जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान कराना क्यों जरूरी है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की गाइडलाइंस के अनुसार सामान्य अथवा सिजेरियन प्रसव दोनों ही स्थितियों में नवजात शिशु को जन्म के तुरंत बाद या एक घंटे के भीतर स्तनपान कराना जरुरी है। दरअसल, मां का पहला दूध कोलोस्ट्रम कहलाता है जो नवजात शिशु के लिए वरदान होता है, यदि बच्चे को ये वरदान जन्म के एक घंटे के भीतर नही मिलता है तो उसकी जिंदगी खतरे में पड़ सकती है। रिसर्च के अनुसार पहले घंटे में स्तनपान नही कराने पर नवजात की मौत की आशंका 33 फीसदी तक बढ़ जाती है। यदि नवजात शिशु के जन्म के 24 घंटे तक भी माँ का दूध नहीं मिलता है तो मौत का खतरा दोगुना हो जाता है।
जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान कराने के फायदे -
नवजात के जन्म के पहले घंटे को गोल्डन ऑवर कहा जाता है। गोल्डन ऑवर में होने वाली गतिविधिया शिशु और माँ दोनों के लिए महत्वपूर्ण होती है। गोल्डन ऑवर में शिशु और माँ के बीच त्वचा से त्वचा का संपर्क होने पर दोनों के बीच रिश्ता मजबूत होता है तथा नवजात की हाइपोथेलेमस की बीमारियों से बचाव प्रदान करता है | मजबूत होता है। गोल्डन ऑवर में स्तनपान कराने से स्तनपान की सफलता दर बढ़ जाती है।
जन्म के पहले घंटे में शिशु को स्तनपान कराने से शिशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है। इससे निमोनिया और डायरिया जैसे गंभीर रोगों से शिशु का बचाव होता है।
जन्म के पहले घंटे में शिशु को स्तनपान करने से माँ के स्तनों में दुध के जल्दी स्त्राव में मदद मिलती है। शिशु भी जन्म के पहले घंटे में बहुत सक्रिय होता है और तेजी से दूध पीना सीखता है।
जन्म के पहले घंटे में माँ को आने वाला गाढ़ा पीला दूध कोलोस्ट्रम कहलाता है। कोलोस्ट्रम में जरुरी पोषक तत्व होते है जो शिशु के रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और शारीरिक और मानसिक विकास के लिए आवश्यक होते है।
जन्म के पहले घंटे में शिशु को स्तनपान कराना शिशु के साथ ही माँ के स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है। पहले घंटे का स्तनपान माँ को स्तन कैंसर से बचाता है इसके साथ ही 6 महीने तक स्तनपान कराने से गर्भधारण करने के चांसे
Leave a Reply
पिछला बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन क्या है, यह किस बीमार...
Next Gastrointestinal Cancer – Its Symptoms, ...