थायरॉइड जागरूकता: समय पर निदान है कुंजी
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विश्व थायरॉइड दिवस का महत्व
हर साल 25 मई को हम विश्व थायरॉइड दिवस मनाते हैं। डॉ. राजेश राजपूत (मेदांता) के अनुसार, थायरॉइड फेडरेशन इंटरनेशनल ने 2007 में इस दिवस को मनाने का निर्णय लिया था। तब से, हर वर्ष 25 मई से लेकर एक सप्ताह तक ‘थायरॉइड सप्ताह’ के रूप में मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लोगों को थायरॉइड की बीमारियों के बारे में जागरूक करना है।
थायरॉइड रोग: एक वैश्विक चिंता
क्या आप जानते हैं?
पूरे विश्व में 1.6 बिलियन लोगों को थायरॉइड बीमारी का खतरा है
हर 8 में से 1 महिला को अपने जीवनकाल में थायरॉइड विकार विकसित होने का जोखिम है
केवल 1/3 नवजात शिशुओं का जन्म के समय थायरॉइड टेस्ट किया जाता है
दुनिया भर में लगभग 30,000 बच्चे ऐसे हैं जिनमें उचित तरीके से थायरॉइड बीमारी निदान नहीं हो पाता, जिसे हम ‘कॉन्जेनिटल हाइपोथायरॉयडिज्म’ कहते हैं। यह एक गंभीर स्थिति है।
थायरॉइड ग्रंथि क्या है?
डॉ. राजपूत समझाते हैं कि थायरॉइड एक तितली के आकार की एंडोक्राइन ग्रंथि है, जो गर्दन के आधार पर स्थित होती है। मधुमेह के बाद, थायरॉइड दूसरी सबसे आम एंडोक्राइन बीमारी है। थायरॉइड ग्रंथि से निकलने वाला हार्मोन हमारे शरीर मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है।
थायरॉइड विकार के प्रकार और लक्षण
थायरॉइड ग्रंथि के कम या ज्यादा काम करने की स्थिति में, रोगी को उपचार की आवश्यकता होती है। डॉ. राजपूत ने मुख्य दो प्रकार के थायरॉइड विकारों के बारे में बताया:
1. हाइपोथायरॉयडिज्म (अल्प-क्रियाशील थायरॉइड)
वजन बढ़ना
भूख कम हो जाना
ठंड ज्यादा लगना
त्वचा खुरदरी होना
शरीर में सुस्ती और थकान
2. हाइपरथायरॉयडिज्म (अति-क्रियाशील थायरॉइड)
अधिक भूख लगना
अधिक खाने के बावजूद वजन कम होना
दिल की धड़कन बढ़ना
हाथ-पैर कांपना
जल्दी चिड़चिड़ाहट होना
किसे थायरॉइड जांच करवानी चाहिए?
डॉ. राजपूत सलाह देते हैं कि:
जिस किसी के परिवार में थायरॉइड रोग का इतिहास है
गर्भवती महिलाएँ
इन सभी को अपना थायरॉइड टेस्ट अवश्य करवाना चाहिए।
समय पर निदान का महत्व
डॉ. राजपूत का संदेश स्पष्ट है: “दोस्तों याद रखें, आज हम उस संसार में जी रहे हैं जहां थायरॉइड की बीमारियों का समय पर निदान और पूरा उपचार उपलब्ध है, और इसको करके आप एक स्वस्थ जिंदगी बिता सकते हैं।”
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
क्या थायरॉइड रोग पूरी तरह से ठीक हो सकता है?
समय पर निदान और उचित उपचार से थायरॉइड रोगों को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है, जिससे स्वस्थ जीवन संभव है।
थायरॉइड रोग किन लोगों को अधिक प्रभावित करता है?
महिलाओं को अधिक जोखिम होता है, जहां हर 8 में से 1 महिला को जीवनकाल में थायरॉइड विकार होने का खतरा है।
क्या नवजात शिशुओं में थायरॉइड की जांच आवश्यक है?
हाँ, लेकिन वर्तमान में केवल 1/3 नवजात शिशुओं का ही जन्म के समय थायरॉइड परीक्षण किया जाता है।
थायरॉइड रोग के प्रमुख लक्षण क्या हैं?
हाइपोथायरॉयडिज्म में वजन बढ़ना, भूख कम होना, और सुस्ती, जबकि हाइपरथायरॉयडिज्म में अधिक भूख लगना, वजन कम होना, और चिड़चिड़ापन शामिल है।
विश्व थायरॉइड दिवस क्यों मनाया जाता है?
2007 में थायरॉइड फेडरेशन इंटरनेशनल द्वारा शुरू किया गया यह दिवस थायरॉइड रोगों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है।
This blog has been converted from the Youtube video- Thyroid Awareness: Early Diagnosis is the Key | Dr. Rajesh Rajput | Medanta