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महिलाओं में रजोनिवृत्ति (Menopause) के बारे में 10 ऐसी बातें पता होनी चाहिए।

महिलाओं में मासिक धर्म (menstruation) का एक स्थायी अंत रजोनिवृत्ति होता है। और आमतौर पर महिलाओं के 40’s के आख़िरी या 50’s के शुरू के सालों में होता है। रजोनिवृत्ति के दौरान महिलाओं में अंडाशय द्वारा एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का उत्पादन कम होने लगता है, जिससे उष्णता लगना (hot flashes), वजन बढ़ना या योनि का सूखापन जैसे लक्षणों में वृद्धि होती है। यह ध्यान रखने की बात है की रजोनिवृत्ति कोई बीमारी नहीं है बल्कि एक महिला के जीवन चक्र का एक महत्वपूर्ण चरण है।

 

महिलाओं में रजोनिवृत्ति किस उम्र में होती है?

महिलाओं में रजोनिवृत्ति की शुरुआत के लिए औसतन आयु 46 वर्ष है। अधिकांश महिलाओं में 45 से 55 वर्ष की आयु के बीच मासिक धर्म आना बंद हो जाता है। हालाँकि, महिलाओं में अंडाशय का कार्य रजोनिवृत्ति से कुछ वर्षों पहले घटना शुरू हो जाता है। जबकि कुछ महिलाओं को 50 की उम्र के बाद भी मासिक धर्म जारी रहता है। यद्यपि रजोनिवृत्ति की उम्र आपका अनुवांशिकी निर्धारित करती है, लेकिन धूम्रपान और कीमोथेरेपी जैसे उपचार भी ओवरी के कार्य में गिरावट को तेज कर सकते हैं, जिसके कारण कुछ महिलाओं में समय से पहले रजोनिवृत्ति हो सकती हैं।

 

पेरिमेनोपॉज़ और मेनोपॉज़ में क्या अंतर है?

पेरिमेनोपॉज़ रजोनिवृत्ति की शुरुआत होने से ठीक पहले का समय है। यह एक परिवर्तन अवधि है जिसमें अंडाशय से हार्मोन का उत्पादन कम होने लगता है। उष्णता लगना और अनियमित मासिक धर्म पेरिमेनोपॉज़ अवधि का मुख्य संकेत होते हैं। जब आपका मासिक धर्म लगातार 12 महीनों तक नहीं आता है, तो इसका मतलब आप रजोनिवृत्ति में प्रवेश कर रही हैं।

 

एस्ट्रोजेन हार्मोन के स्तर में कमी के कारण उत्पन्न होने वाले लक्षण कौन से हैं?

उष्णता लगना एस्ट्रोजेन हार्मोन के स्तर में कमी का मुख्य लक्षण है, और लगभग 75% महिलायें रजोनिवृत्ति के दौरान महसूस करती हैं। अन्य लक्षणों में थकान, ध्यान केंद्रित करने में परेशानी, अवसाद या योनि लूब्रिकेशन में कमी के कारण संभोग में दर्द महसूस होना, और स्तन में दर्द शामिल हैं। कुछ महिलाओं को मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द (आर्थ्राल्जिया) या मूड स्विंग भी हो सकते है।

 

उष्णता लगना (hot flashes) कैसा लगता है?

हॉट फ्लैश के दौरान, आप शरीर के तापमान में काफी वृद्धि महसूस करते हैं।यह आपके ऊपरी शरीर और त्वचा को ज़्यादा प्रभावित करती है, जिसके कारण लाली या दागदार त्वचा हो जाती है। शरीर के तापमान में इस अचानक वृद्धि के कारण अत्यधिक पसीना, पल्पिटेशन, और चक्कर महसूस हो सकते हैं। हॉट फ़्लैश के ठीक बाद आपको ठंड लग सकती है। इसकी तीव्रता अलग अलग महिलाओं में भिन्न-भिन्न हो सकती है और आमतौर पर 30 सेकंड और 10 मिनट तक रह सकती है।
इसकी आवर्ती भी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न हो सकती हैं, कुछ में यह रोज़ या दिन में कई बार हो सकती है, जबकि अन्य के लिए एक वर्ष या कई वर्षों के दौरान हॉट फ्लैश हो सकती है।

 

क्या हॉट फ्लैश को रोका जा सकता है?

हॉट फ्लैश को रोका नहीं जा सकता है, लेकिन ट्रिगर कारक से बचकर हॉट फ्लैश की बारम्बारता को कम किया जा सकता है। हॉट फ्लैश को बढ़ाने वाले कुछ ट्रिगर शराब, निकोटीन, कैफीन, तनाव, मोटापा, मसालेदार भोजन और गर्म मौसम हैं। यदि आपसे हॉट फ्लैश सहन नहीं हो रहें हो तो अपने चिकित्सक से बात करें। बर्थ कंट्रोल पिल, हार्मोन थेरेपी, और अन्य नुस्खे वाली दवाएं हॉट फ्लैश की आवर्ती और तीव्रता को कम करने में सहायक हो सकती हैं। हॉट फ्लैश के दौरान गहरी साँस लेने का अभ्यास (deep breathing exercise) इसके लक्षणों की तीव्रता को कम करता है।

 

रजोनिवृत्ति आपके हड्डीयों के स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करती है?

