सर्दियों में ह्रदय की देखभाल कैसे रखें?

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सर्दियों का मौसम अधिकांश लोगों के लिए सुखद होता है, विशेषकर जब धूप का आनंद लिया जा सकता है। लेकिन डॉ. प्रमोद कुमार, मेदांता पटना के अनुसार, इस मौसम की अपनी विशिष्ट चुनौतियां भी हैं। सर्दियों में हृदय की देखभाल के लिए विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है, क्योंकि इस मौसम में शरीर में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन होते हैं।
सर्दियों में शरीर पर होने वाले प्रभाव
जाड़े के मौसम में तापमान गिरने और प्रदूषण बढ़ने से हमारे शरीर में कई बदलाव आते हैं। डॉ. कुमार बताते हैं कि इस दौरान:
हमारा रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) थोड़ा बढ़ जाता है
शारीरिक क्षमता (कैपेसिटी) थोड़ी कम हो जाती है
नाड़ियाँ सिकुड़ जाती हैं
इन परिवर्तनों के कारण, विशेष रूप से हृदय रोगियों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है।
सर्दियों में हार्ट अटैक का बढ़ता खतरा
विश्व भर में देखा गया है कि सर्दियों में हार्ट अटैक के मामले बढ़ जाते हैं। डॉ. प्रमोद कुमार बताते हैं कि जाड़े के मौसम में, विशेष रूप से सुबह के समय, हृदय संबंधी समस्याओं और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि शीतकाल में हार्ट अटैक की घटनाएँ चरम पर देखी गई है - यह स्थिति पूरी दुनिया में और भारत में भी समान है।
दिल की सेहत सर्दियों में विशेष सावधानियां
दिल की सेहत सर्दियों में विशेष ध्यान देने की मांग करती है। डॉ. कुमार ने हृदय रोगियों के लिए निम्नलिखित सावधानियां सुझाई हैं:
नियमित रक्तचाप की जांच: हफ्ते में तीन-चार बार, सुबह और शाम, अपने ब्लड प्रेशर की जांच अवश्य करें।
चिकित्सक से परामर्श: अगर ब्लड प्रेशर बढ़ता हुआ नजर आए, तो तुरंत अपने डॉक्टर से मिलें। कई बार दवा बढ़ाने की आवश्यकता पड़ सकती है।
अत्यधिक ठंड में न टहलें: जिन लोगों को हृदय की समस्या है, उन्हें अत्यधिक ठंड में बिल्कुल भी टहलने नहीं निकलना चाहिए। केवल तब बाहर टहलें जब धूप हो और आपको लगे कि ठंड का मौसम नियंत्रण में है।
शरीर को गर्म रखें: सर्दियों में अपने शरीर को उचित रूप से गर्म रखें।
शुगर नियंत्रित रखें: अपने रक्त शर्करा (ब्लड शुगर) के स्तर को नियंत्रित रखें।
सर्दियों में हृदय स्वास्थ्य और पर्यावरणीय कारक
सर्दियों में हृदय स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना चाहिए। डॉ. प्रमोद कुमार बताते हैं कि जाड़े के मौसम में प्रदूषण का स्तर भी बढ़ जाता है, जिससे हृदय और फेफड़ों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। फॉग (कोहरा) और स्मॉग (धुंध) विशेष रूप से हानिकारक हो सकते हैं और इनसे हृदय और फेफड़ों को नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए इन पर्यावरणीय कारकों से भी सावधानी बरतना आवश्यक है।
सर्दियों में हार्ट अटैक से बचने के उपाय
डॉक्टर प्रमोद कुमार ने सर्दियों में हार्ट अटैक से बचने के उपाय बताए हैं। उनके अनुसार, अगर आप निम्नलिखित बातों का ध्यान रखते हैं, तो आप आसानी से जाड़े का आनंद ले सकते हैं और हृदय आघात या स्ट्रोक से अपनी सुरक्षा कर सकते हैं:
नियमित व्यायाम: नियमित रूप से टहलें, लेकिन अत्यधिक ठंड में बाहर न जाएं। ऐसी स्थिति में घर के अंदर ही टहलें।
समय पर दवा: अपनी दवाइयां समय पर लें।
स्वास्थ्य मापदंडों की निगरानी: अपने सभी स्वास्थ्य मापदंडों (पैरामीटर्स) को नियंत्रण में रखें।
ब्लड प्रेशर और शुगर का नियंत्रण: अपने रक्तचाप और रक्त शर्करा को नियंत्रित रखें।
निष्कर्ष
सर्दियों में हृदय की देखभाल के लिए नियमित रूप से ब्लड प्रेशर की जांच करना आवश्यक है। डॉ. प्रमोद कुमार के अनुसार, जाड़े का मौसम हृदय रोगियों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन उचित सावधानी और देखभाल के साथ, इस सुहावने मौसम का सुरक्षित रूप से आनंद लिया जा सकता है। अपने ब्लड प्रेशर और शुगर को नियंत्रित रखें, उचित सावधानियां बरतें, और नियमित रूप से अपनी दवाइयां लें - इन सरल उपायों से आप सर्दियों में हृदय स्वास्थ्य बनाए रख सकते हैं और हार्ट अटैक या स्ट्रोक के जोखिम को कम कर सकते हैं।
अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न
सर्दियों में हृदय की समस्या बढ़ने का खतरा क्यों बढ़ जाता है?
सर्दियों में ठंड के कारण नाड़ियाँ सिकुड़ जाती हैं, जिससे रक्तचाप बढ़ता है और दिल पर अधिक दबाव पड़ता है।
हृदय रोगियों को सर्दियों के मौसम में कौन-सी सावधानियां बरतनी चाहिए?
सर्दियों में निम्नलिखित बातों का ध्यान रख हृदय रोगी मौसम का बेहतर आनंद उठा सकते हैं:
अत्यधिक ठंड में बाहर जाने से बचे
नियमित व्यायाम करें
रक्तचाप और रक्त शर्करा को नियंत्रित रखें
अपनी दवाएँ समय पर लें
ताजे फल-सब्जियां खाएं
गर्म पेय का सेवन बढ़ाएं
अधिक वसायुक्त, तैलीय और नमकयुक्त चीज़ों से बचें
क्या व्यायाम सर्दियों में भी सुरक्षित है?
सर्दियों में नियमित रूप से टहलें, लेकिन अत्यधिक ठंड में बाहर जाने के स्थान पर घर के अंदर ही टहलें।