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खेल खेलते समय होने वाली हाथ और कलाई की सामान्य चोटें

मानव शरीर की गति जोड़ों, लिगामेंट, टेंडन, और हड्डियों की वजह से संभव होती है। हमारे हाथ हमें मजबूती और कौशल के साथ कई कार्य करने की अनुमति देते हैं। खेल, प्रशिक्षण, या व्यायाम के दौरान होने वाली चोट को स्पोर्ट इंजरी कहते हैं। अधिकांश चोटों का कारण खेल के दौरान लापरवाही, अत्यधिक प्रशिक्षण, खेल और शरीर तकनीकों की कम जानकारी होते हैं। कई विशेषज्ञों के अनुसार कम से कम 25% खेल संबंधित चोटों में हाथ या कलाई की चोटें शामिल होती हैं।

 

खेल-संबंधित हाथ या कलाई की चोटें

 

एक हाथ और कलाई में 25 से अधिक मांसपेशियाँ और 27 हड्डियां होती हैं, इसके साथ ही कई रक्त वाहिकाएँ, तंत्रिकाएँ और लिगामेंट उपस्थित होते हैं। खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों में खेल के दौरान हाथ और कलाई में चोट आना एक बेहद सामान्य स्थिति होती है। यदि इसे अनदेखा किया जाए तो यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डाल सकती है। हाथ या कलाई से संबंधित चोटों का ज्ञान चिकित्सकों या फिजियोथेरेपिस्ट्स को समस्या का निदान करने और प्रभावी उपचार योजना बनाने में बहुत मदद कर सकता है। चोट की अवधि के दौरान सावधानी और देखभाल रखना बहुत महत्वपूर्ण होता है, ताकि चोट पर दबाव पड़े या चोट ओर खराब हो।

 

खेल-संबंधित हाथ या कलाई की चोटों के प्रकार 

 

खेल के दौरान हाथ और कलाई में चोट निम्न प्रकार की हो सकती है:

 

  • एक्यूट (ट्रॉमेटिक) चोट 
  • क्रॉनिक (अति प्रयोग के कारण) चोट

 

हाथ और कलाई की चोट की गंभीरता विभिन्न कारकों जैसे कि गिरने का बल, खेल का प्रकार, प्रभावित क्षेत्र, पर निर्भर करती है। ऐसे खेल जिनमें अन्य खिलाड़ियों के साथ अत्यधिक संपर्क होता है, जैसे मुक्केबाजी, कबड्डी, फुटबॉल, हैंडबॉल, या कुश्ती, उनमें हाथ और कलाई में गंभीर चोटें आने का ख़तरा अधिक होता है। इनमें निम्न प्रकार की चोटें सकती हैं:

 

  • स्ट्रेन और मोच
  • जोड़ उखड़ना (Joint dislocations)
  • सूजन आना 
  • लिगामेंट का फटना
  • उंगलियों, बांह, कलाई आदि में फ्रैक्चर 

 

अगर समय पर उपचार ना किया जाये तो हाथ और कलाई से संबंधित चोट खराब हो सकती है और दीर्घकालिक समस्याओं में बदल सकती है।

 

हाथ और कलाई में क्रॉनिक चोटों के कई कारण हो सकते हैं, जिसमें बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, टेनिस, क्रिकेट, गोल्फ आदि जैसे खेलों में एक ही प्रकार की गति बार-बार होना शामिल है। एक्यूट चोटों के विपरीत, क्रॉनिक हाथ और कलाई की चोटों के परिणामस्वरूप दीर्घकालिक विकलांगता होने की संभावना कम होती है। इसमें मुख्य चोटें निम्न हैं:

 

  • टेंडोनाइटिस: टेंडन में सूजन और टीयर 
  • टेंडन डिस्लोकेशन 
  • लिगामेंट डिस्लोकेशन और टीयर 
  • स्ट्रेस फ्रैक्चर 

 

एक्यूट और क्रॉनिक चोटें आपके एथलेटिक प्रदर्शन को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती हैं और अकैडमी में संभावित खेल छात्रवृत्ति की संभावना को प्रभावित कर सकती हैं।

 

यदि आपको हाथ और कलाई में निरंतर दर्द या असहजता महसूस हो रही है, तो एक ऑर्थोपेडिक के साथ सही सलाह और उपचार योजना के लिए एक अपॉइंटमेंट बुक करें।

 

कुछ विशिष्ट हाथ और कलाई समस्याएँ निम्न हैं:

  • उंगली में फ्रैक्चर 
  • हाथ की हड्डी में फ्रैक्चर 
  • कलाई का विस्थापन
  • कलाई में खिंचाव
  • स्काफॉइड कलाई की हड्डी का टूटना
  • कार्पल टनल सिंड्रोम
  • डिस्टल रेडियस फ्रैक्चर 
  • रिफ्लेक्स सिम्पाथेटिक डिस्ट्रोफ़ी
  • दे केरवेन टेंडिनाइटिस

 

खेल के दौरान सामान्य हाथ और कलाई से संबंधित चोट के जोखिम कारक

 

