डेंगू: लक्षण और गंभीरता

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डॉ. सुशीला कटारिया | मेदांता हॉस्पिटल, गुरुग्राम
डॉ. सुशीला कटारिया बताती हैं कि मानसून के आते ही जहां मौसम बहुत खुशनुमा हो जाता है, वहीं साथ-साथ कई सारी बीमारियां भी आती हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण बीमारी है डेंगू, जिसके बारे में डॉ. कटारिया विस्तार से जानकारी देती हैं।
डॉ. कटारिया के अनुसार, डेंगू एक वायरल संक्रमण है जो डेंगू नाम के वायरस से होता है। इस वायरस के चार प्रकार हैं - टाइप 1, 2, 3 और 4। यह एक वेक्टर बोर्न बीमारी है, जिसका अर्थ है कि इसके प्रसार के लिए एक माध्यम की आवश्यकता होती है, जैसे मच्छर।
डॉ. कटारिया बताती हैं कि डेंगू का प्रसार एडीस इजिप्टी नामक मच्छर के काटने से होता है। जुलाई, अगस्त और सितंबर का मौसम ऐसा है जिसमें उत्तर भारत में सबसे ज्यादा डेंगू के मामले हर साल पाए जाते हैं।
डॉ. कटारिया द्वारा बताए गए डेंगू के सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं:
तेज बुखार
सिर में दर्द
आंखों के पीछे दर्द
मांसपेशियों में दर्द
जोड़ों में दर्द
बाद के चरण में शरीर पर चकत्ते आना
कभी-कभी नाक या मुँह से रक्तस्राव
पेट में दर्द
उल्टी होना या उल्टी का मन होना
डॉ. कटारिया डेंगू बुखार के तीन प्रमुख चरणों के बारे में बताती हैं:
1. बुखार का चरण
यह चरण तीन से सात दिन तक रह सकता है, परंतु अधिकांश लोगों में पांच दिन का होता है
इस चरण में बुखार रहता है
2. कैपिलरी लीक फेनोमेना चरण
यह चरण 24 से 48 घंटे का होता है
यह सबसे अधिक गंभीर चरण है
इस चरण में:
हीमोकंसेंट्रेशन (हीमोग्लोबिन बढ़ना)
उल्टी आने की इच्छा
शरीर में जगह-जगह पानी इकट्ठा होना (प्लूरल कैविटी में, पेट में)
रक्तचाप कम हो सकता है
3. रिकवरी का चरण
इस चरण में सभी लक्षण धीरे-धीरे ठीक होने लगते हैं
मरीज धीरे-धीरे अपनी पुरानी ताकत प्राप्त करने लगता है
डॉ. कटारिया सलाह देती हैं कि यदि किसी व्यक्ति को निम्नलिखित लक्षण हों, तो उन्हें तुरंत अस्पताल जाना चाहिए और चिकित्सा देखभाल लेनी चाहिए:
पेट में तेज दर्द
बार-बार उल्टी
आंखें कम दिखना
पेशाब कम आना
किसी भी स्थान से रक्तस्राव होना
डॉ. कटारिया बताती हैं कि डेंगू की पुष्टि के लिए दो प्रकार के परीक्षण होते हैं:
1. एंटीजन टेस्ट
सामान्यतः NS1 एंटीजन परीक्षण के रूप में जाना जाता है
यह परीक्षण बुखार के पहले दिन से ही कराया जा सकता है
इस समय वायरस शरीर में मौजूद होता है
2. एंटीबॉडी टेस्ट
दो प्रकार के होते हैं: IgM और IgG
IgM नए संक्रमण को दर्शाता है
IgM एंटीबॉडीज शरीर में कुछ दिनों के बाद बनने लगती हैं
एक हफ्ते के बाद IgG एंटीबॉडीज बनती हैं
डेंगू एक गंभीर बीमारी हो सकती है, विशेष रूप से इसके दूसरे चरण में। लक्षणों को पहचानना और समय पर चिकित्सा देखभाल प्राप्त करना महत्वपूर्ण है। डॉ. कटारिया की जानकारी हमें इस बीमारी को समझने और इससे निपटने में मदद करती है।
डेंगू वायरस के कितने प्रकार हैं?
डेंगू वायरस के चार प्रकार हैं - टाइप 1, 2, 3 और 4।डेंगू का प्रसार कैसे होता है?
डेंगू का प्रसार एडीस इजिप्टी नामक मच्छर के काटने से होता है।डेंगू का सबसे गंभीर चरण कौन सा है?
कैपिलरी लीक फेनोमेना चरण, जो 24 से 48 घंटे का होता है, सबसे अधिक गंभीर होता है।किन लक्षणों पर तुरंत अस्पताल जाना चाहिए?
पेट में तेज दर्द, बार-बार उल्टी, आंखें कम दिखना, पेशाब कम आना, या किसी भी स्थान से रक्तस्राव होने पर तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए।डेंगू का परीक्षण कब करवाना चाहिए?
NS1 एंटीजन परीक्षण बुखार के पहले दिन से ही कराया जा सकता है, जबकि एंटीबॉडी परीक्षण (IgM) कुछ दिनों बाद और IgG परीक्षण एक हफ्ते बाद प्रभावी होता है।