है। एक चिकित्सा आपातकालीन टीम कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (CPR) और डीफिब्रिलेशन के उपयोग इलाज में कर सकती है। डिफिब्रिलेटर द्वारा छाती की दीवार के माध्यम से बिजली के झटके का उपयोग करके वेंट्रिकुलर फिब्रिलेशन का इलाज किया जाता है।

 

This blog is a Hindi version of an English-written blog - Cardiac arrest: causes, signs, and symptoms

 

Dr. Avinash Kumar Singh
Cardiac Care
Meet The Doctor
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