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बच्चों के नेत्र स्वास्थ्य के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के स्वास्थ्य संबंधी खतरे

बच्चों के नेत्र स्वास्थ्य के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के स्वास्थ्य संबंधी खतरे

डिजिटल मल्टीमीडिया उपकरण जैसे स्मार्टफोन और टैबलेट कंप्यूटर हमें आधुनिक तरीके से बच्चों की शिक्षा में सहायता करते हैं। आजकल 5 से 16 वर्ष की आयु के बच्चे अपने टेलीविजन, मोबाइल या टैबलेट के साथ लगभग 6 घंटे का स्क्रीन टाइम बिताते हैं।

 

हालांकि, नए अध्ययनों के अनुसार, शिशुओं और छोटे बच्चों को कम उम्र में इतने सारे डिजिटल उपकरणों के संपर्क में लाने से विकासात्मक समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।

 

आपके बच्चे की आँखों के लिए स्क्रीन टाइम क्यों हानिकारक है?

 

स्क्रीन से निकली यूवी ऊर्जा, शोर्ट-वेवलेंथ, और नीला प्रकाश अन्य किसी दूसरे दृश्यमान प्रकाश किरण से अधिक आसानी से छितरता है और सही ढंग से केंद्रित (focused) भी नहीं होता है। यह अनफोकस्ड विज़ुअल नॉइज़ कंट्रास्ट को कम करता है और आँख को तनाव देता है।

 

डिजिटल उपकरण ऊँचे स्तरों पर नीले प्रकाश का उत्पादन करते हैं और इसके लंबे समय तक संपर्क में रहने से कई आँखों से जुड़ी बीमारियाँ जैसे डिजिटल आई स्ट्रेन हो सकती है।

 

डिजिटल स्क्रीन से निकले नीले प्रकाश के अत्यधिक संपर्क में रहने से केवल आपके बच्चे की दृष्टि को क्षति पहुंचती है बल्कि यह भविष्य में कई स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों को भी बढ़ाती है।

 

आपके बच्चे में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से क्या नेत्र स्वास्थ्य संकट हो सकते हैं?

 

स्क्रीन पर अधिक समय (आमतौर पर 3 घंटे से अधिक) बिताने वाले बच्चों में निम्नलिखित आँखों से जुड़ी समस्याएँ होने का खतरा अधिक होता है:

 

कंप्यूटर विज़न सिंड्रोम

कंप्यूटर विज़न सिंड्रोम, या डिजिटल आई स्ट्रेन, लंबे समय तक डिजिटल स्क्रीन से संपर्क के कारण होने वाली आँखों से जुड़ी समस्याओं का एक समूह होता है। ऐसे बच्चे जो इन उपकरणों पर बहुत समय बिताते हैं, खासकर गलत पोजिशन या अपर्याप्त प्रकाश के कारण, उनमें आँखों को तनाव होने का खतरा होता है। डिवाइस पर लगी एलईडी नीले प्रकाश की सबसे अधिक मात्रा निकालती है जो आँखों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है।

 

नजदीकी दृष्टि कमजोर होना

ऐसे बच्चे जो डिजिटल स्क्रीन पर अधिक समय बिताते हैं और अपनी आँखों पर ज़ोर देते हैं, उन्हें मियोपिया या नजदीकी दृष्टि दोष की स्थिति हो सकती है। यह स्थिति आँखों के ऑयबॉल के लंबा होने के कारण होती है, जिसके कारण आने वाली प्रकाश की सही ढंग से रेटिना पर फोकस नहीं हो पता है। इसके परिणामस्वरूप नजदीकी दृष्टि की समस्या होती है, जिसके कारण दूर स्थित वस्तुओं को देखने में दिक़्क़त होती है।

 

