पुरुषों में होने वाले हार्मोन असंतुलन के कुछ संकेत
पुरुषों में हार्मोनल असंतुलन होने की बहुत सी वजह हो सकती हैं जिसमें ख़राब जीवनशैली, खान-पान और व्यायाम ना करना मुख्य है। लेकिन एक पौष्टिक आहार और स्वस्थ जीवन शैली आपके हार्मोनस को नियंत्रित रखने में मदद कर सकते हैं।
अगर आपको अपने शरीर में चलने वाली रासायनिक क्रियाओं के बारे में जानकारी ना हो तो आपको शरीर में होने वाले हार्मोनल परिवर्तनों (hormonal imbalance) को नियंत्रित करना मुश्किल हो सकता है।
उम्र बढ़ने या ऐजिंग के साथ आपके शरीर के कार्य करने के तरीक़े, नींद के पैटर्न और ऊर्जा के स्तर में लगातार बदलाव आते है। अधिकांश लोगों को यह पता भी नहीं चलता कि ये परिवर्तन हार्मोनल असंतुलन के कारण होते हैं।
हार्मोनल असंतुलन क्या है?
अंतःस्रावी ग्रंथियां (endocrine glands) आपके शरीर में कुछ रसायन स्रावित करती है जिन्हें हॉर्मोन कहते है। हार्मोन आपके रक्तप्रवाह से शरीर के अंगों और ऊतकों (tissues) तक पहुचतें है जो विभिन्न कार्यों को पूरा करने में मदद करते हैं, जैसे:
- भूख और पाचन क्रिया
 - नींद
 - हृदयगति या दिल की धड़कन
 - यौन और प्रजनन क्षमता
 - शारीरिक विकास और वृद्धि
 - मनोदशा और तनाव (stress) का स्तर
 - शरीर का तापमान
 
हार्मोनल असंतुलन तब होता है जब आपके शरीर की ग्रंथियां बहुत अधिक या बहुत कम मात्रा में महत्वपूर्ण हार्मोन रक्त प्रवाह में स्रावित करती है। हालांकि यदाकदा की अनियमितता हानिकारक नहीं होती है, लेकिन एक बड़ा और लंबे समय तक असंतुलन आपके स्वास्थ्य पर गंभीर परिणाम डाल सकता है।
पुरुषों में हार्मोनल असंतुलन कितने प्रकार के होते हैं?
टेस्टोस्टेरोन के साथ कोर्टिसोल, इंसुलिन और थायराइड हार्मोन को प्रमुख पुरुष हार्मोन माना जाता है।इनमें से किसी भी हार्मोन में असंतुलन से पुरुषों में 4 प्रकार के हार्मोनल असंतुलन हो सकते हैं।
- एंड्रोपॉस (Andropause): सामान्य से कम टेस्टोस्टेरोन इस असंतुलन, एंड्रोपॉस का कारण होता है, जिसे पुरुष रजोनिवृत्ति के रूप में जाना जाता है।
 - एड्रिनल फटीग: कोर्टिसोल (तनाव हार्मोन) का निम्न स्तर एड्रिनल फटीग का मुख्य कारण होता है जो की अक्सर लंबे समय तक तनाव में रहने के कारण होता है।
 - हाइपोथायरायडिज्म: कम सक्रिय थायराइड ग्रंथि थायराइड हार्मोन का कम स्राव करती है जिससे व्यक्ति को हाइपोथायरायडिज्म हो सकता है।
 - हाइपरथायरायडिज्म: अतिसक्रिय थायरॉयड ग्रंथि थायराइड हार्मोन को अधिक उत्पादित करते है जिससे पाचन क्रिया असामान्य रूप से बढ़ सकती है। यदि ज़रूरत हो तो थायरॉयड ग्रंथि को शल्य चिकित्सा से हटाया जा सकता है।
 
हार्मोनल असंतुलन के क्या लक्षण हैं?
हर कोई अपने जीवन में कभी ना कभी हार्मोन में उतार-चढ़ाव का अनुभव करता है। यह तब होता है जब आपका एंडोक्राइन सिस्टम सही ढंग से काम नहीं कर रहा होता।
अंतःस्रावी ग्रंथियां (endocrine glands) रक्त में हार्मोन के उत्पादन, भंडारण, और स्राव के लिए जिम्मेदार होती हैं। सभी ग्रंथियां मिलकर हमारे शरीर के कार्यों के विभिन्न पहलुओं को नियंत्रित करती हैं, इनमें कुछ गड़बड़ होने पर कुछ लक्षण व्यक्ति को महसूस हो सकते है, जैसे:
- अचानक बिना किसी कारण के वजन कम होना
 - अत्यधिक पसीना आना
 - सोने में कठिनाई और सिर दर्द
 - गर्मी और ठंड के प्रति संवेदनशीलता में बदलाव
 - सूखी त्वचा या त्वचा पर चकत्ते (rashes)
 - दिल की धड़कन और रक्तचाप में परिवर्तन
 - चिड़चिड़ापन, चिंता, और अवसाद
 - अधिक प्यास लगना और बार-बार पेशाब आना
 - कमजोर और भंगुर (brittle) हड्डियाँ
 - बिना किसी कारण के हमेशा थकान महसूस होना
 
