एंटीबायोटिक के सामान्य दुष्प्रभाव निम्नलिखित हैं:
1. पाचन-संबंधी लक्षण: लगभग 10% लोगों को एंटीबायोटिक्स लेने से पाचन-संबंधी लक्षण महसूस हो सकते हैं। जिनमें से मुख्य लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:
2. एलर्जिक प्रतिक्रिया: एंटीबायोटिक्स लेने वाले 15 में से लगभग 1 व्यक्ति को एलर्जिक प्रतिक्रियाएँ हो सकती हैं। इन प्रतिक्रियाओं में त्वचा में मामूली छाले से लेकर गंभीर छाले, सूजन या सांस लेने में परेशानी आदि शामिल हो सकते हैं।
3. बहुत कम मामलों में, विशेष रूप से इंजेक्टेबल एंटीबायोटिक्स लेने के बाद, अनाफिलैक्टिक प्रतिक्रिया हो सकती है, जो कि एक गंभीर प्रकार की एलर्जिक प्रतिक्रिया होती है जो जानलेवा भी हो सकती है। यदि एंटीबॉयोटिक्स लेने के बाद निम्न में से कोई लक्षण विकसित हो तो तुरंत आपातकालीन सहायता से संपर्क करें:
4. डिफ़िज़ाइल दस्त: सी. डिफ़िसाइल एक बैक्टीरिया है जो आपके पाचन तंत्र को तब प्रभावित करता है जब एंटीबायोटिक्स आपके गट में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया को नष्ट कर देते हैं। वातावरण में उपस्थित दूषित सतह आपको संक्रमित कर सकता है ।
5. गट में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया को नष्ट होने के कारण फंगल संक्रमण
6. शराब के साथ अवांछित प्रतिक्रिया
कभी भी ख़ुद से साइड इफेक्ट्स महसूस होने पर एंटीबायोटिक्स लेना बंद न करें, जब तक लक्षण बहुत गंभीर न हों, और इन्हें बंद करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें। इसका कारण यह है कि जब आप एंटीबायोटिक्स के कोर्स के बीच में ही रोक देते हैं, तो यह एंटीबायोटिक रेजिस्टेंट बैक्टीरिया के विकास को प्रोत्साहित कर एक ओर गंभीर समस्या का कारण बन सकता है, जिसका इलाज करना कठिन होता है।
हम इंसानों की तरह ही बैक्टीरिया भी एक-दूसरे से जेनेटिक भिन्नता के माध्यम से अलग-अलग होते हैं। इसके साथ वे बहुत तेजी से बढ़ते भी हैं, जो एक बड़ी समस्या होती है। जब आप कुछ दिनों के लिए एंटीबायोटिक्स लेते हैं, तो सबसे पहले वे बैक्टीरिया नष्ट होते हैं जो एंटीबायोटिक के प्रति सबसे अधिक संवेदनशील होते हैं। लेकिन जब आप अपना एंटीबायोटिक कोर्स पूरा करते हैं, तो एंटीबायोटिक बैक्टीरिया लोड को इतना कम कर देता है कि आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली कोई भी बचे हुए एंटीबायोटिक रेजिस्टेंट बैक्टीरिया को विकसित होने का मौका नहीं देते, और उन्हें पहले ही संभाल लेती है।
जब आप एंटीबायोटिक कोर्स के बीच में ही छोड़ देते हैं, तो बैक्टीरियल लोड अभी भी आपके प्रतिरक्षा प्रणाली के संभलने की क्षमता के लिए बहुत ऊँचा होता है। इससे एंटीबायोटिक रेजिस्टेंट बैक्टीरिया काफ़ी मात्रा में वृद्धि करने लग जाते हैं जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करते हैं। यह एक गंभीर स्थिति हो सकती है, क्योंकि या तो ओर अधिक गंभीर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, या तो आपको संक्रमण से पूरी तरह से ठीक होने के लिए अधिक तीव्र एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग करना होगा, या आप संक्रमण से पूरी तरह ठीक नहीं हो पाएंगे।
आप जिन व्यक्तियों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है उनमें संक्रमण को फैला भी सकते हैं और यह उनके लिए जानलेवा हो सकता है।
यह आकर्षक हो सकता है, क्योंकि एंटीबायोटिक्स कई बीमारियों का एकल समाधान जैसा लगते हैं। लेकिन यह वास्तव में इतना सरल और सही नहीं है। एंटीबायोटिक को आवश्यकता और कारण के अनुसार सटीक डोज़ में दिया जाना चाहिए, जिसे शरीर सहन कर सके, इस मात्रा को उम्र और कभी-कभी शरीर के वजन के लिए अनुसार तय किया जाता है। यदि आप वाइरल संक्रमणों के उपचार के लिए एंटीबायोटिक लेते हैं, तो आपको कोई लाभ नहीं होता है, बल्कि केवल साइड इफेक्ट्स ही होते हैं। एंटीबायोटिक लेने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें। इससे आप न केवल खुद की मदद करेंगे, बल्कि इससे आप अपने आस-पास के लोगों की भी मदद करेंगे।
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