पीडियाट्रिक ड्राई आई डिजीस

स्मार्टफोन और अन्य डिजिटल उपकरणों के उपयोग में हुई वृद्धि के कारण बच्चों में ड्राई आई डिजीज (DED) हो सकता है। विभिन्न अध्ययनों के अनुसार उपकरणों से प्रभावित लंबे समय तक कम आँख झपकने की दर के कारणलब्रिकेटिंग टीयर फ़िल्म”  के पानी का वाष्पीकरण हो जाता है, जिससे आँखों में खुजली और सूखापन जाता है। इसके अलावा, अधूरी झपकी के कारण (जब ऊपरी पलक नीचे की पलक को छू नहीं पाती है) आँख की सतह पर इस टीयर फ़िल्म का एक समान फैलाव नहीं हो पाता है, जिससे ड्राई आई (dry eye) हो सकती है।

 

आँखों में थकान (eye fatigue)

बच्चे डिजिटल स्क्रीन पर कुछ देखते समय या खेलते वक़्त समय का ध्यान नहीं रखते हैं। हमारी आँखों को बीच-बीच में ब्रेक की ज़रूरत होती है, खासकर जब स्क्रीनों से आने वाला नीला प्रकाश आँखों पर ग्लैरिंग इफ़ेक्ट और तनाव उत्पन्न करता है। इसके परिणामस्वरूप आँखों में थकान और फोकस करने में दिक़्क़त होती है। यह आमतौर पर एक छोटी समस्या है और कुछ घंटों के भीतर आँखें फिर से स्वतः ठीक हो जाती हैं।

 

डिजिटल स्क्रीन के लंबे समय तक संपर्क में रहने से आपके बच्चे में अन्य स्वास्थ्य प्रभाव भी हो सकते हैं। जिनमें से निम्नलिखित मुख्य हैं:

  • नींद के पैटर्न का बिगाड़ना
  • मानसिक विकास में बाधा पैदा करना
  • मोटापे का जोखिम बढ़ना
  • गर्दन और पीठ दर्द का ट्रिगर करना

 

आप अपने बच्चे के स्क्रीन टाइम को कैसे सीमित कर सकते हैं?

 

यद्यपि अपनी नींद पूरी करने या घर के काम करने के लिए आवश्यक समय निकालने के लिए कई घंटे तक डिजिटल स्क्रीन देकर आपके बच्चे को व्यस्त रखने का विचार आपको प्रलोभन देता है, परंतु यह बच्चे के स्वास्थ्य पर कई नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

 

नीचे दिये गये कुछ सरल टिप्स का पालन करके आप अपने बच्चे के स्क्रीन टाइम को सीमित कर सकते हैं:

  • समय सीमित करें: अपने बच्चे को स्क्रीन के लिए समय निर्धारित करें और उसे इस समय सारणी के आदी करें। पूरे दिन में स्क्रीन टाइम को बराबर मात्रा में बाँटें और बीच-बीच में छोटे विश्राम और अंतराल लें।
  • समय-समय पर चीट डे भी दें: अपने बच्चे को एक या दो दिन का इन निर्धारित सारणी से ब्रेक दें, कुछ समय के लिए उनकी पसंदीदा कार्टून या वीडियो का आनंद लेने दें। इससे उन्हें यह पता चलता है कि इस एक समय सारिणी का पालन करने पर यह पुरस्कार के रूप में मिला है।
  • इसे आदत बनाएँ: अपने बच्चे से हमेशा इन उपकरण का उपयोग करने का कारण पूछें। वे उसे सिर्फ इसलिए उपयोग में करें कि वे बोर हो रहे हैं या उन्हें ये देखने कि आदत हो चुकी है।
  • आउटडोर गतिविधियों में शामिल करें: अपने बच्चे को आउटडोर गतिविधियों में शामिल होने, नई कौशल सीखने या कुछ उत्पादक कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करें। उनके साथ समय बिताएँ और यह सुनिश्चित करें कि वे अपने समय को स्क्रीन के बिना मनोरंजन प्राप्त कर रहे हैं। इस तरीके से, उन्हें टेलीविजन, मोबाइल, या टैबलेट में मनोरंजन की खोज नहीं करनी पड़ेगी।
Medanta Medical Team
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