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क्या आप कमर के दर्द से परेशान है? आइये पता करें इसका क्या कारण हो सकता है?

लैंसेट पत्रिका द्वारा प्रकाशित एक हालिया अध्ययन में बताया है कि दुनिया भर में 540 मिलियन से अधिक लोगों को पीठ के निचले हिस्से में दर्द की शिकायत है। भारतीयों में विकलांगता का यह चौथा प्रमुख कारण है। 

 

क्या आप कमर दर्द के नीचे दिये चेतावनी संकेतों को नजरअंदाज कर रहे हैं?

 

कमर का साधारण दर्द किसी अंतर्निहित बीमारी का चेतावनी लक्षण हो सकता है। उदाहरण के लिए, अमिताभ बच्चन को नियमित रूप से पीठ के निचले हिस्से में दर्द था, जिन्हें उन्होंने सामान्य कमर दर्द समझ लिया था, जबकि उन्हें स्पाइनल ट्यूबरकुलोसिस था। इसी तरह क्या आप भी पीठ के निचले हिस्से में दर्द के किसी भी चेतावनी संकेत से चूक रहे हैं?

 

  • रेडिएटिंग दर्द: आपकी पीठ का दर्द आपके पैर के आगे, किनारों पर या पीछे की ओर फैल सकता है।
  • बिगड़ता दर्द: आपकी पीठ का दर्द समय के साथ और खराब होता जाता है।
  • रात को दर्द: आपकी पीठ के निचले हिस्से में दर्द रात में अधिक हो जाता है।
  • कमजोरी या सुन्नापन आना: आपको पैर के एक हिस्से में कमजोरी या सुन्नापन महसूस हो रहा है।

 

यदि आप ऊपर दिये गये लक्षणों में से किसी का भी अनुभव कर रहे हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर से मिलें। वह पहले आपके पीठ दर्द के सही कारण का पता लगायेंगे और फिर कारक से संबंधित उचित इलाज विकल्पों के बारे में आपको जानकारी देंगे। 

 

आपको किस प्रकार का कमर दर्द है?

 

आपके कमर दर्द के विश्लेषित लक्षणों के आधार पर डॉक्टर सही उपचार निर्धारित करते हैं। दर्द के स्थान और संबंधित लक्षणों के आधार पर, कमर दर्द निम्न तीन प्रकार का हो सकता है:

 

  • अक्षीय (Axial) दर्द: यह सबसे आम प्रकार का पीठ के निचले हिस्से का दर्द है। अक्षीय दर्द को मैकेनिकल दर्द भी कहते है, और यह कमर के केवल एक हिस्से पर होता है। अक्षीय दर्द के लक्षणों में तेज या धीमा दर्द शामिल है जो बार-बार होता रहता है। एक्सियल पीठ दर्द का मुख्य कारण मांसपेशियों में खिंचाव होता है।
  • रेफ़र्ड दर्द: अधिकतर रेफ़र्ड दर्द एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाता है और इसकी तीव्रता अलग-अलग हो सकती है। इस दर्द के सामान्य लक्षणों में धीमा दर्द शामिल होता है। रेफ़र्ड दर्द का एक संभावित कारण डिजेनेरेटिव डिस्क भी है। यदि आपको ऐसे किसी लक्षण का अनुभव हो रहा है या कोई असुविधा महसूस हो रही है तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। 
  • रेडिकुलर दर्द: इसे सियाटिका या रेडिकुलोपैथी भी कहते है। यह दर्द रीढ़ की हड्डी के अलावा स्पाइनल तंत्रिकाओं के साथ इनके रास्ते में बढ़ता है। आमतौर पर व्यक्ति इस दर्द को बिजली के झटके की तरह बताता है। इसके होने के मुख्य कारणों में स्पाइनल रूट में दबाव या सूजन, हर्नियेटेड डिस्क, स्पाइनल स्टेनोसिस या स्पोंडिलोलिस्थीसिस शामिल हैं। 

 

पीठ में दर्द के क्या कारण हैं?

