डेंगू के जटिलताओं से कैसे बचें?
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डॉ. सुशीला कटारिया के अनुसार, डेंगू या डेंगी एक वायरल रोग है जो समय के साथ स्वतः ही ठीक हो जाता है। इसका इलाज सिंप्टोमैटिक (लक्षण आधारित) है और इसके लिए कोई विशिष्ट एंटीवायरल दवा उपलब्ध नहीं है। हालांकि, कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर हम डेंगू की जटिलताओं से बच सकते हैं।
मानसून के मौसम में किसी भी बुखार के लिए डॉ. कटारिया की सलाह है कि:
सिर्फ पैरासिटामोल (पेरासिटामोल) का इस्तेमाल करें
नॉन-एंटी इन्फ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAIDs) का उपयोग बिल्कुल न करें
इंट्रामस्कुलर इंजेक्शन से बचें
डेंगू के दौरान डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) की रोकथाम सबसे महत्वपूर्ण है। डॉ. कटारिया सलाह देती हैं कि:
पानी का सेवन अधिक से अधिक करें
नींबू पानी, नारियल पानी, छाछ और लस्सी का सेवन करें
ये पेय डिहाइड्रेशन को रोकने में मदद करते हैं
डेंगू के दौरान आहार के संबंध में डॉ. कटारिया का सुझाव है:
हल्का-फुल्का भोजन करें
भूख के अनुसार खाएं
ऐसा भोजन लें जो पचाने में आसान हो
डॉ. कटारिया चेतावनी देती हैं कि:
किसी भी जानवर का बिना उबला दूध न लें
कई पत्तों का जूस मिलाकर पीने से प्लेटलेट्स पर कोई असर नहीं पड़ता, इसलिए इसे भी न ले
कई बार इन जूस से एसिडिटी की समस्या हो सकती है
डेंगू एक ऐसी बीमारी है जिसमें उचित देखभाल और कुछ सावधानियों से जटिलताओं से बचा जा सकता है। डॉ. कटारिया द्वारा बताई गई युक्तियां इस दौरान आपकी मदद कर सकती हैं।
क्या डेंगू के लिए कोई विशेष एंटीवायरल दवा है?
नहीं, डेंगू के लिए कोई विशेष एंटीवायरल दवा नहीं है। इसका इलाज मुख्य रूप से लक्षणों पर आधारित होता है।डेंगू में किस दवा का सेवन करना चाहिए?
डेंगू में सिर्फ पैरासिटामोल (पेरासिटामोल) का सेवन करना चाहिए। नॉन-एंटी इन्फ्लेमेटरी दवाओं से बचना चाहिए।डेंगू में डिहाइड्रेशन से कैसे बचें?
अधिक से अधिक पानी, नींबू पानी, नारियल पानी, छाछ और लस्सी का सेवन करके डिहाइड्रेशन से बचा जा सकता है।क्या पत्तों के जूस से प्लेटलेट्स बढ़ते हैं?
कई पत्तों का जूस मिलाकर पीने से प्लेटलेट्स पर कोई असर नहीं पड़ता है और इससे एसिडिटी भी हो सकती है।डेंगू के दौरान कैसा आहार लेना चाहिए?
उत्तर: हल्का-फुल्का भोजन जो पचाने में आसान हो और भूख के अनुसार खाएं। किसी भी जानवर का दूध नहीं लेना चाहिए।क्या डेंगू के मरीज को अस्पताल में भर्ती होना ज़रूरी है?
नहीं, सभी डेंगू मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता नहीं होती। अगर बुखार नियंत्रित है, प्लेटलेट्स बहुत कम नहीं हैं, और व्यक्ति ठीक से खा-पी रहा है, तो घर पर भी देखभाल संभव है। लेकिन उल्टी, पेट दर्द, ब्लीडिंग या कमजोरी जैसी जटिलताएं हों तो तुरंत अस्पताल जाना चाहिए।डेंगू में कौन-कौन से लक्षण खतरनाक माने जाते हैं?
पेट में तेज़ दर्द, लगातार उल्टी, पेशाब कम आना, नाक या मसूड़ों से खून आना, चक्कर आना, और ब्लड प्रेशर का कम होना — ये सभी गंभीर लक्षण हैं और इन पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।क्या डेंगू से बचाव के लिए कोई वैक्सीन है?
उत्तर: भारत में फिलहाल डेंगू के लिए कोई सार्वजनिक रूप से उपलब्ध टीका (वैक्सीन) नहीं है। बचाव के लिए मच्छरों से बचाव सबसे प्रभावी तरीका है।डेंगू के दौरान क्या पूरी तरह आराम करना ज़रूरी है?
हाँ, डेंगू के दौरान शरीर की इम्यूनिटी पहले से कमजोर होती है, इसलिए पर्याप्त आराम, नींद और तनाव से दूरी रखना जरूरी होता है। इससे रिकवरी तेज़ होती है।क्या डेंगू एक बार होने के बाद दोबारा हो सकता है?
हाँ, डेंगू चार अलग-अलग वायरस स्ट्रेन्स से होता है। अगर एक बार किसी स्ट्रेन से डेंगू हो चुका है, तो दोबारा किसी अन्य स्ट्रेन से संक्रमण संभव है, और दूसरी बार संक्रमण ज़्यादा गंभीर भी हो सकता है।