हार्मोनल असंतुलन के क्या कारण है?
पुरुषों में हार्मोनल असंतुलन के कई कारण हो सकते हैं, जिस्म से कुछ मुख्य कारण निम्न है:
- लंबे समय तक पुराना तनाव से ग्रसित रहना
 - टाइप 1 और टाइप 2 मधुमेह
 - हाइपरग्लेसेमिया और हाइपोग्लाइसीमिया
 - हाइपोथायरायडिज्म और हाइपरथायरायडिज्म
 - आहार और पोषण में कमी
 - अत्यधिक वजन होना, मोटा होना, या एनोरेक्सिक (कम भूख) होना
 - बर्थ कंट्रोल या हार्मोनल रिप्लेसमेंट दवाइयों का सेवन
 - स्टेरॉयड का अत्यधिक उपयोग
 - पिट्यूटरी ट्यूमर, बिनाइन ट्यूमर, अन्य कैंसर, और कैंसर का इलाज
 - कोर्टिसोल का उच्च या निम्न स्तर से होने वाले रोग (कुशिंग सिंड्रोम या एडिसन रोग)
 - आयोडीन की कमी
 - एंडोक्राइन ग्रंथि की चोट
 - हेरेडिटरी पैंक्रियाटाइटिस
 
हार्मोन असंतुलन को बिना किसी दवाई के संतुलित करने के 5 तरीके
हमारी ख़राब जीवनशैली, खान-पान और व्यायाम की अनियमित आदतों के कारण आज के समय में हार्मोनल असंतुलन होना आम बात है। हालांकि, नीचे दिये गये कुछ तरीक़ों को अपने दैनिक जीवन में अपनाने से आप अपने हार्मोन को संतुलित कर सकते है:
- अपने भोजन में उचित मात्र में प्रोटीन शामिल करें: प्रोटीन शरीर में ज़रूरी अमीनो एसिड बनाते हैं जो आपकी मांसपेशियों, त्वचा, और हड्डियों के स्वास्थ्य को अनुकुल बनाए रखने में मदद करते हैं। इसके अलावा, प्रोटीन भूख को नियंत्रित करने वाले दोनों हार्मोन घ्रेलिन और लेप्टिन के स्राव को प्रभावित करता है।
 - रोज़ व्यायाम करने की आदत डालें: दैनिक शारीरिक व्यायाम शरीर में इंसुलिन के स्तर को कम करने में मदद करता है और हार्मोन के स्राव को नियंत्रित करता है।
 - रिफाइंड शुगर और कार्ब्स का सेवन छोड़ दें: मधुमेह, मोटापा और अन्य बीमारियों के पैदा और बढ़ने की मूल वजह रिफाइंड शुगर और कार्ब्स का सेवन है। इसीलिए इन बीमारियों से बचने के लिए रिफाइंड शुगर और कार्ब्स का सेवन ना करें।
 - अपने तनाव को नियंत्रित करें: तनाव से दो हार्मोन कोर्टिसोल और एड्रेनालाईन का स्राव प्रभावित होता हैं। इसीलिए अपनी दिनचर्या में कुछ समय ऐसे काम करने के लिए निकाले जो आपके तनाव के स्तर को कम करने में मदद करें।
 - हेल्थी वसा का सेवन करें: उच्च गुणवत्ता वाले प्राकृतिक वसा जैसे वसायुक्त मछली, एवोकाडो, डार्क चॉकलेट, अंडे, और नट्स को अपनाये। ये वसा इंसुलिन रेजिस्टेंस और भूख को कम करता है और आपके हार्मोन को संतुलित रखता है।
 
एक पौष्टिक आहार और स्वस्थ जीवन शैली आपके हार्मोनस को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं। हालाँकि, अपने आहार और दैनिक दिनचर्या में परिवर्तन से पहले अपने डॉक्टर से चर्चा अवश्य करें।
                        