 

मनुष्यों में रीढ़ की हड्डी 33 हड्डियों, 23 डिस्क और 31 जोड़ी तंत्रिकाओं की एक संयुक्त संरचना होती है। इस जटिल संरचना में दर्द के कई कारण हो सकते हैं।

 

लगभग पीठ के निचले हिस्से में दर्द के 85% रोगी अपने पीठ दर्द के सही कारण को नहीं पहचान पाते। लेकिन आजकल एडवांस टेक्नोलॉजी जैसे डिजिटल स्पाइनल एनालिसिस प्रक्रिया द्वारा आप अपने पीठ के निचले हिस्से में दर्द के सटीक कारणों का पता लगा सकते हो। 

 

आइए पीठ के निचले हिस्से में दर्द के 5 सबसे आम कारणों के बारे में जानकारी लेते है:

 

  • ग़लत बैठनी की मुद्रा: - अधिकतर व्यक्ति हर दिन कम से कम 9 घंटे ऑफिस में बैठकर बिताता है। लगातार बैठने से आपकी रीढ़ पर दबाव 200% तक बढ़ जाता है और यह पीठ के निचले हिस्से में दर्द का एक कारण हो सकता है। 
  • मांसपेशियों के स्वास्थ्य का बिगड़ना: - रीढ़ की कोमल मांसपेशियां आपके शरीर के कुल वजन का लगभग 70% वजन सहन करती हैं। कुछ कारक जैसे शारीरिक व्यायाम की कमी, ग़लत बैठने की मुद्रा, पोषण की कमी, चोट और आनुवंशिक कारक मांसपेशियों के बिगड़ते स्वास्थ्य और क्षय का कारण बन सकते हैं। हालाँकि 85% पीठ दर्द का सफल उपचार किया जा सकता है, क्योंकि एक प्रशिक्षित डॉक्टर या फ़िज़ियोथेरपिस्ट द्वारा स्पाइन रिहैबिलिटेशन कार्यक्रम से आप की इन कोमल मांसपेशियों के ऊतकों को किसी भी उम्र में दुबारा पहले जैसा किया जा सकता है। 
  • डिस्क का डिजेनेरेशन: - रीढ़ की हड्डी में मौजूद डिस्क एक जेली जैसी संरचना होती है जो 80% पानी से बनी होती है। रीढ़ की हड्डी में टूट-फूट (wear and tear) से पीठ के निचले हिस्से में दर्द महसूस हो सकता है। डिस्क के डिजेनेरेशन के मुख्य कारणों में उम्र बढ़ना, टूट-फूट, पोषण की कमी, धूम्रपान, डीहाइड्रेशन शामिल होते हैं। अगर समय पर इस समस्या का पता चल जाए तो बिना सर्जरी के डिस्क डिजेनेरेशन का इलाज किया जा सकता है।
  • चोट: - पीठ की मांसपेशियों के फटने के कई कारणों में पीठ पर दबाव डालना, भारी सामान उठाना, या बार-बार आघात या चोट लगना, जिम में चोट लगना, या खेल के दौरान चोट लगना शामिल हैं, जो आपके पीठ दर्द का कारण बन सकता है। हमेशा दर्द निवारक दवा लेना पीठ दर्द का स्थायी समाधान नहीं होता, इसके बजाय आप कुछ घरेलू नुस्ख़े जैसे व्यायाम करने और अपनी मुद्रा को ठीक करने, अपनी पीठ को आराम देने और पौष्टिक आहार का सेवन करके अपनी स्थिति में सुधार कर सकते हैं। यदि समस्या फिर भी बनी रहती है, तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
  • तंत्रिकाओं पर लगातार दबाव: - कुछ कारक जैसे डिस्क में दबाव, हड्डी की संरचना, या कोमल ऊतकों में परिवर्तन आपकी रीढ़ की नसों पर दबाव डाल सकते हैं, जिससे आपकी पीठ में दर्द हो सकता है। अगर आपको कमर का दर्द आपकी बाहों और पैरों तक फैलता हुआ महसूस हो रहा है, तो तुरंत किसी स्पाइन स्पेशलिस्ट से परामर्श करें।