रजोनिवृत्ति के दौरान एस्ट्रोजेन हॉर्मोन के उत्पादन में गिरावट आने के कारण हड्डियों में कैल्शियम का ब्रेक डाउन होने लग जाता है। जिससे हड्डियों का घनत्व कम होने लग जाता है, और ऑस्टियोपोरोसिस नामक बीमारी हो सकती है। अपने अंतिम मासिक धर्म के बाद पहले कुछ वर्षों में महिलाओं में हड्डियों के घनत्व में तेज़ी से कमी होने लगती है जिससे महिलाओं मे कूल्हे, रीढ़ और अन्य हड्डी के फ्रैक्चर होने की संभावना बढ़ जाती है। हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आपको कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ (डेयरी और पत्तेदार सब्ज़ियाँ) अधिक खानी चाहिए और विटामिन D के सप्लीमेंट लेने चाहिए। धूम्रपान और शराब का सेवन हड्डियों के स्वास्थ्य को और खराब करता है, इसलिए इससे सेवन से बचना चाहिए। वजन नियंत्रण और अन्य व्यायामों को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से भी हड्डियों के स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है।

 

क्या हृदय रोग रजोनिवृत्ति से जुड़ा हुआ है?

एस्ट्रोजन हार्मोन का कम स्तर आपके शरीर की धमनियों का लचीलापन कम करता है जिससे हृदय का कार्य प्रभावित होता है। यह स्पंदन (palpitation) और चक्कर आना जैसे लक्षणों का कारण भी होता है। स्वस्थ वजन को नियमित रखना, संतुलित आहार करना, और रोज़ाना व्यायाम करने से रजोनिवृत्ति से जुड़ी हृदय की बीमारियाँ होने की संभावना कम हो सकती है।

 

क्या रजोनिवृत्ति में वजन बढ़ना सामान्य है?

उम्र बढ़ने के साथ-साथ हार्मोन के स्तर में बदलाव आपके वजन बढ़ने का कारण हो सकता है। संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, और स्वस्थ आदतों को अपनाने से वजन नियंत्रण में मदद मिल सकती है। अधिक वजन होने से आपमें हृदय रोग, मधुमेह, और अन्य बीमारीयों का खतरा भी बढ़ सकता है।

 

क्या रजोनिवृत्ति के लक्षण व्यक्तियों में भिन्न हो सकते है?

हां, रजोनिवृत्ति के लक्षण एक महिला से दूसरी महिला में अलग-अलग हो सकते हैं, भले ही वे एक ही परिवार की क्यों ना हों। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उम्र और अंडाशय के कार्य में कमी की दर सभी महिलाओं में बहुत अलग होती है। रजोनिवृत्ति सब में एक समान नहीं होती। कुछ महिलाएं बिना किसी दिक़्क़त के रजोनिवृत्ति
तक पहुंच जाती हैं। अपने रजोनिवृत्ति के लक्षणों को जानने के लिए डॉक्टर से परामर्श करें और यदि आपको लगता है कि ये लक्षण आपके दिन-प्रतिदिन के कामकाज में दिक़्क़त कर रहे हैं तो उन्हें नियंत्रित करने के तरीकों के बारे में डॉक्टर से सलाह करें।

 

क्या हार्मोन रिप्लेसमेंट रजोनिवृत्ति की समस्याओं के नियंत्रण के लिए एक सुरक्षित विकल्प है?

कई हार्मोन थेरेपी हॉट फ़्लैश के इलाज और हड्डियों के नुकसान को रोकने के लिए कारगर होते हैं। लेकिन वे सभी के लिए उपयुक्त नहीं हो सकते। यदि आपको कोई चिकित्सीय बीमारी है तो हार्मोनल थेरेपी आपके लिए उपयुक्त नहीं हो सकती है। हार्मोनल थेरेपी के बिना अपनी जीवनशैली में परिवर्तन कर के आप रजोनिवृत्ति के कई लक्षणों को नियंत्रित कर सकते हो। यह याद रखें कि रजोनिवृत्ति एक महिला के जीवन चक्र का एक स्वाभाविक चरण है। रजोनिवृत्ति से संबंधित किसी भी समस्या से निपटने के लिए अपने डॉक्टर से नियमित संपर्क में रहें।

 

This blog is a Hindi version of an English-written blog - 10 Things Women Should Know About Menopause

Dr. Sabhyata Gupta
Gynaecology and GynaeOncology
Meet The Doctor
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