Facebook Twitter instagram Youtube

फेफड़ों के कैंसर का निदान कैसे होता है?

फेफड़ों का कैंसर एक गंभीर बीमारी है जिसका समय पर और सही निदान बेहद महत्वपूर्ण है। फेफड़ों के कैंसर का शुरुआती पता लगाना इलाज की सफलता में अहम भूमिका निभाता है। डॉ. अरविंद कुमार, मेदांता गुरुग्राम के अनुसार, फेफड़ों के कैंसर के निदान के लिए कई प्रकार के परीक्षण और प्रक्रियाएं अपनाई जाती हैं।

फेफड़ों के कैंसर के निदान की प्रक्रिया

प्रारंभिक जांच: छाती का एक्स-रे

जब कोई रोगी खांसी या खांसी में खून आने की शिकायत लेकर आता है, तो सबसे पहला परीक्षण छाती का एक्स-रे (चेस्ट एक्स-रे) होता है। यह एक बुनियादी परीक्षण है जो फेफड़ों में किसी असामान्य स्थिति या पैच का संकेत दे सकता है।

विस्तृत परीक्षण: सीटी स्कैन

डॉ. कुमार बताते हैं कि अगला कदम छाती का सीटी स्कैन कराना होता है। यह एक्स-रे की तुलना में अधिक विस्तृत जानकारी प्रदान करता है। सीटी स्कैन से:

  • संदिग्ध क्षेत्र की पुष्टि होती है

  • बीमारी के विवरण का पता चलता है

  • छाती के अंदर की अन्य समस्याओं का भी पता लगता है

निर्णायक निदान: बायोप्सी

हालांकि, डॉ. अरविंद कुमार बार-बार इस बात पर जोर देते हैं कि फेफड़ों के कैंसर का अंतिम और निश्चित निदान न तो एक्स-रे से और न ही सीटी स्कैन से होता है। फेफड़ों के कैंसर का पक्का निदान केवल बायोप्सी के माध्यम से ही संभव है।

बायोप्सी में, संदिग्ध ऊतक का एक छोटा सा नमूना लिया जाता है और उसकी माइक्रोस्कोप के नीचे जांच की जाती है।

बायोप्सी के विभिन्न तरीके

डॉ. कुमार के अनुसार, बायोप्सी कई तरीकों से की जा सकती है:

  • सीटी-गाइडेड नीडल बायोप्सी: इसमें सीटी स्कैन की मदद से बाहर से सुई डालकर ऊतक का नमूना लिया जाता है।

  • ब्रोंकोस्कोपी: इस प्रक्रिया में नाक या मुंह के रास्ते एक पतली कैथेटर (ब्रोंकोस्कोप) डालकर फेफड़ों के ऊतक का नमूना लिया जाता है।

  • अन्य विधियां: कई अन्य तरीके भी हैं जिनके द्वारा अंदर के किसी अंग से ऊतक का नमूना लिया जा सकता है।

बायोप्सी से संबंधित भ्रांतियां

डॉ. अरविंद कुमार एक महत्वपूर्ण भ्रांति का भी उल्लेख करते हैं। कई लोगों में यह डर होता है कि अगर बायोप्सी कराई जाएगी, तो कैंसर फैल जाएगा। डॉ. कुमार स्पष्ट करते हैं कि:

  • बायोप्सी से कैंसर फैलने का कोई खतरा नहीं होता

  • बायोप्सी के बिना फेफड़ों के कैंसर का निश्चित निदान संभव नहीं है

  • निश्चित निदान के बिना उचित उपचार शुरू नहीं किया जा सकता

डॉ. कुमार के अनुसार, बायोप्सी फेफड़ों के कैंसर के निदान का एकमात्र विश्वसनीय तरीका है।

निष्कर्ष

फेफड़ों के कैंसर का सही और समय पर निदान उपचार की सफलता के लिए महत्वपूर्ण है। छाती का एक्स-रे और सीटी स्कैन प्रारंभिक संकेत दे सकते हैं, लेकिन अंतिम निदान केवल बायोप्सी के माध्यम से ही होता है। बायोप्सी से कैंसर फैलने का डर निराधार है, और यह प्रक्रिया उपचार शुरू करने के लिए आवश्यक है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न 

  1. फेफड़ों के कैंसर के प्रारंभिक लक्षण क्या हैं?

    फेफड़ों के कैंसर के प्रारंभिक लक्षणों में लगातार खांसी, खांसी में खून आना, सांस लेने में कठिनाई, छाती में दर्द, और बिना कारण वजन कम होना शामिल हो सकते हैं।

  2. क्या छाती का एक्स-रे फेफड़ों के कैंसर का निश्चित निदान कर सकता है?

    नहीं, छाती का एक्स-रे केवल एक प्रारंभिक जांच है जो फेफड़ों में असामान्यता का संकेत दे सकता है, लेकिन इससे फेफड़ों के कैंसर का निश्चित निदान नहीं होता है।

  3. सीटी स्कैन क्या दर्शाता है?

    सीटी स्कैन फेफड़ों की अधिक विस्तृत छवि प्रदान करता है, जिससे संदिग्ध क्षेत्रों की पहचान, उनका आकार, स्थान और अन्य अंगों पर प्रभाव का पता लगाया जा सकता है।

  4. क्या बायोप्सी दर्दनाक होती है?

    बायोप्सी के दौरान आमतौर पर स्थानीय एनेस्थेसिया का उपयोग किया जाता है, जिससे दर्द कम होता है। कुछ असुविधा हो सकती है, लेकिन अधिकांश रोगी इसे आसानी से सहन कर लेते हैं।

  5. क्या बायोप्सी से कैंसर फैल सकता है?

    नहीं, यह एक आम मिथक है। बायोप्सी से कैंसर फैलने का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इसके विपरीत, बायोप्सी फेफड़ों के कैंसर के सही निदान और उचित उपचार के लिए आवश्यक है।

    फेफड़ों के कैंसर के निदान के लिए कई प्रकार की बायोप्सी की जा सकती हैं, जिनमें सीटी-गाइडेड नीडल बायोप्सी, ब्रोंकोस्कोपिक बायोप्सी, एंडोब्रोंकियल अल्ट्रासाउंड-गाइडेड बायोप्सी, और सर्जिकल बायोप्सी शामिल हैं।

  6. निदान के बाद क्या होता है?

    निदान के बाद, कैंसर के प्रकार और स्टेज (चरण) के आधार पर उपचार योजना बनाई जाती है। उपचार में सर्जरी, रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी, टारगेटेड थेरेपी, या इम्यूनोथेरेपी शामिल हो सकते हैं।

  7. क्या फेफड़ों के कैंसर का शुरुआती निदान महत्वपूर्ण है?

    हां, फेफड़ों के कैंसर का शुरुआती निदान बेहद महत्वपूर्ण है। जितनी जल्दी निदान होता है, उपचार के विकल्प और सफलता की संभावना उतनी ही अधिक होती है।

  8. क्या फेफड़ों के कैंसर के अन्य परीक्षण भी होते हैं?

    हां, निदान प्रक्रिया में पोजिट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी (PET) स्कैन, मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (MRI), और खून के परीक्षण भी शामिल हो सकते हैं, जो कैंसर के प्रकार और फैलाव का आकलन करने में मदद करते हैं।

Dr. Arvind Kumar
Lung Transplant
Meet The Doctor View Profile
Back to top