 

पीठ दर्द के कई ऐसे कारण जिनके बारे में आपको जानकारी नहीं है:

 

हर व्यक्ति में पीठ दर्द अलग-अलग तरह से अनुभव हो सकता है। कारणों से लक्षणों और उपचार की अवधि तक, आपका पीठ दर्द तीव्रता में अलग महसूस होगा। 

क्या आपको पता है कि रीढ़ की हड्डी में टूट-फूट (wear and tear) के अलावा भी कई ऐसे कारण होते हैं जो आपको पीठ दर्द का कारण बन सकते हैं

आइए पीठ दर्द के इन कारणों पर गौर करें जिन्हें आप नज़रअंदाज़ कर देते हैं या गलत समझ लेते हैं:

  • ज़ोर से छींकना: - एक बहुत ज़ोर की स्लिप्ड डिस्क, हर्निया, या दुर्लभ मामलों में, हाथ या पैरों में पक्षाघात (paralysis) का कारण बन सकती है। एक शक्तिशाली छींक डिस्क पर दबाव या झटका लगाकर आपकी रीढ़ की सेहत को प्रभावित कर सकती है। अगर आपको छींक आने के बाद कमर में दर्द महसूस हो रहा है तो इसे नजरअंदाज करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
  • आपका कमर दर्द आपके पैरों से जुड़ा हो सकता है:  - हमारा शरीर एक जटिल श्रृंखला की तरह होता है, जिसमें प्रत्येक हड्डी, जोड़ और मांसपेशियां एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं। यदि आपको कमर में दर्द हो रहा है, तो ऐसा आपके चलने के तरीके में आये बदलाव या जूतों में बदलाव के कारण भी हो सकता है। आपके चलने के तरीक़े में बदलाव आपके कमर से निचले शरीर की पूरी श्रृंखला को टखने से लेकर पीठ के निचले हिस्से तक प्रभावित करता है, जिससे परिणामस्वरूप आपको कमर दर्द होता है। 
  • मलेरिया की वजह से पीठ में दर्द:  - मानसून और मानसून के बाद के मौसम में संक्रमण और विभिन्न बीमारियाँ बहुत फैलती हैं। हाल ही में उत्तर प्रदेश राज्य ने मलेरिया के कई मामलों की सूचना दी हैइसलिए यदि आप या आपका कोई परिचित किसी मलेरिया के एपिडेमिक क्षेत्र से लौटें हैं और बुखार से पीड़ित है, तो मलेरिया की जाँच तुरंत करवायें। मतली और कमजोरी के साथ-साथ मलेरिया में आपको पीठ के निचले हिस्से में दर्द का भी अनुभव हो सकता है। 
  • निमोनिया:  - निमोनिया फेफड़ों में एक संक्रमण है जिसमें बलगम से भरी खांसी, बुखार, और उल्टी जैसे अन्य लक्षणों के साथ व्यक्ति को पीठ दर्द भी हो सकता है।
  • किडनी में पथरी:  - गुर्दे की पथरी में अक्सर आपको पीठ के बीच और पसलियों के आसपास खींची गई या तनी हुई मांसपेशियाँ या दर्द महसूस हो सकता है। यदि आपको तेज दर्द है और अचानक से बार-बार प्रकट होता है, तो यह सिर्फ पीठ दर्द से कहीं अधिक है। 
  • एंडोमेट्रियोसिस:  - एंडोमेट्रियोसिस में आपके गर्भाशय के अंदर की परत आपके गर्भाशय के बाहर के अंगों में भी बढ़ने लगती है, जिससे पेट और पीठ के निचले हिस्से में दर्द हो सकता है जो मासिक धर्म के दौरान तेज हो जाता है। 

 

कमर दर्द को कैसे नियंत्रित करें?