खेल गतिविधियों में कई जोखिम शामिल होते हैं। जोखिमों को पहचानना और अप्रिय दुर्घटनाओं से खुद को और टीम के अन्य साथियों को चोट लगने से बचाना ज़्यादा महत्वपूर्ण है। कुछ खेल-संबंधित जोखिम कारक निम्नलिखित हैं:

  • खेल या प्रशिक्षण सत्र में भाग लेने के समय आभूषण पहनना
  • हल्की खिंचाव या चोट होने के बाद भी मांसपेशियों का अत्यधिक उपयोग 
  • खेल-विशिष्ट कौशल में महारत हासिल करने में असमर्थता
  • खेल जैसे क्रिकेट, फुटबॉल, मुक्केबाजी आदि में सुरक्षा उपकरण ना पहनना या सही तरह से ना पहनना 

 

खेल-संबंधित हाथ और कलाई की चोट से बचाव

 

किसी खेल विशेषज्ञ से विशिष्ट खेल के कौशल को सही तरह से समझना और सीखना और उसमें महारत हासिल करना महत्वपूर्ण होता है। किसी भी प्रकार के खेल में कौशल और हाथ और कलाई की मांसपेशियों के सही उपयोग को समझना महत्वपूर्ण है। अपने हाथ और कलाई की देखभाल के लिए और खेल-संबंधित चोटों को रोकने के लिए निम्नलिखित कुछ सुझाव दिए गए हैं:

 

  • खेलने से पहले दस्ताने, गार्ड और कलाई ब्रेस जैसे सुरक्षा उपकरण पहनें
  • खेल गतिविधियों या प्रशिक्षण सत्रों से पहले वार्म-अप करना महत्वपूर्ण होता है ताकि मांसपेशियों में चोट और शॉक से बचाया जा सके
  • खेल के बीच में ब्रेक लें और हाथ और कलाई की स्ट्रेचिंग करें 
  • प्रशिक्षण या खेलते समय अपने पॉस्चर को बनाये रखें
  • यदि आपको मांसपेशियों में दर्द या मामूली चोट हो तो लंबे समय विकलांगता से बचने के लिए कुछ समय के लिये व्यायाम और खेलने से बचे।

 

खेल-संबंधी हाथ और कलाई की चोट का इलाज

 

हाथ और कलाई में खेल-संबंधित चोट के उपचार प्रक्रिया इसके प्रकार और गंभीरता पर निर्भर करती है। आमतौर पर सामान्य चोट के लिये निम्नलिखित उपचार शामिल होते हैं:

  • दवाएँ: - चोट के उपचार के लिए डॉक्टर आपको पेनकिलर, एंटी-इंफ्लेमेटरी मलहम, गोलियाँ या स्टेरॉयड इंजेक्शन लेने की सलाह दे सकते हैं।
  • फिजियोथेरेपी: - दवाओं के साथ-साथ, डॉक्टर फ्रैक्चर और स्प्रेन को तेजी से ठीक करने के लिए फिजियोथेरेपी की सलाह देते हैं।
  • हाथ और कलाई का सपोर्ट: - ब्रेस, स्प्लिंट, प्लास्टर और टेपिंग चोटिल हिस्से की न्यूनतम गति और जल्दी ठीक होने की प्रक्रिया को सुनिश्चित करते हैं। टेपिंग द्वारा डॉक्टर घायल उंगली को सहारा देने के लिए पड़ोसी की उंगली पर टैप करते हैं। यदि आपके मोच या फ्रैक्चर हुआ है तो डॉक्टर आमतौर पर कास्ट या प्लास्टर लगाते हैं।
  • सर्जरी: - अन्य उपचार विधियों द्वारा आराम ना मिलने पर डॉक्टर सर्जरी की सलाह देते हैं। जनरल एनेस्थीसिया का उपयोग कर चिकित्सक हड्डी के विस्थापन (dislocation), लिगामेंट और कार्टिलेज टूटने को सही करते हैं या सपोर्ट के लिए आंतरिक स्प्लिंट लगाते हैं। इस दौरान आपको अपने चोटिल हाथ या कलाई पर दबाव डालने से बचने के लिए सावधानी बरतनी होगी।

 

सामान्य दिनचर्या में यदि आपको हाथ और कलाई में स्थायी दर्द, सूजन या असहजता महसूस हो रही है, तो एक आर्थोपेडिक के पास जाकर उचित और समय पर उपचार प्राप्त करें। 

 

निष्कर्ष 

 

खिलाड़ियों में हाथ और कलाई से संबंधित चोटें आना आम होता हैं। एक्यूट और क्रॉनिक चोट से बचने के लिए खेल से पहले सतर्कतापूर्वक कदम उठाना एक महत्वपूर्ण चरण होता है। एक खिलाड़ी के रूप में, आपको खेल की सही तकनीक को समझना चाहिए और हाथ और कलाई को चोट का संभावित नुकसान रोकने के तरीक़े भी पता होने चाहिए। यदि आपको चोट लगते ही तत्काल सूजन, दर्द और कलाई या हाथ को हिलाने में कठिनाई हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें ताकि आपको समय पर उचित उपचार मिल सके। रिकवरी की अवधि चोट की गंभीरता और प्रभावित हिस्से पर निर्भर करती  है।

Dr. Ashok Rajgopal
Orthopaedics
Meet The Doctor
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