कोलोनोस्कोपी आपके कोलन की आंतरिक परत की जांच करने और आपकी बड़ी आंत (कोलन) और मलाशय में किसी भी समस्या का पता लगाने के लिए की जाने वाली एक प्रक्रिया होती है। यह आपके पेट और मलाशय के कैंसर का पता लगाने के लिए किए गए सबसे सटीक परीक्षणों में से एक होता है, और इसका उपयोग अक्सर पॉलीप्स (आपके कोलन की परत में असामान्य वृद्धि) और अन्य गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोगों के परीक्षण के लिए किया जाता है।
यदि आपमें निम्नलिखित में से कुछ लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो आपका डॉक्टर कोलोनोस्कोपी का सुझाव दे सकता है:
कोलोनोस्कोपी में आमतौर पर डॉक्टर आपके मलाशय द्वार से एक लचीली ट्यूब (कोलोनोस्कोप) को आपके आँत में डालते हैं। इस लचीली ट्यूब का व्यास आधा इंच और लंबाई लगभग 5 फीट होती है। आपके शरीर के अंदर जाने वाले ट्यूब के सिरे पर एक छोटा कैमरा और लाइट लगी होती है, जो आपके डॉक्टर को उनके कंप्यूटर में आपके कोलन और आँत के अन्य हिस्सों को देखने में मदद करता है।
परीक्षण से पहले, आपको एक दवा दी जाएगी जिससे आपको आराम मिलेगा और आपको थोड़ी नींद भी आ सकती है। आपको बाईं ओर करवट ले कर लेटने के लिए कहा जाएगा और फिर धीरे-धीरे ट्यूब आपके मलाशय द्वार से डाली जाएगी। डॉक्टर ट्यूब को तब तक अंदर डालेंगे जब तक यह आपकी बड़ी आंत तक नहीं पहुँच जाती। कोलोनोस्कोप को एडजस्ट करने के लिए आपको बीच-बीच में थोड़ा हिलने के लिए कहा जा सकता है।
कुछ मामलों में, यदि डॉक्टर को कोलोनोस्कोपी के दौरान कोई असमान्यता नज़र आती है, तो आगे के परीक्षण के लिए ‘स्नेयर' का उपयोग करके आपके ऊतक के छोटे टुकड़े एकत्रित किए जा सकते हैं, इस प्रक्रिया को बायोप्सी कहा जाता है। यह परीक्षण करने में लगभग 30 मिनट लगते हैं, और एक बार कोलोनोस्कोपी हो जाने के बाद, डॉक्टर पेट की अंदरूनी परत की सावधानीपूर्वक जाँच करते हुए धीरे-धीरे ट्यूब को मलाशय द्वार से बाहर निकाल देते हैं।
इस प्रक्रिया के बाद आपको थोड़ा आराम करने की सलाह दी जाती है, और थोड़ी देर बाद आप अपने घर जा सकते हैं, हालांकि डॉक्टर आपको सलाह देते हैं कि परीक्षण के तुरंत बाद आप स्वयं गाड़ी न चलाएं और न ही अपने आप को थकायें।
कोलोनोस्कोपी प्रक्रिया में कुछ जोखिम हो सकते हैं, जिसमें आपके कोलन या रेक्टल दीवार की परत में टीयर का विकास, प्रक्रिया के दौरान उपयोग की जाने वाली ऐनिस्थेटिक दवाओं के प्रति एलर्जी प्रतिक्रियाएँ और ऊतक का नमूना लेने वाली जगह से रक्तस्राव आदि शामिल होते हैं।
नीचे कुछ सावधानियाँ बताई गई हैं जिन्हें आप कोलोनोस्कोपी परीक्षण कराने से पहले अपना सकते हैं:
आप कोलोनोस्कोपी प्रक्रिया के बाद अगले कुछ दिनों के लिए क्या करें और क्या न करें के बारे में अपने डॉक्टर से पूछ सकते हैं। वे ज्यादातर आपको आहार संबंधी (प्रक्रिया के बाद असुविधा को बढ़ाने के लिए क्या नहीं खाना चाहिए) और दवाएँ (आपके मेडिकल इतिहास के आधार पर कुछ समय तक कौन सी दवाओं का सेवन नहीं करना चाहिए) के बारे में सुझाव देंगे।
कोलोनोस्कोपी के बाद कुछ रक्तस्राव होना एक आम बात होती है। यदि आप प्रक्रिया के बाद किसी असुविधा का अनुभव करते हैं तो अपने चिकित्सक को इसके बारे में सूचित करें।
40 साल की उम्र के बाद व्यक्ति को हर 10 साल में एक बार कोलोनोस्कोपी कराने की सलाह दी जाती है। हालाँकि, यदि आपके पहले परीक्षण में आँत में पॉलीप्स डायग्नोज़ हुए हैं, तो डॉक्टर आपको इसे हर 5 से 10 साल में करवाने की सलाह देते हैं। आपके परीक्षण के परिणामों के आधार पर, आपको अन्य प्रक्रिया करवाने या निर्धारित कठोर निगरानी दिनचर्या का पालन करने के लिए कहा जाएगा।
यदि आपको लंबे समय तक भारी रक्तस्राव का अनुभव होता है, या ठंड लगना, बुखार या पेट में गंभीर ऐंठन महसूस होती है, तो अपने चिकित्सक से तुरंत संपर्क करें।
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