 

चाहे किसी भी कारण से पीठ के निचले हिस्से में दर्द हो, यह आपको परेशान कर सकता है। नीचे दिये गये 5 तरीक़ों से आप घर बैठे अपने पीठ के निचले हिस्से के दर्द को कम कर सकते हैं। हालांकि, यदि आपको दर्द फिर भी बना रहता है, तो जल्द से जल्द अपने डॉक्टर को दिखायें।

  • ठंडे और गर्म का सेक: चोट के बाद पहले 24-48 घंटों में बर्फ का सेक सूजन को कम करता है। फिर 48 घंटों के बाद, अगर आप चाहें तो गर्म का सेक कर सकते हो। हर सेक के बाद अपनी त्वचा को 20 मिनट का आराम दें।
  • अपना दैनिक कार्य करते रहें: कमर दर्द के दौरान अपना नियमित काम करो, जैसे बिस्तर बनाना, काम पर जाना और टहलने जाना। एक बार जब आपको दर्द में आराम लगें, तो अपनी पीठ को स्वस्थ रखने के लिए साइकिल चलाने, योग या एरोबिक्स जैसे व्यायाम करने की कोशिश करें।
  • स्ट्रेचिंग करें: पूरा दिन मेज़ और कुर्सी पर बैठे रहने से हमारी रीढ़ की हड्डी के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचता है। लगातार बैठने की बजे बीच-बीच में स्ट्रेच ब्रेक लें और पीछे की तरफ स्ट्रेच करने की कोशिश करें। अपने पैरों को भी बीच-बीच में थोड़ा हिलाते रहें।
  • कम हील पहनें: अपने 4 इंच के जूतों को फ्लैट या लो हील्स (1 इंच से कम) से बदलें। ऊँची एड़ी के जूते आपकी मुद्रा को अस्थिर बनाते हैं और आपकी निचली रीढ़ की हड्डी पर दबाव बढ़ाते हैं।
  • अपने मुद्रा में सुधार करें: भारी वस्तुओं को उठाते समय सावधान रहें। वस्तुओं को उठाते समय कमर से झुकें, बल्कि घुटनों से झुककर सामान उठायें।

 

खाने की आदतें जो पीठ दर्द में आराम करती हैं:

 

कई खाद्य पदार्थ सूजन को कम या बड़ा सकते हैं, जो कि पीठ दर्द का एक मुख्य कारण है। इसलिए जब आपको पीठ दर्द शुरू होता है, तो अपने ख़ान-पान में बदलाव करके आप इससे बचने में मदद कर सकते हैं। 

 

प्लांट-बेस्ड सूजन-रोधी आहार पीठ दर्द से राहत दिलाने और पीठ के स्वास्थ्य को सही रखने में मदद करता है। इनमें से कुछ फल और सब्ज़ियाँ जैसे गाजर, चुकंदर, शकरकंद, चेरी, जामुन, अंगूर और रेड वाइन, अनार, और तरबूज शामिल हैं। कुछ हर्ब और मसाले जैसे तुलसी, दालचीनी, अदरक, मेंहदी, लहसुन, करक्यूमिन, प्याज, अजवायन और हल्दी भी सूजन कम करने में मदद करते हैं। इसके अलावा, स्वस्थ हर्बल चाय और चाय (हरी, ऊलोंग और सफेद) का उपयोग करें। चिया और फ्लेक्स के बीज, विशेष रूप से जब ओमेगा-3 से भरपूर मछली जैसे सैल्मन, मैकेरल, सार्डिन और टूना के साथ खाया जाता है, तो पीठ दर्द कम करने में मदद मिल सकती है। 

 

ऊपर बताये गये नुस्ख़ों के अलावा, धूम्रपान छोड़ने की कोशिश करें और अपनी पीठ की सेहत को दुरुस्त रखने के लिए अपने वजन को भी नियंत्रित करें। 

Medanta Medical Team
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