आँख आना (नेत्रश्लेष्मलाशोथ या कंजक्टिवाइटिस) के बारे में 10 अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
- 19 May 2023
- #आँख आना
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कंजक्टिवाइटिस शब्द सुनने पर हमें स्कूल के दिनों में लाल, पानी वाली आँखों की छवि ध्यान में आती है और इससे जुड़े कई कल्पित बातें भी ध्यान में आती हैं जैसे कि अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति को घूरते हैं जिसकी आँख गुलाबी है तो आपको भी कंजक्टिवाइटिस हो सकता है। सही जानकारी द्वारा आप अपने और अपने बच्चों में इस स्थिति से निपटने के लिए तैयार हो सकते हैं।
क्या आप गुलाबी आँख आना की समस्या से पीड़ित हैं? तो नीचे दिये गये प्रश्न कभी ना कभी आपके ज़हन में तो आये होंगे, आइए इनके बारे में विस्तृत जानकारी लेते है?
इसे 'पिंक आई' या 'सोर आइज़' भी कहते है, इस स्थिति में कंजंक्टिवा में सूजन आ जाती है। कंजंक्टिवा एक पतला ऊतक होता है जो आपके नेत्रगोलक (eye ball) और पलक के अंदरूनी हिस्से को ढकता है। इसमें एलर्जी, इरिटेंट, या संक्रमण के कारण सूजन आ सकती है, जिसके कारण इसकी छोटी लाल रक्त वाहिकाएं इसे गुलाबी या लाल रंग का दिखाई देती हैं।
वायरल कंजक्टिवाइटिस अधिकतर एक आँख को प्रभावित करता है और इसमें व्यक्ति की आँखों से पानी या एक हल्का डिस्चार्ज होता है। वहीं बैक्टीरियल कंजक्टिवाइटिस में, दोनों आंखें समान रूप से प्रभावित होती हैं और आँखों से निकलने वाला डिस्चार्ज गाढ़ा और हरा-पीला रंग का होता है। यदि आँखों में लाली एलर्जी के कारण होती है, तो आपको खुजली और लाली महसूस होगी। ऊपर दिये सभी सभी मामलों में, आप प्रकाश के प्रति संवेदना महसूस कर सकते हैं या आपको थोड़ा धुंधला नज़र आ सकता है।
एक एलर्जिक रिएक्शन की तरह, कंजक्टिवाइटिस भी पराग, धूल, प्रदूषण या कुछ प्रकार की आँखों में डाली जाने वाली दवाई या कांटैक्ट लैंस के कारण हो सकता है। कंजक्टिवाइटिस आपके आसपास मौजूद वातावरण में वायरल या बैक्टीरियल गतिविधि में वृद्धि के कारण हो सकता है, जो मानसून जैसे मौसम के दौरान बढ़ना एक आम घटना है। दोनों कारक बहुत ही संक्रामक हैं और संक्रमित व्यक्ति के आंखों के स्राव के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संपर्क से पीड़ित से दूसरे व्यक्ति में फैलते हैं।
कई बार कंजक्टिवाइटिस केमिकल इरिटेंट और एसटीडी जैसे दाद, क्लैमाइडिया और गोनोरिया के कारण भी हो सकता है।
किसी भी व्यक्ति को कंजक्टिवाइटिस हो सकता है, लेकिन बच्चे इसके प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं, क्योंकि स्कूल में, वे कई अन्य लोगों के संपर्क में ज़्यादा आते हैं।
ज़्यादातर यह 4 से 15 दिनों के बीच में ठीक हो जाता है, पर यह अवधि मुख्यतः वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण की तीव्रता और आप कितनी जल्दी उपचार शुरू करते हैं, इस पर निर्भर करती है।
हाँ, हालाँकि यह स्थिति गंभीर नहीं होती, लेकिन चिकित्सीय परामर्श करना आवश्यक होता है क्योंकि आँखों में सूजन किसी अन्य कारण से भी हो सकती है। यदि आपके नवजात शिशु में गुलाबी आंख है या यदि आपका संक्रमण 3 सप्ताह से अधिक तक उपस्थित है तो इन स्थितियों में आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
आपका डॉक्टर लक्षणों के आधार पर उपचार निर्धारित करेगा। आमतौर पर वायरल संक्रमण अपने आप कुछ दिनों में ठीक हो जाता है जबकि बैक्टीरियल संक्रमण के लिए डॉक्टर आपको एंटीबायोटिक आई ड्रॉप्स के उपयोग के लिए सलाह देंगे।
घर पर रहकर खूब आराम करें, ताकि आप जल्दी से ठीक हो सके। इसके साथ-साथ निम्न बातों का ध्यान रखें:
नहीं, ऐसा नहीं है कि एक बार कंजक्टिवाइटिस होने के बाद यह भविष्य में ना हो। संक्रामक कंजक्टिवाइटिस पैदा करने वाले बैक्टीरिया और वायरस कभी भी हमला कर सकते हैं और यह आपको दुबारा हो सकता है। इसलिए इससे बचाव के लिए अच्छी स्वच्छता सुनिश्चित करें और एलर्जी वाले मौसम में एलर्जी के अवांछित संपर्क में आने से बचें।
नहीं, और आपका डॉक्टर भी आपको यही बताएगा। आँखों में गुलाबीपन एक लक्षण है। यदि यह एक एलर्जी है, तो डॉक्टर आपको एंटीहिस्टामाइन लेने की सलाह देंगे। यदि यह एक बैक्टीरियल संक्रमण के कारण है तो एंटीबायोटिक दवाओं की आवश्यकता होगी (ध्यान दें कि यदि आपको वायरल कंजक्टिवाइटिस है तो एंटीबायोटिक दवाओं से कोई फायदा नहीं होगा)। यदि कंजक्टिवाइटिस हरपीज जैसे एसटीडी की वजह से है तो एक पूरी तरह से अलग उपचार नीति की ज़रूरत होगी।
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